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Single Phase Induction Motor In Hindi पूरी जानकारी

 Single Phase Induction Motor क्या होता है?

क्या आपको मालूम है की Single Phase Induction Motor क्या होता है ?यह कैसे कार्य करता है ?जो सिंगल फेज मोटर आपके घरों में उपयोग हो रहे है ,क्या वे भी तो Induction Motor तो नहीं है। यदि आपको पहले से ही Single Phase Induction Motor के बारे में जानते है तो ये अच्छी बात है। 

यदि नहीं जानते है तो कोई बात नहीं हम आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से Induction Motor से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराएँगे। आपको बस इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना है। तो चलिये Single Phase Induction Motor  बारे में जानते है। 

Single Phase Motor एक प्रकार का इलेक्ट्रिकल ,मशीन होता है जो Single Phase Power Supply पर कार्य करता है। घरेलु,वाणिज्य तथा औधोगिक कार्य के लिए ज्यादातर सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का ही उपयोग किया जाता है। घरेलु स्तर  के छोटे कार्य के लिए अधिकांश रूप से Single Phase मोटर का चयन इसलिए किया जाता है क्योकि
  • सिंगल फेज मोटर को का आकर छोटा होता है इसलिए इसे कही भी इंसटाल किया जा सकता है। 
  • पुरे इंडिया में घरेलु तथा  छोटे स्तर के कारखानों में सिंगल फेज सप्लाई ही उपलब्ध होती है। 
  • 3 फेज मोटर के तुलना में सिंगल पहसे मोटर सस्ता होता है। 
  • सिंगल फेज मोटर का Construction Simple तथा आसान होता है। 
  • सिंगल फेज मोटर को आसानी से रिपेयर तथा मेन्टेन किया जा सकता है। 

 Single Phase तथा Three Phase मोटर में क्या अंतर होता है ? 

यदि आप एक Technical Person है तो आपको इस प्रश्न का जवाब मालूम होगा लेकिन यह थोड़ा मुश्किल उन लोगो को लगता है जिनको Technical नॉलेज नहीं है। यदि आप भी इन्ही लोगों में से एक है तो कोई बात नहीं हम आपको आसान भाषा में थ्री फेज तथा सिंगल फेज मोटर के अंतर को बता देंगे। हम यहाँ इस अंतर को टेक्निकल तथा प्रैक्टिकल दोनों तरह के अन्तर को परिभाषित करेंगे। तो चलिए पहले टेक्निकल स्तर पर अंतर को समझते है। 
  • थ्री फेज एक ऐसा मोटर है जो थ्री फेज सप्लाई पर कार्य करता है तथा इसके विपरीत सिंगल फेज मोटर सिंगल फेज सप्लाई पर कार्य करता है। 
  • थ्री फेज मोटर (Induction Motor) के स्टेटर तथा रोटर में दो अलग अलग प्रकार के थ्री फेज वाइंडिंग की जाती है। जबकि सिंगल फेज मोटर में  केवल स्टेटर में ही दो प्रकार की वाइंडिंग की जाती है जिनको Auxiliary Winding तथा Main Winding कहते है। रोटर पर किसी भी प्रकार की वाइंडिंग नहीं की जाती है। 
  • थ्री फेज मोटर Self Starting होता है इसको start करने के लिए starter की जरुरत नहीं होती है जबकि सिंगल फेज मोटर Self Starting नहीं होता है। इसको Self Start होने के लिए कपैसिटर या अन्य कॉम्पोनेन्ट को इसके वाइंडिंग के साथ जोड़ा जाता है। 

प्रैक्टिकल अंतर 

इस चीज को समझने के लिए हम एक उदहारण का सहारा लेंगे। मान लेते है। हमारे पास दो मोटर है। ये दोनों मोटर आकर में सामान है तथा इनका वजन भी सामान है। लेकिन एक सिंगल फेज मोटर है तथा दूसरा थ्री फेज मोटर है। हम इन दोनों मोटर को चलाकर बारी बारी से एक टैंक को भरेंगे।माना की इस टैंक की कुल क्षमता 300 लीटर है। पहले हम सिंगल फेज मोटर से इस टैंक को भरते है तथा इसमें लगने वाले समय को नोट करते है। माना की सिंगल फेज मोटर इस टैंक को 3 घंटा में भरता है। 
अब इसी टैंक को भरने के लिए थ्री फेज मोटर का उपयोग करते है तथा इसमें लगने वाले कुल समय को नोट करते है तो हम देखते है की थ्री फेज मोटर इसी टैंक को केवल 1 घंटा में भर देता है। इस उदाहरण से थ्री फेज तथा सिंगल फेज मोटर के बारे में अन्तर स्पस्ट हो गया होगा।इस अंतर को हम दूसरे कोण में ऐसे कह सकते है की सिंगल फेज मोटर 3 घंटा में जितना इलेक्ट्रिकल एनर्जी का उपयोग करेगा उतनी एनर्जी का उपयोग थ्री फेज मोटर एक घंटा में ही कर लेगा। 

