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Parts of dc motor in hindi :- हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

 DC मोटर क्या होता है?

डीसी मोटर एक इलेक्ट्रिकल मशीन  है जो डीसी विधुत उर्जा (Electrical Energy) को यांत्रिक उर्जा (Mechanical Energy) में परिवर्तित करता है। डीसी मोटर का उपयोग लिफ्ट ,वाशिंग, मशीन आदि में किया जाता है। डीसी मशीन की controlling ,AC मशीन से आसन होता है इसलिए डीसी मशीन  का उपयोग भी बहुत किया जाता है। 

DC मोटर के पार्ट्स 

डीसी मोटर को बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के अलग अलग पुरजो को जरुरत पड़ती है। डीसी मशीन के महत्वपूर्ण  पार्ट्स निम्न है :-
  • स्टेटर (Stator)
  • रोटर (Rotor)
  • योक (Yoke)
  • पोल (Poles)
  • फील्ड वाइंडिंग (Field windings)
  • आर्मेचर वाइंडिंग (Armature windings)
  • कम्यूटेटर (Commutator)
  • ब्रश (Brushes)

स्टेटर  तथा रोटर क्या होता है?

स्टेटर डीसी मोटर का static अर्थात न घूमने वाला भाग या हिस्सा होता है। इसके विपिरत रोटर डीसी मोटर का घुमने वाला भाग होता है। दोनों को बनाने के लिए उच्च किस्म के मिश्र धातु का प्रयोग किया जाता है। 

योक क्या होता है?

Parts of DC motor in Hindi
Imge source:www.electrical4u.com
योक डीसी मोटर के स्टेटर का भाग होता है। यह कास्ट आयरन से बनाया जाता है। योक मोटर के आंतरिक भाग को सुरक्षा प्रदान करता है। अर्थात यह मोटर का ढाचा होता है। योक के आंतरिक भाग में ही स्लॉट होते है जिसमे फील्ड वाइंडिंग को रखा जाता है। 

डीसी मोटर में पोल क्या होता है?

पोल या चुम्बकीय पोल डीसी मोटर के  स्टेटर के आंतरिक भाग में होते है। पोल पर मैग्नेटिक फील्ड वाइंडिंग को लगाया जाता है। पोल स्टील के (1 - 1.5) mm मोटी पत्ती को लैमिनेट कर बनाया जाता है। पोल फील्ड वाइंडिंग में उत्पन्न हुए चुम्बकीय फ्लक्स को प्रवाहित होने के लिए रास्ता तैयार करता है।

पोल के दो भाग होते है जिन्हें पोल कोर (Pole Core ) तथा पोल शू (Pole Shoe) कहा जाता है। पोल कोर का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल बहुत कम होता है और इसका मुख्य कार्य पोल शू को योक से जोड़ कर रखना होता है। 

इसके अतिरिक्त पोल शू का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल ज्यादा होता  है और इसका मुख्य कार्य मैग्नेटिक फील्ड वाइंडिंग  में उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स को सामान रूप से स्टेटर तथा रोटर के बीच  मौजूद Air Gap में फैलाना होता है।

फील्ड वाइंडिंग क्या होता है? 

डीसी मोटर के स्टेटर तथा रोटर के बीच चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए ,पोल कोर पर वाइंडिंग की जाती है। इस वाइंडिंग को ही फील्ड वाइंडिंग कहा जाता है। डीसी  मोटर में यदि चुम्बकीय क्षेत्र  को उत्पन्न न किया जाये तो मोटर घूमेगा ही नहीं। 

आर्मेचर वाइंडिंग क्या होता है?

डीसी मोटर के रोटर पर उसके लम्बाई के अनुदिश खांचे बनाये गए होते है। इन खांचो में एलुमिनियम या कॉपर के पतले तार को डाला जाता है। इस प्रकार प्रत्येक खांचे में बहुत सारे तार को डाल कर एक प्रकार की वाइंडिंग  बनाई जाती है जिसे आर्मेचर वाइंडिंग कहते है।

साधारण भाषा में रोटर के ऊपर लगाये गए वाइंडिंग को आर्मेचर वाइंडिंग कहते है। यह आर्मेचर वाइंडिंग जब चुंबकीय फ्लक्स से इंटरैक्ट करता है तब इसमें emf उत्पन्न हो जाता है जिससे इसमें एक विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है और इस विधुत धारा के कारण रोटर पर एक बल आघूर्ण कार्य करने लगता है जिससे मोटर घुमने लगता है। 

कम्यूटेटर क्या होता है?

डीसी मोटर में कम्यूटेटर रोटर के घूर्णन अक्ष पर बाहर से लगाया जाता है। चूँकि रोटर लगातार घूमता रहता है इसलिए इसके वाइंडिंग का स्थान भी लगातार बदलता रहता है इसलिए रोटर के वाइंडिंग में प्रवाहित विधुत धारा की दिशा भी बदलती जाएगी। रोटर के वाइंडिंग में प्रवाहित विधुत धारा की दिशा नियत बनाये रखने के लिए कम्यूटेटर का प्रयोग किया जाता है।  

ब्रश क्या होता है ?

ब्रुश का कार्य कम्यूटेटर में  विधुत धारा को  बाहरी परिपथ से भेजना होता है। ब्रुश कॉपर तथा कार्बन पदार्थ के बनाए जाते हैं परंतु अधिकतर ब्रुश कार्बन के बने होते हैं क्योंकि कॉपर की अपेक्षा कार्बन का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है जिसके कारण इसमें स्पार्क(spark) होने की संभावना कम होती है।

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