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Thevenin's theorem in hindi : परिभाषा तथा उपयोग की पूरी जानकारी -इलेक्ट्रिकल डायरी

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Thevenin's theorem क्या है?

यह एक बहुत ही उपयोगी theorem है। इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में किसी भी काम्प्लेक्स सर्किट को Solve करने के लिए हम इस थ्योरम का उपयोग करते है। इस थ्योरम के मदद से  AC तथा DC दोनों प्रकार के काम्प्लेक्स सर्किट आसानी से Solve कर लिया जाता है। परन्तु इस थ्योरम के मदद से Circuit की एनालिसिस करते समय हमें KCL तथा KVL की जानकारी रखना अति आवशयक है। यदि आपको KCL तथा KVL की जानकारी नहीं है ,तो आप इस थ्योरम को आसानी से समझ नहीं पाएंगे। इसलिए हम आपको सुझाव देते है की Thevenin's Theorem को समझने से पहले किरचॉफ के दोनों नियम को जान ले। 
यदि आप पहले से ही किरचॉफ के नियम के बारे में जानते है तब तो आपको कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। 

Thevenin's Theorem  की परिभाषा 

इस थ्योरम के अनुसार किसी काम्प्लेक्स (जटिल) सर्किट को एक ऐसे सर्किट द्वारा दिखाया जा सकता है जिसमें एक Voltage Source (Vthके साथ सीरीज में सर्किट का सम्पूर्ण  रेजिस्टेंस (Rth) तथा लोड का रेजिस्टेंस जुड़ा हो। जैसा की नीचे दिखाया गया है। 
 इस थ्योरम के अनुसार सर्किट में जुड़े किसी लोड में प्रवाहीत विधुत धारा को उस लोड के टर्मिनल वोल्टेज को लोड के आंतरिक प्रतिरोध तथा लोड के टर्मिनल के बीच के पुरे सर्किट के प्रतिरोध के योग से भाग देकर किया जा सकता है। बसर्ते की यह एक Active Circuit हो। यदि लोड का आंतरिक प्रतिरोध R तथा लोड का टर्मिनल वोल्टेज  Vth तथा सर्किट का लोड के Across कुल Resistance  Rth हो तो लोड करंट I
thevenin's theorem

Process To Solve Circuit Using Thevenin's Theorem  

यदि आप किसी इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट को Solve करने के लिए Thevenin's theorem का उपयोग करने जा रहे है तब आपको इन सभी प्रोसेस को फॉलो करना चाहिए। 
  • सबसे पहले लोड को सर्किट से निकाल (Remove) कर दे। 
  • KCL या KVL का उपयोग करते हुए लोड टर्मिनल पर  वोल्टेज ज्ञात करे जिसे  Thevenin's Equivalent Voltage (Vth) कहते है। 
  • सर्किट को analize कर देखे की इसमें कितने वोल्टेज तथा करंट श्रोत  लगे हुए है। 
  • सर्किट में जुड़े Voltage Source को उसके आंतरिक प्रतिरोध (Internal Resistance) से शार्ट सर्किट तथा Current Source को सर्किट से Open Circuit कर दे। 
  • लोड टर्मिनल के Across सर्किट का कुल प्रतिरोध ज्ञात करे तथा इसे Thevenin's Equivalent Resistance (Rth) का नाम दे। 
जैसा की नीचे के सर्किट डायग्राम में दिखाया गया है। इस सर्किट में एक वोल्टेज श्रोत (V1) जिसका आंतरिक प्रतिरोध (r1) तथा इसके अतिरिक्त अन्य दो प्रतिरोध (r2 तथा r3)  जुड़े हुए है। इस सर्किट में लोड टर्मिनल C तथा D के बीच जुड़ा हुआ है।   
thevenin's theorem
ऊपर दिखाया गए सर्किट डायग्राम को  thevenin's theorem का उपयोग करते हुए एक साधारण (Simple) सर्किट में बदलना है। 
पहले स्टेप के अनुसार सर्किट से लोड Resistance (R) को हटाना (Remove) है। लोड रेजिस्टेंस को रिमूव करने के बाद यह कुछ ऐसा  दिखेगा। 
लोड रेजिस्टेंस को हटाने के  बाद  किरचोफ़ के वोल्टेज या धारा नियम के मदद से लोड टर्मिनल के बीच वोल्टेज को ज्ञात किया जाता है। इस प्रकार दोनों टर्मिनल के बीच ज्ञात वोल्टेज थेवेनिन समतुल्य वोल्टेज  कहलाता है जिसे (Vth)  द्वारा दिखाया जाता है। CD के बीच वोल्टेज ज्ञात करने के बाद सर्किट में लगे हुए Voltage Source (V1)को उसके आंतरिक प्रतिरोध से  शोर्ट सर्किट (Short Circuit) करने के बाद सर्किट  कुछ ऐसा दिखेगा। 
Thevenin's Equivalent Voltage
 सर्किट से वोल्टेज श्रोत को उसके आंतरिक प्रतिरोध से शोर्ट सर्किट करने के बाद सर्किट के दो प्रतिरोध  (r1 तथा r2)  सामान्तर क्रम(parallel) में तथा प्रतिरोध (r3) इन दोनों प्रतिरोधो के साथ श्रेणी क्रम (Series) में दिखाई दे रहा है।टर्मिनल C तथा D के बीच  इन तीनो प्रतिरोधो का समतुल्य प्रतिरोध , थेवेनिन समतुल्य प्रतिरोध कहलाता है जिसे (Rthद्वारा दिखाया जाता है। 

ऊपर बताये गए सभी स्टेप को फॉलो कर इस सर्किट डायग्राम को निम्न तरीके से दिखाया जा सकता है तथा लोड के प्रवाहित विधुत धारा को ज्ञात किया जा सकता है। 
Thevenin's Equivalent Resistance (Rth)
ऊपर बताये गए सभी चरण अनुसरण करते हुए दिए गए सर्किट में लोड से प्रवाहित विधुत धारा जिसे लोड करंट कहते है ,को निम्न तरीके से ज्ञात किया जाता है :-
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