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Energy meter in Hindi : परिभाषा ,संरचना ,कार्य सिद्धांत तथा उपयोग -हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 एनर्जी मीटर क्या होता है?

वैसे औजार (instrument) जिसका उपयोग किसी विधुत लोड द्वारा उपभोग (Consume) किये विधुत उर्जा को मापने के लिए किया जाता है उसे एनर्जीमीटर या उर्जा मीटर कहते है। एनर्जी मीटर किसी विधुत लोड द्वारा किसी दिए गए समय अन्तराल में लोड द्वारा खपत कुल विधुत उर्जा को मापता है। इसका उपयोग घरेलु तथा औद्योगिक क्षेत्र में खर्च होने वाले विधुत उर्जा मापने के लिए किया जाता है। एनर्जी मीटर सस्ता होता है तथा शुद्ध माप देता है। 
Energy meter in Hindi

एनर्जी मीटर के प्रकार 

एनर्जी मीटर द्वारा  मापे गए रीडिंग को डिस्प्ले करने के आधार पर दो प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है 
  • डिजिटल एनर्जी मीटर  (Digital Energy Meter)
  • एनालॉग एनर्जी मीटर (Analog Energy Meter)

डिजिटल एनर्जी मीटर क्या होता है?

डिजिटल एनर्जी मीटर ऐसे मीटर को कहते है जिसमे मापे गए विधुत उर्जा के रीडिंग को एक डिजिटल डिस्प्ले पर दिखाया जाता है। डिजिटल एनर्जी मीटर को निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
digital energy meter

एनालॉग  एनर्जी मीटर क्या होता है?

एनालॉग  एनर्जी मीटर ऐसे मीटर को कहते है जिसमे मापे गए विधुत उर्जा के रीडिंग को एक पॉइंटर द्वारा स्केल पर या रिंग पर लिखित संख्या द्वारा  दिखाया जाता है। एनालॉग  एनर्जी मीटर को निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
Analog Energy Meter

एनर्जी मीटर की संरचना 

चूँकि एनर्जी मीटर दो प्रकार के होते है। दोनों प्रकार के एनर्जी मीटर की संरचना एक दुसरे से बिलकुल भिन्न होती है। इस लेख में केवल एनालॉग डिजिटल मीटर के संरचना के बारे में बात करेंगे। एनालॉग एनर्जी मीटर को मुख्य रूप से चार भाग में बाटा जा सकता है :-
  • घुमाने वाला भाग (Driving Part)
  • घूमने वाला भाग (Moving Part)
  • रोकने वाला भाग (Breaking Part)
  • पंजीकृत करने वाला भाग (Registration Part)

Energy Meter In Hindi
Image Credit:https://circuitglobe.com/energy-meter.html

घुमाने वाला भाग (Driving Part)

यह एनर्जी मीटर का मुख्य भाग होता है। इस भाग में विधुत चुम्बक(Electromagnet) का उपयोग किया जाता है। जब किसी कोर के ऊपर चढ़ाए गए Coil में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तब वह कोर एक चुंबक बन जाता है जिसे विधुत चुम्बक  कहते है और यह एक अस्थायी चुंबक होता है। विधुत चुंबक बनाने के लिए सिलिकॉन स्टील के lamination का उपयोग किया जाता है। एनर्जी मीटर में दो प्रकार के विधुत चुम्बक का प्रयोग किया जाता है। एनर्जी मीटर के उपरी भाग में लगे विधुत चुम्बक को शंट विधुत चुम्बक(Shunt Electromagnet) तथा निचले भाग में लगे विधुत चुम्बक को सीरीज विधुत चुंबक(Series Electromagnet) कहते है। एनर्जी मीटर में शंट विधुत चुम्बक सप्लाई के साथ समांतर क्रम में जुड़ा रहता है जबकि सीरीज विधुत चुंबक लोड के साथ सीरीज में जुड़ा हुआ रहता है। शंट विधुत चुम्बक में विधुत धारा सप्लाई वोल्टेज के अनुपात में प्रवाहित होती है जबकि सीरीज विधुत चुम्बक में विधुत धारा ,मीटर से जुड़े लोड के अनुपात में प्रवाहित होती है। शंट विधुत चुम्बक पर लगाये गए Coil को Pressure Coil तथा सीरीज विधुत चुम्बक पर लगाये गये Coil को Current Coil कहा जाता है। 

घुमने वाला भाग (Moving Part)

एनर्जी मीटर का यह दुसर सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। दोनों विधुत चुम्बक के बीच मौजूद स्थान जिसे Air Gap कहते है , में एल्युमीनियम के पतले डिस्क को एक साफ्ट की मदद से लगाया जाता है। यह डिस्क ही एनर्जी मीटर में घुमाने का कार्य करता है। जब एनर्जी मीटर से होकर विधुत धारा प्रवाहित होती है तब दोनों विधुत चुंबक के कारण एक चुंबकीय फ्लक्स  उत्पन्न होता है जब यह चुंबकीय फ्लक्स डिस्क से लिंक करता है तब डिस्क में Eddy Current उत्पन्न हो जाता है। इस Eddy Current के कारण डिस्क पर बल आघूर्ण (Torque) उत्पन्न हो जाता है जिससे डिस्क घुमने लगता है। डिस्क में उत्पन्न बल आघूर्ण मीटर से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के समानुपाती(Proportional) होता है। 

रोकने वाला भाग (Breaking Part)

एनर्जी मीटर में डिस्क को रोकने के लिए स्थाई चुम्बक का उपयोग किया जाता है। जब एनर्जी मीटर से विधुत धारा प्रवाहित हो रही होती  है तब डिस्क घूमता रहता है। यदि मीटर से जुडे लोड को हटा लिया जाए तब भी डिस्क जड़त्व (Inertia) के कारण घूमता रहेगा। जिससे मीटर की रीडिंग बिना लोड पर चलती रहेगी। एनर्जी मीटर से जुड़े इस समस्या को दूर करने के लिए ,एनर्जी मीटर में ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। 

पंजीकृत करने वाला भाग (Registration Part)

एनर्जी मीटर के इस भाग का मुख्य कार्य ,एनर्जी मीटर में घुमने वाले डिस्क के घूर्णन संख्या को गिनना और उसे पंजीकृत करना  होता है। एनर्जी मीटर में डिस्क की घूर्णन संख्या मीटर से जुड़े लोड द्वारा खपत किये विधुत उर्जा के समानुपाती होता है। अर्थात जितनी ज्यादा उर्जा लोड खपत करता है उतनी ही ज्यादा एनर्जी मीटर की घूर्णन संख्या होती है। 

एनर्जी मीटर कार्य कैसे करता है?

एनर्जी मीटर को जब विधुत सप्लाई तथा विधुत लोड के बीच में जोड़ा जाता है तब विधुत धारा का प्रवाह एनर्जी मीटर से होकर विधुत लोड के तरफ होने लगता है। Pressure Coil  तथा Current Coil में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के कारण एक चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है। Pressure Coil के कारण उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स तथा Current Coil के कारण उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स के अन्तर के समानुपात में डिस्क पर बल आघूर्ण उत्पन्न होता है जिससे डिस्क घुमने लगता है। डिस्क के घूर्णन संख्या को एक Dialer द्वारा रिकॉर्ड कर लिया जाता है। 

एनर्जी मीटर का उपयोग 

  • घरेलु कार्य हेतु उर्जा मापने के लिए 
  • फैक्ट्री कार्य में खर्च विधुत उर्जा मापने के लिए 

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