संदेश

Mechanical लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

माइल्ड स्टील : परिभाषा , गुण ,लाभ हानि एवं उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
माइल्ड स्टील क्या है ? ऐस स्टील जिसमे कार्बन की मात्रा बहुत ही कम होती है उसे माइल्ड स्टील कहते है। माइल्ड स्टील को हिंदी में मृदु इस्पात या हल्का इस्पात कहते है। माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा बहुत ही कम (0.15 %) पाई जाती है। कार्बन की मात्रा कम होने की वजह से यह अन्य लोहे की तुलना में नरम तथा लचीला होता है। लचीला होने के साथ ही यह बहुत मजबूत होता है जिसके कारण विभिन्न क्षेत्रो में इसका उपयोग किया जाता है।  माइल्ड स्टील के गुण  माइल्ड स्टील के गुण निम्न है : मजबूती:  माइल्ड  स्टील भले ही हल्का होता है  लेकिन यह लोहे की तरह ही मजबूत होता है। इसमें भार सहने की असीम क्षमता होती है इसलिए इसका उपयोग विभिन्न संरचनात्मक कार्यों में किया जाता है।  लचीलापन:  लचीलापन माइल्ड स्टील का एक महत्वपूर्ण गुण है।  इसे आसानी से मोड़ा जा सकता है और वांछित आकार में ढाला जा सकता है।  माइल्ड स्टील के इस गुण का उपयोग विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है।  वेल्डिंग योग्यता :  माइल्ड स्टील को आसानी से वेल्ड किया जा सकता है जिससे इसका उपय...

थर्मोडायनामिक्स के विभिन्न गुण (Different Property of Thermodynamics)

चित्र
थर्मोडायनामिक्स फिजिक्स की एक शाखा है जिसमे ऊष्मा, तापमान और कार्य के बीच के संबंध  का अध्ययन किया जाता  है। आइए इसके मूलभूत सिद्धांत आसानी से समझने की कोशिस करते है : गुणधर्म (Properties): थर्मोडायनामिक्स में गुणधर्म किसी सिस्टम की वे विशेषताएं होती  हैं जो उसकी अवस्था (State)को परिभाषित करती हैं तथा उसके आंतरिक कारको पर  निर्भर करती हैं। बाहरी कारक जैसे तापमान, दबाव या अन्य दूसरी  सिस्टम से संपर्क गुणधर्मों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन वे प्रणाली के आंतरिक संरचना या प्रकृति पर निर्भर नहीं करते हैं। थर्मोडायनामिक्स के गुणधर्म निम्न है : 1. व्यापक गुणधर्म (Extensive Properties) किसी सिस्टम के वे गुण जो उसकी मात्रा पर निर्भर करते है उसे व्यापक गुणधर्म (Extensive Properties) कहते है।ये गुणधर्म सिस्टम के आकार या मात्रा के सीधे अनुपात में परिवर्तित होतेहैं। जैसे की  लिए, द्रव्यमान, आयतन, आंतरिक ऊर्जा, कुल ऊष्मा तथा  एन्ट्रॉपी। यदि सिस्टम दोगुने आकार का है  तो  सिस्टम में इन गुणधर्मों मान भी दोगुना  होगा। 2. गहन गुणधर्म ...

बेसिक कांसेप्ट ऑफ़ थर्मोडायनामिक्स | Concept of Thermodynamics in Hindi

चित्र
थर्मोडायनामिक्स का सरल परिचय  थर्मोडायनामिक्स फिजिक्स की एक शाखा है जो ऊष्मा, तापमान और कार्य के बीच के संबंधों का अध्ययन करती है। सरल शब्दो में यह बताता है कि कैसे ऊष्मा वस्तुओं के बीच यांत्रिक(गति) कार्य में बदल सकती है और इसके विपरीत गति से ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जा सकती है। ऊष्मा तथा गति के बीच संबंध का अध्ययन थर्मोडायनामिक्स के अंदर किया जाता है।  मुख्य अवधारणाएं ऊर्जा:  थर्मोडायनामिक्स का मूलभूत सिद्धांत है कि संसार में ऊर्जा का  कुल योग स्थिर है। इसे घटाया बढ़ाया नही जा सकता। इसे केवल  विभिन्न रूपों में बदला जा सकता है।  जैसे कि ऊष्मा को कार्य में  या कार्य को ऊष्मा मे। तापमान:  तापमान किसी वस्तु में कितनी ऊष्माज ऊर्जा संचित है इसका माप है। गर्म वस्तुओं में ठंडी वस्तुओं की तुलना में अधिक उष्मीय ऊर्जा होती है। कार्य:  जब कोई बल किसी वस्तु की स्थिति में गति उत्पन्न करता  है तो उस  वस्तु पर कार्य किया जाता है। उदाहरण के लिए, जब आप कोई किताब उठाते हैं तो आप उस किताब पर गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करते हैं। ऊष्मा स्थानांत...

