-->

Induction Motor in Hindi : प्रकार, कार्य सिद्धांत ,संरचना तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

इंडक्शन मोटर किसे कहते है ?

इंडक्शन मोटर एक प्रकार का AC इलेक्ट्रिक मोटर है  जो AC विधुत सप्लाई पर कार्य करता है। इंडक्शन मोटर को Asynchronous Motor भी कहते है। इंडक्शन मोटर में मैकेनिकल टार्क रोटर में उत्पन्न होता है। रोटर में मैकेनिकल टार्क उत्पन्न होने के लिए आवश्यक विधुत ऊर्जा चुम्बकीय फ्लक्स के रूप में स्टेटर से रोटर की तरफ प्रवाहीत होती है। इंडक्शन मोटर के रोटर दो प्रकार के होते है :-
  • वूंड टाइप रोटर (Wound Type Rotor )
  • स्कावायारल केज टाइप रोटर (Squirrel Cage  Rotor)
Three Phase Induction Motor

Induction Motor को Asynchronous Motor क्यों कहते है?

इंडक्शन मोटर की स्पीड हमेशा सिंक्रोनस स्पीड से हमेशा कम होती है। इसलिए इंडक्शन मोटर को Asynchronous Motor कहा जाता है। इंडक्शन मोटर के स्पीड तथा सिंक्रोनस स्पीड के अंतर को स्लिप कहा जाता है। इस  से सूचित किया जाता है। यह हमेशा प्रतिशत के रूप में इंडक्शन मोटर के नेम प्लेट पर लिखा होता है।  

सिंक्रोनस स्पीड किसे कहते है ?

इंडक्शन मोटर के रोटर में चुम्बकीय क्षेत्र जिस स्पीड से घूमता है उस स्पीड को सिंक्रोनस स्पीड कहते है। किसी भी इंडक्शन मशीन का सिंक्रोनस स्पीड उस मशीन के स्टेटर में लगे पोल की संख्या तथा आरोपित पॉवर Supply के फ्रीक्वेंसी पर निर्भर करती है। सिंक्रोनस स्पीड को Ns द्वारा सूचित किया जाता है। 

Ns= (120f)/P
जहाँ 
Nsसिंक्रोनस स्पीड 
f = आरोपित वोल्टेज की फ्रीक्वेंसी 
P = पोल संख्या  
इंडक्शन मोटर हमेशा सिंक्रोनस स्पीड से कम स्पीड पर घूमता है। इंडक्शन मोटर के स्पीड तथा सिंक्रोनस स्पीड के अंतर को स्लिप कहा जाता है। इंडक्शन मोटर के स्टेटर में उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रोटर से लिंक होकर चुम्बकीय फ्लक्स बनाता है जिसके कारण रोटर घूमता है। 

इंडक्शन मोटर का प्रकार 

इंडक्शन मोटर को दिए गए पावर सप्लाई के आधार पर मुख्य रूप से दो भागो में वर्गीकृत किया जाता है। जो इस प्रकार है :-
  • Single Phase Induction Motor 
  • Three Phase Induction Motor 

Induction मोटर का कार्य सिद्धांत (Working Principle of Induction Motor)

