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जैव ईंधन: परिभाषा ,प्रकार ,लाभ तथा हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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जैव ईंधन क्या है ?(biofuel kya hai)

कोई भी पदार्थ जिसके जलने से प्रचुर मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है उसे ईंधन कहते है। जब यह ईंधन कृषि उत्पाद से प्राप्त होती है तब इसे जैव ईंधन कहते है। विभिन्न प्रकार की फसलों तथा पौधों से जैव ईंधन प्राप्त किए जाते है। जैव ईंधन को तकनीक के मदद से गतिज ऊर्जा ,उष्मीय ऊर्जा ,विधुत ऊर्जा आदि में परिवर्तित किया जाता है। प्रकृति में मौजूद सभी प्रकार के वनस्पति तथा जीव पदार्थ को बायोमास कहते है। जैव ईंधन का उपयोग करना आसान है तथा ये प्रकृति रूप से आसानी से संश्लेषित हो जाते है। इनमे सल्फर तथा गंध की मात्रा नहीं पाई जाती है। 

हमारे सौरमंडल में ऊर्जा का मुख्य श्रोत सूर्य है। सूर्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा को पौधे प्रकाश संशलेषण की प्रक्रिया से जैव ईंधन में परिवर्तित करते है। पौधों में यह जैव ऊर्जा विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरते हुए विभिन्न प्रकार के ऊर्जा श्रोत का निर्माण करती है। उदारहण के लिए मवेशी पौधों के पतियों को भोजन के रूप में ग्रहण करते है और गोबर करते है। इस गोबर को जलाकर उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न किया जाता है। 

biofuel in hindi
जैव ईंधन कितने प्रकार के होते है ?

जैव ईंधन को निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है :
  • ठोस जैव ईंधन(Solid biofuel)
  • तरल जैव ईंधन(Liquid biofuel)
  • जैवडीजल(Biodiesel)
  • बायोगैस(Biogas)

ठोस जैव ईंधन किसे कहते है ?

जैसे नाम से ज्ञात होता है की यह जैव ईंधन ठोस के रूप में होता है। लकड़ी, लकड़ी का बुरादा, लकड़ी का कोयला, कटी घास, घरेलू कचरा, गोबर इत्यादि ये सभी ठोस जैव ईंधन के श्रेणी में आते है। इन सबको जलाकर सीधे तौरपर ऊष्मा उत्पन्न किया जा सकता है। ठोस जैव ईंधन को जलाने पर उत्पन्न होने वाली पूर्ण उष्मीय ऊर्जा प्राप्त नहीं होती है क्योकि अधिकांश ऊर्जा विकिरण के रूप में उड़ जाती है। ठोस जैव ईंधन में ऊर्जा घनत्व भी बहुत कम होता है। 

तरल जैव ईंधन किसे कहते है ?

यह भी नाम से ज्ञात होता है की यह जैव ईंधन तरल के रूप में होता है। इस जैव ईंधन में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा निहित होती है। इसके जलने के उपरांत विपुल मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसका ऊर्जा घनत्व अधिक होने की वजह से इसका उपयोग गाड़ियों के IC इंजन में किया जाता है। इथेनॉल (Ethenol-C2H5OH) और मेथनॉल (Methanol-CH3OH) ये दो मुख्य जैव ईंधन है जिनका उपयोग पेट्रोल इंजन में पेट्रोल के साथ मिक्स कर किया जाता है। 

इथेनॉल क्या है ?

यह एक प्रकार का एल्कोहल है जिसका उपयोग गाड़ियों में ईंधन के रूप में किया जाता है। ब्राजील दुनिया के पहला ऐसा देश जहा पर इथेनॉल का उपयोग गाड़ियों में किया जाता है। वर्तमान समय में इससे चलने वाले इंजन का विकाश किया जा रहा है। यह जैव ऊर्जा का एक साफ एवं स्वच्छ श्रोत है। इसका ऊर्जा घनत्व 27000 kj/kg होती है। वर्तमान समय में जो गाड़िया चल रही है उनमे इसका उपयोग किया जा सकता है। या पेट्रोल के साथ 15 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण भी पेट्रोल इंजन में किया जा सकता है। 

मेथनॉल क्या है ?