इंटरनल कम्बशन इंजन: परिभाषा, कार्य सिद्धांत तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
इंटरनल कम्बशन इंजन किसे कहते है ? यह एक विशेष प्रकार का इंजन है जिसमे ईंधन के जलने से उत्पन्न उष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण यांत्रिक ऊर्जा में होता है। इसमें एक पूर्ण रूप से बंद सिलिंडर होता है जिसमे पिस्टन लगा रहता है। इस बंद सिलिंडर में ईंधन तथा हवा के मिश्रण को प्रवाहित किया जाता है जिसमे मिश्रण का दहन होता है। इंटरनल कम्बशन इंजन को हिंदी में अंतर्दहन इंजन कहते है। अंतर्दहन इंजन के मुख्य भाग (Component of IC Engine) इंटरनल कम्बशन इंजन के निर्माण में बहुत से कम्पोनेट का इस्तेमाल किया जाता है जिनमे से कुछ की व्याख्या नीचे की गई है : दहन कक्ष: इंजन का वह भाग जिसमे ईंधन तथा हवा के मिश्रण का दहन होता है। पिस्टन: एक हिलने-डुलने वाला भाग जो मिश्रण के दहन से निकली उष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। कनेक्टिंग रॉड: एक रॉड जो पिस्टन को क्रैंकशाफ्ट से जोड़ती है। क्रैंकशाफ्ट: एक रोटरी शाफ्ट जो पिस्टन की गति को घूर्णन  गति में बदलता है। वाल्व: वाल्व दहन कक्ष में प्रवाहित गैसों के प्रवाह को नियंत्रित करता हैं। स्पार्क प्लग: एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस जो मिश्रण को प्रज्वलित करने के...

डीजल इंजन क्या है ? परिभाषा , कार्य सिद्धांत तथा उपयोग

चित्र
डीजल इंजन क्या है ? डीजल इंजन एक आंतरिक दहन इंजन है जिसमे डीजल का  उपयोग मुख्य ऊर्जा श्रोत के रूप में किया जाता है। इस इंजन में एक पिस्टन होता है जो एक सिलेंडर के अंदर ऊपर और नीचे घूमता रहता है। जब पिस्टन ऊपर जाता है,तब  यह हवा और ईंधन के मिश्रण को अंदर के तरफ खींचता है। जब पिस्टन नीचे जाता है, तो यह मिश्रण को संपीड़ित करता है जिससे मिश्रण का तापमान बढ़ता है। मिश्रण के तापमान में वृद्धि होने की वजह से एक विस्फोट होता है , जिसके परिणामस्वरूप विस्फोट पिस्टन को नीचे की ओरधकेलता है। पिस्टन की यह गति को क्रैंकशाफ्ट में स्थानांतरित होती है जिससे  इंजन के पहियों को घुमने की शक्ति मिलती है। डीजल इंजन आमतौर पर गैसोलीन इंजन की तुलना में अधिक कुशल और शक्तिशाली होते हैं, लेकिन ये अधिक प्रदूषण भी पैदा करते हैं।   डीजल इंजन कैसे कार्य करता है ? डीजल इंजन एक संपीडन-इग्निशन इंजन है जो बिना स्पार्किंग प्लग के हवा को संपीड़ित कर उसमें डीजल ईंधन इंजेक्ट कर काम करता है।  इस इंजन के चार मुख्य स्ट्रोक होते हैं जो निचे बताये गए है : इंटेक स्ट्रोक:  इस स्ट्रोक में पिस्टन ऊपर की ओर ...