हमने अपने डीसी मोटर में देखा की मोटर को स्टार्ट करने के लिए स्टेटर के साथ साथ रोटर को भी विधुत Supply देनी पड़ती है लेकिन इंडक्शन मोटर सन्दर्भ में केवल एक ही प्रकार की सप्लाई देनी पड़ती है। इसलिए यहाँ पावर सप्लाई देने के लिए किसी भी प्रकार के ब्रश सिस्टम का प्रयोग नहीं करना पड़ता है। जैसा की इंडक्शन मोटर के नाम से मालूम पड़ता है की इस मशीन में इंडक्शन सिद्धांत का समावेश है। जब इंडक्शन मशीन के स्टेटर के Coil को एक Alternating विधुत धारा के श्रोत से जोड़ा जाता है तब उसमे एक Alternating Current  (AC) करंट बहने लगता है। 
इस AC के कारण स्टेटर में भी एक Alternating प्रवृति का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इस प्रकार उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रोटर के Coil से लिंक होकर चुम्बकीय फ्लक्स बनाता है। यह Alternating प्रवृति का चुम्बकीय फ्लक्स जब रोटर के Coil द्वारा कट किया जाता है तब उसमे फराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत के अनुसार एक EMF induced हो जाता है जिसके वजह से रोटर के Coil में विधुत धारा प्रवाहीत होने लगती है। 
इस विधुत धारा के कारण रोटर में भी एक चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न हो जाता है। जब यह चुम्बकीय फ्लक्स स्टेटर के Main चुम्बकीय फ्लक्स के साथ लिंक करता है तब लेंज़ के नियम के अनुसार हमेशा अपने आप को एक ऐसे क्षेत्र में शिफ्ट करने की कोशिश करता है जहा स्टेटर के चुम्बकीय फ्लक्स का प्रभाव कम हो और इस प्रक्रिया में रोटर के Coil के चालक पर एक बल कार्य करने लगता है जिससे रोटर घूमने लगता है। इंडक्शन मोटर का यह कार्य सिद्धांत Single Phase तथा Three Phase दोनों प्रकार के मोटर के लिए लागू  होता है। 

Single Phase इंडक्शन मोटर का वर्गीकरण 

सिंगल फेज इंडक्शन मोटर के बनावट तथा स्टार्टिंग के आधार पर पुनः दुबारा चार भागो में वर्गीकृत किया गया है। ये चार प्रकार के -सिंगल फेज इंडक्शन मोटर निम्न है :-
  • स्पिल्ट फेज इंडक्शन मोटर (Split Phase Induction Motor)
  • कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर (Capacitor Start Induction Motor)
  •  कैपेसिटर स्टार्ट कैपेसिटर रन इंडक्शन मोटर (Capacitor Start and Capacitor Run Induction Motor)
  • शेडेड पोल इंडक्शन मोटर (Shaded Pole Induction Motor)

Three Phase इंडक्शन मोटर का वर्गीकरण 

थ्री फेज इंडक्शन मोटर को उसमे उपयोग किये गए रोटर के प्रकार के अनुसार दो भाग में वर्गीकृत किया जाता है  और ये दो प्रकार के इंडक्शन मोटर है :-
  •  स्क्वीररेल केज इंडक्शन मोटर (Squirrel Cage Induction Motor)
  • स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर (Slip Ring Induction Motor)

Three Phase इंडक्शन मोटर shelf Starting क्यों होता है ?

सामान्यतः थ्री फेज इंडक्शन मोटर को स्टार्ट करने के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त स्टार्टर या अन्य विधुत उपकरण की जरुरत नहीं पड़ती है। थ्री फेज इंडक्शन मोटर शेल्फ स्टार्टिंग क्यों होता है इस प्रकार के प्रश्न इंटरव्यू में हमेशा पूछे जाते है। 

यदि आपने इंडक्शन मोटर के कार्य सिद्धांत को समझ लिया है तब आपको इस प्रश्न का जवाब मिल गया होगा। यदि नहीं तो यहाँ जाने 

चूँकि थ्री फेज इंडक्शन मोटर में तीन -प्रकार की विधुत Supply तीन विभिन्न वायर द्वारा दी जाती है। इन तीनो वायर का विभव परिमाण में बराबर होता है परन्तु इन तीनो वायर के वोल्टेज एक दूसरे से 120 डिग्री कोण से आउट ऑफ़ फेज होते है। 

अर्थात इनके बीच फेज का अंतर होता है। वोल्टेज में फेज अंतर होने के कारन इन वायर द्वारा प्रवाहित विधुत धारा में भी फेज अंतर होता है इसलिए स्टेटर में उत्पन्न तीन प्रकार के चुम्बकीय क्षेत्र में भी फेज अंतर होता है।

 ये तीन प्रकार के चुम्बकीय क्षेत्र अलग अलग प्रकार तीन चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न करते है जिनका परिमाण बराबर होता है परन्तु इनके बीच फेज अंतर होता है। ये तीन फ्लक्स रोटर पर अलग अलग प्रकार के तीन बल आरोपित करते है जिससे रोटर स्वतः स्टार्ट हो जाता है।

यह  भी पढ़े  

Subscribe Our Newsletter