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लुब्रीकेंट : परिभाषा ,प्रकार,गुण तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

स्नेहक किसे कहते है ?

वैसा पदार्थ जो किसी दो घूमने वाली सतह के बीच लगाने से उनका घर्षण कम हो जाता है उसे स्नेहक कहते है।स्नेहक को अंग्रेजी में लुब्रीकेंट कहते है। दो सतहों के बीच लुब्रीकेंट के प्रयोग से उनके बीच चिकनाहट आ जाती है जिससे घर्षण कम हो जाता है। दोनों सतहों के बीच चिकनाहट लाना लुब्रिकेशन कहलाता है। इंजीनियरिंग में बहुत सारी मशीन एक दूसरे से शाफ़्ट या बेल्ट के माध्यम से जुडी हुई होती है  तथा सापेक्षिक गति करती है जिनमे घर्षण के कारण ऊर्जा के एक भाग स्वतः नष्ट हो जाता है। या मशीने घीसकर नष्ट हो जाती है। मशीनों में इस प्रकार से होने वाली हानि या नुकशान को कम करने के लिए उनंके बीच लुब्रीकेंट का उपयोग किया जाता है। लुब्रीकेंट विभिन्न प्रकार के होते है जिनका वर्गीकरण निचे किया गया है। 
lubricant

उच्च श्रेणी के लुब्रीकेंट के पास क्या  गुण होने चाहिए ?

एक उच्च किस्म के लुब्रीकेंट के पास निम्न गुण होने चाहिए :
  • लुब्रीकेंट के श्यानता (Viscocity) की रेंज ज्यादा होनी चाहिए। 
  • तापमान  के साथ श्यानता में परिवर्तन नहीं  होना चाहिए। 
  • लुब्रीकेंट रासायनिक रूप से अक्रिय होने चाइये जिससे वह किसी दूसरे पदार्थ से अभिक्रिया न कर सके। 
  • लुब्रीकेंट भौतिक रूप से स्टेबल  होना चाहिए। 
  • इसमें अम्ल व क्षार का गुण नहीं  होना चाहिए। 
  • यह  सस्ता होना चाहिए।
  • इसमें कार्बन की मात्रा कम होनी चाहिए।
  • इसके साथ निकल जाए व भाग ठण्डे रह सकें।
  • इसका  घर्षण गुणांक कम होना चाहिए।
  • लुब्रीकेंट ज्वलन बिन्दु (Flash Point)अधिक होना चाहिए। स्नेहन

लुब्रीकेंट कितने प्रकार के होते है ?

लुब्रीकेंट अवस्था के आधार पर तीन प्रकार के होते है जो निम्न है :
  • तरल स्नेहक (Fluid Lubricant)
  • ठोस  स्नेहक (Solid Lubricant) 
  • अर्द्ध ठोस स्नेहक (semi-Solid Lubricant)
  • गैसीय स्नेहक (Gaseous  Lubricant)

ठोस लुब्रीकेंट किसे कहते है ?

वैसे लुब्रीकेंट जिनका निश्चित आकार एवं आयतन होता है उसे ठोस लुब्रीकेंट कहते है। ठोस लुब्रीकेंट के श्रेणी में ग्रेफाइट (Graphite), लैड सल्फाइड, माइका (Mica), टाल्क (Talc), मोम आदि आते है। ठोस लुब्रीकेंट का उपयोग अर्द्ध ठोस लुब्रीकेंट के साथ मिश्रित कर गाड़ियों के गियर बेअरिंग  में किया जाता है। 

तरल लुब्रीकेंट किसे कहते है ?

वैसे लुब्रीकेंट जो भौतिक अवस्था में तरल रूप  में होते है ,तरल लुब्रीकेंट कहलाते है। तरल लुब्रीकेंट के अंतर्गत खनिज तेल , पशु एवं खाद्य  से प्राप्त तेल आते हैं। खनिज तेल को मिनरल आयल कहते है। इनका निर्माण पैराफिन, नेफ्थालीन, एयरोमेटिक तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को मिलाकर किया जाता है। खाद्य तेल विभिन्न प्रकार के पौधों के बीज से प्राप्त किया जाता है। 

गैसीय लुब्रीकेंट किसे कहते है ?

जैसे नाम से ही ज्ञात होता है की इस प्रकार के लुब्रीकेंट भौतिक अवस्था में गैसीय होते है। वायु, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन आदि को गैसीय लुब्रीकेंट के तौर पर उपयोग किया जाता है। 

अर्द्ध ठोस लुब्रीकेंट किसे कहते है ?

इस श्रेणी में पाए जाने वाले लुब्रीकेंट में  साधारण तापमान पर बहने का गुण नहीं होता है। आपने ग्रीस के नाम सूना होगा जिसका उपयोग गाड़ियों के बेअरिंग में किया जाता है। यह एक अर्द्ध ठोस लुब्रीकेंट है। 

लुब्रीकेंट का उपयोग क्या है ?

  • यह सतहों के बीच जंग लगने से रोकता है। 
  • यह घर्षण बल को कम करता है। 
  • दो सतहों के बीच उत्पन्न ऊष्मा को बाहर निकलता है। 

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