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Star Delta Starter :- परिभाषा ,कार्य सिद्धान्त तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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Star Delta Starter क्या होता है?

स्टार डेल्टा स्टार्टर एक सामान्य प्रकार का स्टार्टर होता है जिसका उपयोग  थ्री फेज इंडक्शन मोटर को स्टार्ट करने के लिए  किया जाता है। स्टार डेल्टा स्टार्टर में इंडक्शन मोटर के स्टेटर की वाइंडिंग अपने स्टार्टिंग समय में स्टार कनेक्शन में होती है। 

जब इंडक्शन मोटर एक बार स्टार्ट होकर एक नियत गति से घुमने लगता है तब इसके स्टेटर की वाइंडिंग को डेल्टा में जोड़ दिया जाता है। स्टार डेल्टा स्टार्टर द्वारा थ्री फेज इंडक्शन मोटर को निम्न तरीके से जोड़ा जाता है जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है :-

star delta starter

Star Delta Starter कार्य सिद्धांत 

इंडक्शन मोटर में उत्पन्न हुआ बल आघूर्ण (Torque) ,आरोपित वोल्टेज के वर्ग के समानुपाती होता है। अर्थात आरोपित वोल्टेज के परिमाण को बढ़ाने पर ,बलाघूर्ण  वर्ग के अनुपात में बढ़ता है। यदि उत्पन्न हुआ टार्क T तथा आरोपित वोल्टेज V हो तब  

T V2

अर्थात जब वोल्टेज में थोड़ी सी बढ़ोतरी होगी टार्क में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी जब टार्क में ज्यादा बढ़ोतरी होगी तब बाहर से ज्यादा मात्रा में विधुत धारा मोटर में प्रवाहित होगा। मोटर को स्टार्ट करते समय अचानक बहुत बड़ा परिमाण का टार्क उत्पन्न हो तो वह मोटर से जुड़े अन्य मशीन को नुकसान पंहुचा सकता है। 

इसके अलावा यदि मोटर मोटर का टार्क अचानक बहुत ज्यादा हो जाये तब स्टेटर में अचानक बहुत ही ज्यादा मात्रा में विधुत धारा प्रवाहित होने लगेगा जिससे स्टेटर में बहुत ज्यादा मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होगी और स्टेटर जल जायेगा। 

इस समस्या को दूर करने के लिए इंडक्शन मोटर को धीरे धीरे स्टार्ट करना होगा  और धीरे से स्टार्ट करने के लिए आरोपित वोल्टेज के परिमाण को कम करना पड़ेगा।  

जब थ्री फेज इंडक्शन मोटर को स्टार डेल्टा स्टार्टर से स्टार्ट किया जाता ,तब मोटर के स्टार्टिंग पीरियड में मोटर के स्टेटर को स्टार कनेक्शन में ,स्टार्टर द्वारा थ्री फेज पॉवर सप्लाई द्वारा जोड़ा जाता है क्योकि स्टार कनेक्शन में Coil का फेज वोल्टेज लाइन  वोल्टेज से  (1/√3) गुना कम होता है।

 अर्थात मोटर के स्टेटर में स्थित Coil को जब स्टार में जोड़कर स्टार्ट किया जाता तब Coil का फेज़ वोल्टेज आटोमेटिक (1/√3) गुना कम हो जाता है और इंडक्शन मोटर आसानी से धीरे धीरे स्टार्ट हो जाता है। एक बार जब मोटर स्टार्ट होकर अपने नामांकित (rated) गति का 80 प्रतिशत गति को प्राप्त कर लेता है तब मोटर को दुबारा स्टार्टर द्वारा डेल्टा कनेक्शन में जोड़ दिया जाता है जिससे मोटर एक नियत गति पर चलने लगता है। 

Star Delta Starter कैसे कार्य करता है?

जब इंडक्शन मोटर को स्टार्टर से जोड़कर स्टार्ट किया जाता है तब TPDP स्विच के मदद से सबसे पहले मोटर के स्टेटर को स्टार्ट बटन के मदद से स्टार में जोड़ा जाता है जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
star Connection
जैसे ही मोटर अपने नामांकित गति का 80 प्रतिशत गति को प्राप्त करता है वैसे ही पुनः TPDP स्विच की मदद से मोटर के थ्री फेज वाइंडिंग को डेल्टा कनेक्शन में जोड़ दिया जाता है जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है :-
Delta Connection in Hindi

Star Delta स्टार्टर उपयोग के लाभ 

स्टार डेल्टा स्टार्टर उपयोग के निम्न लाभ है :-
  • यह अन्य स्टार्टर की तुलना में सस्ता होता है। 
  • डायरेक्ट ऑन लाइन के तुलना में इसमें लाइन करंट (1/√3) गुना कम होता है। 
  • स्टार कनेक्शन में होने की वजह से कम मात्रा में विधुत उर्जा उत्पन्न होती है। 

Star Delta स्टार्टर उपयोग के हानि 

स्टार डेल्टा स्टार्टर उपयोग के निम्न हानि  है :-
  • इसका उपयोग केवल इंडक्शन मोटर स्टार्ट करने के लिए किया जाता है। 
  • इससे स्टार्ट करने पर मोटर की प्राम्भिक टार्क कम होता है इसलिए इसे वैसे जगह पर उपयोग नही किया जा सकता है जहा हाई टार्क की जरुरत हो। 

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