डीजल जनरेटर सेट (DG) में रखने वाली सावधानिया

चित्र
डीजल जनरेटर सेट क्या होता है ? डीजल जनरेटर सेट एक विशेष प्रकार का विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने वाला यन्त्र होता है जिसका उपयोग विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है । यह डीजल इंजन तथा विधुत जनरेटर का एक सेट होता है । डीजल इंजन मैकेनिकल ऊर्जा उत्पन करता है जिससे जनरेटर को घुमाया जाता है और जनरेटर द्वारा विधुत ऊर्जा उत्पन्न होती है । यह कंस्ट्रक्शन साइट , शादी , त्यौहार इत्यादि स्थानों पर अस्थयी रूप से विधुत ऊर्जा सप्लाई के लिए उपयोग किया जाता है । इसे चलता फिरत पावर ग्रिड भी ककहते है । डीजल जनरेटर सेट (DG) के रख रखाव से सम्बंधित सावधानिया   डीजल जनरेटर सेट  के संचालन तथा रखाव के वक्त उपभोगता को कुछ सावधानिया बरतनी चाहिए  जिससे कोई दुर्घटना  न घटे तथा विधुत ऊर्जा का उत्पादन निरंतर रूप से होता रहे । डीजल जनरेटर सेट के रख रखाव में निम्न  सावधानिया बरतनी  चाहिए है   किसी  विशेष डीजी के लिए डीजी निर्माता कंपनी द्वारा पहले से निर्धारित सभी मापदंडो सावधानीपूर्वक अध्ययन करे   डीजी को  हवादार , समतल सतह तथा आग के  पहुंच से दूर वाले स्...

लुब्रीकेंट : परिभाषा ,प्रकार,गुण तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
स्नेहक किसे कहते है ? वैसा पदार्थ जो किसी दो घूमने वाली सतह के बीच लगाने से उनका घर्षण कम हो जाता है उसे स्नेहक कहते है।स्नेहक को अंग्रेजी में लुब्रीकेंट कहते है। दो सतहों के बीच लुब्रीकेंट के प्रयोग से उनके बीच चिकनाहट आ जाती है जिससे घर्षण कम हो जाता है। दोनों सतहों के बीच चिकनाहट लाना लुब्रिकेशन कहलाता है। इंजीनियरिंग में बहुत सारी मशीन एक दूसरे से शाफ़्ट या बेल्ट के माध्यम से जुडी हुई होती है  तथा सापेक्षिक गति करती है जिनमे घर्षण के कारण ऊर्जा के एक भाग स्वतः नष्ट हो जाता है। या मशीने घीसकर नष्ट हो जाती है। मशीनों में इस प्रकार से होने वाली हानि या नुकशान को कम करने के लिए उनंके बीच लुब्रीकेंट का उपयोग किया जाता है। लुब्रीकेंट विभिन्न प्रकार के होते है जिनका वर्गीकरण निचे किया गया है।  उच्च श्रेणी के लुब्रीकेंट के पास क्या  गुण होने चाहिए ? एक उच्च किस्म के लुब्रीकेंट के पास निम्न गुण होने चाहिए : लुब्रीकेंट के श्यानता (Viscocity) की रेंज ज्यादा होनी चाहिए।  तापमान  के साथ श्यानता में परिवर्तन नहीं  होना चाहिए।  लुब्रीकेंट रासायनिक रूप से अक्रिय हो...

थर्मोकपल : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
 थर्मोकपल क्या होता है?  यह एक प्रकार का सेंसर होता है जिसका उपयोग तापमान मापने के लिए किया जाता है। इसके मदद से बड़े परास(Wide range) तक तापमान को मापा जा सकता है।यह विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र , घर, कार्यालय आदि में उपयोग  किया जाने वाला एक सरल, मजबूत और सस्ता तापमान सेंसर है। इसके निर्माण में दो विभिन्न प्रकार के धातुओ के एक सिरे को आपस में जोड़कर तैयार किया जाता है। धातुओ के जंक्शन को जब गर्म किया जाता है तब उसके अन्य दुसरे सिरों के बीच वोल्टेज उत्पन्न होता है जो जंक्शन के तापमान के समानुपाती होता है।  थर्मोकपल किस सिध्दांत पर कार्य करता है?  यह सीबैक प्रभाव पर कार्य करता है जिसके अनुसार यदि दो भिन्न धातुओ को एक एक सिरों को आपस में जोड़कर एक जंक्शन बनाया जाए जिसे हॉट जंक्शन कहते है।और अन्य दुसरे सिरे को खुला छोड़ दिया जाए। इसके बाद धातुओ के जंक्शन के तापमान में परिवर्तन किया जाए तब खुला छोड़े गए दुसरे सिरों के बीच विभवान्तर उत्पन्न होने लगता है जिसका परिमाण जंक्शन के तापमान के अंतर के समानुपाती होता है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है।  चूँकि खुले हुए स...