यह भी एक प्रकार का जैव ईंधन है जो एक प्रकार का एल्कोहल है। इसे कचरा से तैयार किया जाता है। मेथनॉल प्लांट में  कचरे को O2 गैस से gasified किया जाता है तत्पश्चात इसमे से जो संश्लेषण गैस निकलती है उसमे से oil, H2S, CO2 निकल जाते है | उसके बाद यह गैस CO-शिफ्ट में जाती है जहा पर उसे अच्छे से CO2, CO, H2, रेश्यो मिलता है |इस प्रक्रिया में अतिरिक्त CO2 भी उत्पन्न हो जाती है उसको अमीन स्क्रबिंग प्रक्रिया से निकाल दिया जाता है | 

जैवडीजल क्या है ?

यह एक विशेष प्रकार का ईंधन है जिसको बनाने के लिए वनस्पति तेल, जानवरों की चर्बी, सोया, रेपसीड, Jatropha,सरसो , सूर्यमुखी, पाम आयल तथा  शैवाल का इस्तेमाल किया जाता है। जैवडीजल का उपयोग गाड़ियों में डीजल के साथ मिश्रित कर किया जाता है। शुद्ध जैव डीजल का उपयोग गाड़ियों में ईंधन के रूप में नहीं किया जा सकता क्योकि तापमान में कमी आने पर यह जमने लगता है और चिपचिपा हो जाता है। जर्मनी में 100 प्रतिशत जैव डीजल पर चलने वाली गाड़ियों चलती है। 

बायोगैस क्या है ?

कृषि से निकले हुए अपशिस्ट ,गोबर ,चारा आदि को वायु के अनुपस्थिति में जब सड़ाया जाता है तब एक विशेष प्रकार की गई निकलती है जिसे बायोगैस कहते है। बायोगैस को उत्पन्न करने के लिए मुख्य तौर पर पसल के बचे हिस्से, गिला गोबर, सब्जियों का बचा हुआ कचरा, शैवाल, पोल्ट्री का कचरा, इंसानों का मलमूत्र, जानवरों का कचरा जो की आसानी से सड़ सके  या अपघटक हो सके का उपयोग किया जाता है। बायोगैस में मुख्य रूप से मीथेन तथा कार्बन डाई ऑक्साइड होता है। यह स्वच्छ ऊर्जा का श्रोत है। बायोगैस को जलाने पर विपुल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। 

जैव ईंधन के उपयोग

जैव ईंधन के उपयोग निम्न है:
  • इसका उपयोग परिवहन में किया जाता है। 
  • विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए जैव ईंधन का उपयोग किया जाता है। 
  • घर्षण वाले सतहों के बीच Lubrication के लिए जैव ईंधन का उपयोग किया जाता है। 
  • जलाकर उष्मीय ऊर्जा  उत्पन्न  किया जाता है जिससे भोजन पकता है। 

जैव ईंधन के लाभ एवं हानि 

जैव ईंधन ऊर्जा का एक श्रोत है जिसका उपयोग इंसान विभिन्न प्रकार से करता है। जैव ईंधन के लाभ एवं हानि निम्न है :-

लाभ 

  • इसका उपयोग करना आसान है। 
  • इसके उपयोग से ग्रीन हाउस गैस कम मात्रा में मुक्त होती है। 
  • इसके प्रयोग से प्रदूषण कम होता है। 
  • इसे आसानी से उत्पन्न किया जा सकता है। 
  • वर्तमान समय में निर्मित गाड़ियों के इंजन में इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। 
  • यह ऊर्जा का अक्षय श्रोत है। 

हानि 

  • इस ईंधन के जलने से कार्बन डाई ऑक्साइड उत्पन्न होती है जो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को जन्म देती है। 
  • इसके निर्माण के लिए प्रारंभिक लागत बहुत ज्यादा होती है। 
  • इसमें ज्यादा मात्रा में श्रमिक को कार्य करना पड़ता है। 
  • भविष्य में यह ईंधन महंगा हो सकता है। 

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