विभव किसे कहते है?
जब किसी वस्तु में कार्य करने की योग्यता होती है जिससे वह भविष्य में कार्य कर विकशित हो सकता है तब कहा जाता है की उस वस्तु के पास पोटेंशियल है। पोटेंशियल शब्द का उपयोग विज्ञानं से सामाजिक विज्ञानं के क्षेत्र तक किया जाता है।
विधुत विभव किसे कहते है?
इकाई आवेश को किसी विधुत क्षेत्र में अनंत से एक निश्चित बिंदु तक लाने में किए गए कार्य के परिमाण को उस बिंदु पर आवेश का विभव कहते है।यह एक अदिश राशी है जिसका SI मात्रक वोल्ट(V) होता है। इसे अंग्रेजी में Electric Potential कहा जाता है। इकाई आवेश को अनंत से लाने में जो कार्य किया जाता है वह कार्य उस आवेश के सिस्टम में स्थितिज उर्जा के रूप में संरक्षित हो जाता है। इस उर्जा के कारण उस आवेश में कार्य करने की क्षमता विकसित हो जाती है। यदि Q कूलम्ब आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किये गए कार्य की मात्रा W जूल है तब उस बिंदु पर विभव V को निम्न तरीके से व्यक्त किया जायेगा।
विधुत विभव का मात्रक क्या होता है?
चूँकि विभव कार्य तथा आवेश का अनुपात है इसलिए इसका मात्रक भी कार्य के मात्रक तथा आवेश के मात्रक अनुपात के बराबर होगा।
कार्य का SI मात्रक जूल(J) तथा आवेश का SI मात्रक कूलम्ब (C) होता है इसलिए विभव का मात्रक
विभव का मात्रक = जूल / कूलम्ब
विभव का मात्रक = J/C
अर्थात जूल प्रति कूलम्ब ,विभव का मात्रक होता है। J/C को वोल्ट कहते है तथा इसे V से इंगित किया जाता है।
विभवान्तर क्या होता है?
किसी विधुत क्षेत्र में स्थित दो बिन्दुओ के बीच विभव के अंतर को विभवान्तर कहते है। इसे ΔV से सूचित किया जाता है। इसका SI मात्रक वोल्ट होता है।यदि विधुत क्षेत्र में मौजूद दो बिंदुAतथा B का विभव क्रमशः VAतथा VBहै तो इनके बीच विभवान्तर को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है।
यदि इन दो बिन्दुओ के बीच किसी आवेश Q को घुमाया जाए तो W जूल कार्य करना पड़ेगा जिसे निम्न तरीके से ज्ञात किया जा सकता है।
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