ज्वारीय ऊर्जा : परिभाषा ,कार्य सिद्धांत ,लाभ तथा हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
 ज्वारीय ऊर्जा क्या है? समुन्द्र में उठने वाले ज्वार के कारण पानी में गति उत्पन्न हो जाती है जिससे समुन्द्र का पानी तेजी से किनारों के तरफ भागता है और जब ज्वार समाप्त हो जाता है तब पुनः दुबारा किनारों के तरफ  गति करने लगता है। ज्वार के कारण  पानी में उत्पन्न गति की वजह से गतिज उर्जा आ जाती है। समुन्द्र के जल में मौजूद इस उर्जा को ज्वारीय उर्जा कहते है जिसका उपयोग कर विधुत ऊर्जा उत्पन्न या अन्य दुसरे कार्य  किया जा सकता है। ज्वारीय उर्जा को अंग्रेजी में टिडल एनर्जी कहा जाता है। यह उर्जा का एक नवीकरणीय श्रोत है।  ज्वार क्या होता है? पृथ्वी के घूर्णन तथा सूर्य और चन्द्रमा के गुरत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी पर मौजूद समुन्द्र तथा महासागरों के पानी के स्तर में उतराव चढाव होता रहता है जिसे ज्वार कहते है। जब समुंद्री पानी उतरकर अपने निचले स्तर पर पहुचता है तब उसे निम्न ज्वार (Low  Tides) कहते है इसके विपरीत जब पानी का स्तर अपने अधिक उचाई को प्राप्त करता है तब उसे उच्च ज्वार(High Tides) कहते है।  कार्य सिद्धांत - ज्वारीय उर्जा को विधुत उर्जा में परिवर्...

Boiler In Hindi : परिभाषा ,कार्य तथा प्रकार - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
बायलर क्या होता है? यह एक विशेष प्रकार का बंद बर्तन होता है जिसमे पानी या अन्य दुसरे द्रव को गर्म किया जाता है। यह जरुरी नहीं है कि  बायलर में गर्म किया जाने वाला द्रव गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो लेकिन ज्यादातर पानी को भाप  में परिवर्तित करने के लिए ही बायलर का उपयोग किया जाता है। बायलर में  निर्मित वाष्प या भाप का उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यो में किया जाता है। जैसे खाना पकाने में  प्रयोगशाला में ,विधुत उत्पादन में इत्यादि। बायलर का अधिकांशउपयोग थर्मल पॉवर प्लांट तथा  न्यूक्लियर पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा के उत्पादन में किया जाता है।  बायलर का कार्य सिध्दांत क्या है? बॉयलर का मूल कार्य सिद्धांत बहुत ही सरल जिसे  आसानी से समझा जा सकता है। बॉयलर एक बंद बर्तन होता है  जिसके अंदर पानी जमा होता है।  कोयला या अन्य दुसरे  इंधन को जलाकर उष्मीय उर्जा उत्पन्न किया जाता है। इस प्रकार इंधन के जलने से जो उष्मीय उर्जा उत्पन्न होती है उसे बायलर के संपर्क में लाया जाता है जहा बायलर में रखा हुआ पानी गर्म होता है और वाष्प में परिवर्तित होता है। जैसे...

thermodynamics in hindi : परिभाषा ,प्रकार तथा उदहारण - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

चित्र
 उष्मागतिकी किसे कहते है? Thermodynamics को हिंदी में उष्मागतिकी कहते है। ऊष्मा से तात्पर्य है उष्मीय उर्जा तथा गतिकी से तात्पर्य है गति उत्पन्न करना। अर्थात इन दोनों शब्दों को आपस में मिला दे तब इसका मतलब निकलता है की उष्मीय उर्जा से गति उत्पन्न करना ही उष्मागतिकी कहलाता है। हम सभी जानते है की ऊष्मा एक प्रकार की उर्जा होती है और किसी गति करती हुई वस्तु के पास गतिज उर्जा होती है। अर्थात उष्मागतिकी में उष्मीय उर्जा को गतिज उर्जा में परिवर्तित किया जाता है। विज्ञानं में उष्मागतिकी को निम्न तरीके से परिभाषित किया जाता है : उष्मागतिकी विज्ञान की वह शाखा है जिसमे किसी सिस्टम से संबंधित ,उर्जा ,तापमान ,ऊष्मा तथा कार्य का एक दुसरे में परिवर्तन की व्याख्या किया जाता  है।    मोटे तौर पर, थर्मोडायनामिक्स ऊर्जा के एक स्थान से दूसरे स्थान और एक रूप से दूसरे रूप में स्थानांतरण से संबंधित है। थर्मोडायनामिक्स में हमेशा किसी सिस्टम से संबंधित उर्जा ,तापमान आदि की ही व्याख्या करता है। इसलिए यह जरुरी बन जाता है की हमें सिस्टम की समझ हो। बिना सिस्टम के जानकरी के थर्मोडायनामिक्स के मूल...