मुझे उम्मीद है आपको थ्री फेज तथा सिंगल फेज मोटर में अंतर समझ में आ गया होगा। अब हम इस पोस्ट में केवल सिंगल फेज मोटर के बारे में ही बात करेंगे। सिंगल फेज मोटर तीन प्रकार के होते है :-
  • सिंगल फेज इंडक्शन मोटर 
  • सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर 
  • कम्यूटेटर मोटर 

सिंगल फेज मोटर का कंस्ट्रक्शन (Construction of Single Phase Motor)

अन्य सभी मोटर की तरह सिंगल फेज मोटर के भी दो मुख्य पार्ट होते है:-
(1) स्टेटर    (2) रोटर 
स्टेटर :-यह किसी भी इलेक्ट्रिकल मशीन का न घूमने वाला हिस्सा होता है। अर्थात यह स्थिर रहता है। सिंगल फेज मोटर में मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न करने के लिए स्टेटर में ही फील्ड Coil को रखा जाता है। तथा सिंगल फेज सप्लाई को स्टेटर के साथ ही कनेक्ट किया जाता है। 

रोटर :- जैसा नाम से ही मालूम होता है की यह मोटर का घूमने वाला हिस्सा होता है। स्टेटर में उत्पन्न हुआ चुम्बकीय फ्लक्स जब रोटर द्वारा काटा जाता है तो इसमें एक Emf Induced कर देता है जिससे रोटर घूमने लगता है। मोटर द्वारा संचालित लोड को शाफ़्ट के मदद से रोटर के साथ ही जोड़ा जाता है। 
Single Phase Induction Motor In Hindi
सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का कंस्ट्रक्शन थ्री फेज Squirrel Cage Induction Motor के सामान ही किया जाता है।स्टेटर में hysteresis loss तथा Eddy Current लॉस को कम करने के लिए,स्टेटर में हाई ग्रेड सिलिकॉन स्टील का उपयोग किया जाता है। स्टेटर के आंतरिक भाग में स्लॉट बनाये जाते है तथा इन्ही स्लॉट में Field Coil को रखा जाता है। जब इन स्लॉट में रखे गए Coil को सिंगल फेज सप्लाई से कनेक्ट किया जाता है तब इसमें एक मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न हो जाता है। 
 सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का रोटर थ्री फेज Squirrel Cage Induction मोटर के सामान ही बनाया जाता है।
यह बेलनाकार (Cylindrical) होता है तथा इसकी ऊपरी सतह पर अंदर की ओर स्लॉट बनाए गए होते है। ये स्लॉट एक दूसरे के समांतर न हो कर थोड़ा तिरछे होते है। इन्ही स्लॉट में कॉपर या एल्युमीनियम की छड़ को रखा जाता है। इन छड़ो के अंतिम सिरों को आपस में जोड़ दिया जाता है जिससे ये एक बंद पास बनाते है। इन छड़ो को Rotor Conductor कहा जाता है। 
इन छड़ो के सिरों को जब आपस में जोड़ दिया जाता है तब यह एक पिजरे के सामान नजर आता है इसलिए इसे Squirrel Cage Rotor कहा जाता है। छड़ो को आपस  देने से यह यांत्रिक (Mechanically) रूप से मजबूत हो जाता है। इसके अलावा रोटर से किसी भी तरह का टर्मिनल बाहर भी नहीं निकलता है जिसे स्लिपरिंग की जरुरत भी नहीं पड़ती है। 
छड़ो को मैग्नेटिक लॉकिंग से बचाने के लिए ही छड़ो को समांतर न रखकर थोड़ा तिरछा रखा जाता है। अगर ऐसा न किया गया तो इंडक्शन मोटर सिंक्रोनस मोटर की तरह कार्य करने लगेगा। 

