Power System क्या होता है?
विधुत उर्जा के उत्पादन,संचरण,वितरण तथाउपयोग से बने नेटवर्क को Power System कहते है। विधुत उर्जा का उत्पादन कोयला ,डीजल या कार्बनिक गैस आदि में निहित रासायनिक उर्जा से किया जाता है। रासायनिक उर्जा को विधुत उर्जा में बदलने के लिए सिंक्रोनस या इंडक्शन जनरेटर का उपयोग किया जाता है। जनरेटर ,ट्रांसफार्मर ,सर्किट ब्रेकर तथा ट्रांसमिशन लाइन Power System के महत्वपूर्ण भाग होते है। पॉवर सिस्टम अपने आप में एक बहुत ही काम्प्लेक्स एंटरप्राइज है। पॉवर सिस्टम का अध्ययन करने के लिए इसे निम्न भागो में विभाजित किया गया है :-
- पॉवर प्लांट
- ट्रांसफार्मर
- ट्रांसमिशन लाइन
- सबस्टेशन
- डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर
पॉवर सिस्टम का Layout
पॉवर प्लांट क्या होता है?
पॉवर प्लांट`किसी भी पॉवर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। इसे पॉवर सिस्टम का दिल भी कहा जाता है। पॉवर प्लांट में ही उर्जा श्रोत में निहित उर्जा को विधुत उर्जा में बदला जाता है। पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा परिवर्तन के लिए सिंक्रोनस जनरेटर या इंडक्शन जनरेटर का उपयोग किया जाता है। जनरेटर द्वारा उत्पन्न विधुत उर्जा का वोल्टेज 11 या 25 हज़ार वोल्ट होता है। इस वोल्टेज पर विधुत उर्जा को लम्बे दूरी तक भेजा नहीं जा सकता है इसलिए विधुत उर्जा को लम्बे दूरी तक भेजने के लिए स्टेप अप ट्रांसफार्मर द्वारा बड़े वोल्टेज (33 KV या इससे अधिक ) तक बढाया जाता है। वोल्टेज लेवल बढ़ने के बाद विधुत उर्जा को ट्रांसमिशन लाइन द्वारा सबस्टेशन को भेज दिया जाता है।
ट्रांसफार्मर क्या होता है?
ट्रांसफार्मर किसी भी पॉवर सिस्टम का अति महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा का उत्पादन 11 हज़ार या 25 हज़ार वोल्ट पर किया जाता है। विधुत उर्जा को इस वोल्टेज पर सुदूर भेजना महंगा पड़ता है। इस उत्पादित वोल्टेज को स्टेप अप ट्रांसफार्मर द्वारा बहुत ही बड़े वोल्टेज (33 KV 66 KV या इससे आधिक) तक स्टेप अप कर भेजा जाता है। अति उच्च वोल्टेज पर विधुत उर्जा का उपयोग नहीं किया जा सकता है इसलिए पुनः इस उच्च वोल्टेज को स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर द्वारा 220 या 420 वोल्ट तक इस वोल्टेज को डाउन दिया जाता है।
ट्रांसमिशन लाइन क्या होता है?
ट्रांसफार्मर की तरह ट्रांसमिशन लाइन भी पॉवर सिस्टम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। पॉवर प्लांट द्वारा उत्पादित विधुत उर्जा को उपयोग करने वाले स्थान तक लाने के लिए ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग किया जाता है। ट्रांसमिशन लाइन द्वारा विधुत उर्जा का स्थान्तरण वोल्टेज या करंट के तरंग(Wave) के रूप में होता है। ट्रांसमिशन लाइन डिजाईन करने के लिए सामान अनुप्रस्थ क्षेत्रफल(Uniform Cross sectional Area) वाले लम्बे चालक का उपयोग किया जाता है। ट्रांसमिशन लाइन में उपयोग किये चालको के बीच मौजूद हवा इंसुलेटर की तरह कार्य करता है। चालको को स्टील के बने टावर के मदद से धरती से ऊपर टांगा (Hang) जाता है।
सबस्टेशन क्या होता है?
चूँकि पॉवर प्लांट में विधुत उर्जा का उत्पादन उच्च वोल्टेज पर होता है और Consumer के उपयोग के लिए विधुत उर्जा 220V या 420V की जरुरत पड़ती है। उच्च वोल्टेज पर उत्पादित विधुत उर्जा को ट्रांसमिशन लाइन द्वारा पॉवर प्लांट से सबस्टेशन को भेजा जाता है। सबस्टेशन में लगे स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर उच्च वोल्टेज को 11kv तक स्टेप डाउन करते है उसके बाद इस स्टेप डाउन वोल्टेज को Consumer को उपयोग करने के लिए भेज दिया जाता है। घरेलु उपयोग के लिए विधुत उर्जा 220 V की जरुरत पड़ती है। इसलिए पुनः दुबारा स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर की मदद से 11 KV वोल्टेज को 220V तक स्टेप डाउन कर दिया जाता है।
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर क्या होता है ?
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर ,पॉवर सिस्टम के अंतिम स्टेज पर कार्य करने वाला ट्रांसफार्मर होता है। डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर एक स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर होता है। सबस्टेशन से 11 KV पर सप्लाई की जाने वाली विधुत उर्जा को यूजर को 220 V पर स्टेप डाउन करने का कार्य डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर ही करता है। डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर को सर्विस ट्रांसफार्मर भी कहा जाता है।
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