मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम क्या है ?
मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम को हिंदी में अधिकतम शक्ति अन्तरण प्रमेय कहते है। यह प्रमेय विधुत ऊर्जा श्रोत से विधुत लोड के तरफ अधिकतम प्रवाहित होने वाली विधुत ऊर्जा की व्याख्या करता है। इस प्रमेय के अनुसार विधुत ऊर्जा श्रोत से जुड़े हुए लोड का कुल आंतरिक प्रतिरोध , विधुत ऊर्जा श्रोत के आंतरिक प्रतिरोध के बराबर हो जाये तो ऊर्जा श्रोत से अधिकतम मात्रा में ऊर्जा का परवाह लोड के तरफ होने लगता है।
किसी सर्किट में मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम उपयोग करने की प्रक्रिया
- स्रोत का थेवेनिन समतुल्य प्रतिरोध (Rth) ज्ञात करें।
- लोड प्रतिरोध (RL) को Rth के बराबर समायोजित करें।
- सर्किट का विश्लेषण करके शक्ति का मान ज्ञात करें।
विधुत परिपथ द्वारा प्रवाहित अधिकतम ऊर्जा का फार्मूला
सर्किट से जुड़े लोड में प्रवाहित होने वाली अधिकतम विधुत ऊर्जा के मात्रा को निचे दिए गए फार्मूला का मदद से ज्ञात किया जाता है।
मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम का उपयोग
- कम्युनिकेशन सिस्टम में एंटीना से रिसीवर को अधिकतम ऊर्जा ज्ञात करने के लिए
- ऑडियो एम्पलीफायर में स्पीकर को अधिकतम पावर प्रदान करने के लिए
- विधुत शक्ति वितरण में ग्रिड से लोड को अधिकतम ऊर्जा प्रदान करने के लिए
- बैटरी से चलने वाले उपकरण में प्रवहित होने वाली ऊर्जा ज्ञात करने में
मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु
- अधिकतम पावर ट्रांसफर के लिए दक्षता एफिशिएंसी 50% होती है।
- व्यावहारिक रूप से, लोड के प्रतिरोध को विधुत ऊर्जा स्रोत के प्रतिरोध से थोड़ा कम रखा जाता है जिससे की इसकी दक्षता को बढ़ाया जा सके।
- यह प्रमेय केवल डीसी सर्किट और एसी सर्किट में Resistive Load के लिए लागू होता है।
- अधिकतम शक्ति अन्तरण प्रमेय का उपयोग ट्रांसफॉर्मर के डिजाइन में भी किया जाता है।
- मैक्सिमम पावर ट्रांसफर थ्योरम को समझने के लिए, थेवेनिन के प्रमेय की जानकारी होना आवश्यक है।
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