Single Phase Induction Motor का कार्य सिद्धांत  

हम सभी जानते है कि किसी भी इलेक्ट्रिकल मशीन में जब दो प्रकार के मैग्नेटिक फ्लक्स में इंटरेक्शन होता है तब एक Torque उत्पन्न होता है जो रोटर को घुमाता है।  घटना सिंगल फेज इंडक्शन मोटर के साथ भी होता है। 
जब स्टेटर को सिंगल फेज सप्लाई से जोड़ा जाता है तब इसमें एक Alternating Current का प्रवाह होने लगता है जिससे स्टेटर में एक Alternating प्रवृति का मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न हो जाता है। यह फ्लक्स जब रोटर के स्लॉट में रखे गए छड़ में फैराडे के म्यूच्यूअल इंडक्शन (Mutual Induction) सिद्धांत के अनुसार एक EMF उत्पन्न हो जाता है। जिससे इन छड़ो में भी एक Alternating Current प्रवाहित होने लगती है। जिससे रोटर में भी एक मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न हो जाता है जो स्टेटर द्वारा उत्पन्न मैग्नेटिक फ्लक्स को काउंटर करने के लिए उसी के दिशा में घूमने लगता है। इस इंटरेक्शन के कारण रोटर पर एक टार्क उत्पन्न हो जाता है जो रोटर को घुमाने लगता है। Single Phase Induction Motor के स्टेटर में उत्पन्न हुआ मैग्नेटिक फ्लक्स जिस स्पीड से घूमता है उसे सिंक्रोनस स्पीड कहते है और इसे Nsसूचित किया जाता है। 
यदि स्टेटर में कुल पोलों की संख्या P तथा आरोपित सप्लाई की फ्रीक्वेंसी f हो तो सिंक्रोनस स्पीड को निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है :-
Ns = 120f/P   जो RPM में होगा। 

Single Phase Induction Motor सेल्फ स्टार्टिंग क्यों नहीं होता है ? 

Single Phase Induction Motor से संबंधित यह एक सामान्य सा प्रश्न है जो हमेशा पूछा जाता है। इस प्रश्न का जवाब इसके Working principle में ही निहित है। यदि आपको इसका जवाब नहीं मिल पा रहा है तो कोई बात नही हम बता दे रहे है। 
जब सिंगल फेज AC सप्लाई को स्टेटर के साथ जोड़ा जाता है तब स्टेटर में उत्पन्न हुआ मैग्नेटिक फ्लक्स भी Alternating प्रवृति का होता है जो Pulasting होता है जिसका मतलब यह हुआ की यह एक दिशा में शून्य से बढ़ता है और अधिकतम वैल्यू को प्राप्त करता है फिर दुबारा घटकर शून्य पर आता है विपरीत दिशा में अधिकतम वैल्यू को प्राप्त करता है। जिसे उत्पन्न हुए टार्क का नेट मान शून्य हो जाता है और रोटर जड़त्व (Inertia) के कारण नहीं घूमता है लेकिन जब कोई बाहर से रोटर को किसी भी दिशा में धक्का देता है तब रोटर उसी दिशा में घूमने लगता है। 
किसी भी इलेक्ट्रिकल मोटर को घूमने के लिए कम से कम दो फेज की जरुरत होती है। जिससे दोनों फेज दो अलग अलग टार्क उत्पन्न कर सके तथा जिससे मोटर में नेट टार्क शून्य न रहे। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए ही सिंगल फेज मोटर में दो प्रकार की वाइंडिंग की जाती है। जिसे Main Winding तथा Auxiliary Winding  कहते है। तथा इन दोनों वाइंडिंग के बीच में एक रेसिस्टर या कपैसिटर को कनेक्ट किया जाता है जो दोनों Coil के बीच में फेज डिफरेंस उत्पन्न कर सके। 

Double Revolving Field Theory क्या है? (What is double Revolving Field Theory?)  

 जैसा की हमने ऊपर देखा की सिंगल फेज मोटर सेल्फ स्टार्टिंग नहीं होता है। सिंगल फेज इंडक्शन मोटर को सेल्फ स्टार्टिंग की व्याख्या Double Revolving Field Theory से की जाती है। इस थ्योरी के अनुसार मोटर के स्टेटर में उत्पन्न हुए मैग्नेटिक फ्लक्स को दो बराबर परिणाम वाले परन्तु एक दूसरे के विपरीत घूमते मैग्नेटिक फ्लक्स में बाटा जा सकता है। ये दोनों मैग्नेटिक फ्लक्स दो अलग अलग प्रकार के टार्क रोटर पर उत्पन्न करेंगे तथा इन दोनों टार्क के योग के बराबर का नेट टार्क रोटर को घुमाने लगेगा। जिससे मोटर सेल्फ स्टार्ट हो जायेगा।  अर्थात हम कह सकते है की सिंगल फेज मोटर दो फेज सप्लाई पर कार्य करता है। 

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