थ्री फेज ट्रांसफार्मर क्या होता है ?
ट्रांसफार्मर एक प्रकार का इलेक्ट्रिकल मशीन होता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन अर्थात विधुत चुम्बकीय प्रेणण सिद्धांत पर विधुत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में ट्रांसफर करता है। ट्रांसफार्मर सर्किट में वोल्टेज को या तो कम करता है या बढ़ाता है। ट्रांसफार्मर में विभिन्न प्रकार के कल पुर्जे लगे होते है जो ट्रांसफार्मर को सुचारु रूप से कार्य करने मदद करते है। ट्रांसफार्मर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण भाग निम्न है जैसे :-
- कोर
- वाइंडिंग
- इंसुलेटिंग मटेरियल
- ट्रांसफार्मर आयल
- टैप चेंजर
- कंज़र्वेटर
- ब्रीथर
- कूलिंग ट्यूब
- बुकलोज़ रिलय
- एक्सप्लोसिव भेंट
आज के इस लेख में हम ट्रांसफार्मर से सम्बंधित सभी प्रकार कलपुर्ज़ों के बारे में जानेंगे।
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Image Credit: https://circuitglobe.com/what-is-a-transformer.html |
वाइंडिंग क्या होता है ?
वाइंडिंग ट्रांसफार्मर का वह भाग होता है जो विधुत ऊर्जा को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में स्थान्तरित करने का कार्य करता है। वाइंडिंग मुख्य रूप से कॉपर के बहुत सारे तार को आपस में मिलाकर तैयार किया जाता है। किसी ट्रांसफार्मर में उपयोग होने वाले वाइंडिंग की प्रवृति ट्रांसफार्मर के इनपुट - आउटपुट या ट्रांसफार्मर के प्रकार पर निर्भर करता है।
कोर (Core) क्या होता है ?
कोर ट्रांसफार्मर का वह भाग होता है जिस पर वाइंडिंग को चढ़ाया जाता है। इसका मुख्य कार्य वाइंडिंग में उत्पन्न हुए चुम्बकीय फ्लक्स को एक सर्किट से दूसरे सर्किट में जाने के लिए रास्ता तैयार करना होता है। कोर में होने वाले Eddy Current तथा Hysteresis loss को कम करने के लिए ,कोर के निर्माण हेतु ऐसे पदार्थ का चयन किया जाता है जिसकी Reluctance बहुत कम होता है। इसके लिए सॉफ्ट आयरन का उपयोग किया जाता है।
ट्रांसफार्मर आयल क्या होता है ?
ट्रांसफार्मर आयल एक प्रकार का आर्गेनिक द्रव होता है। यह ट्रांसफार्मर में दो प्रकार का कार्य करता है। ट्रांसफार्मर में इस आयल को मुख्य रूप से कूलिंग के लिए उपयोग किया जाता है लेकिन यह कूलिंग के साथ साथ इंसुलेटिंग मटेरियल की तरह भी कार्य है। ट्रांसफार्मर के अंदर आयल में थ्री फेज वाइंडिंग को पूर्ण रूप से डुबाया जाता है ताकि लोड के वक्त उत्पन्न ऊष्मा का सही ढंग से ट्रांसफर हो सके।
Conservator क्या होता है ?
कंजर्वेटर एक बेलनाकार आकृति का एक टैंक होता है जो ट्रांसफार्मर के बॉडी के साथ ऊपरी भाग से जुड़ा होता है। ट्रांसफार्मर में कंजर्वेटर का मुख्य कार्य आयल के लिए अतिरिक्त जगह उपलब्ध कराना होता है। यह ट्रांसफार्मर के आंतरिक भाग से पाइप द्वारा जुड़ा हुआ होता है। यह ट्रांसफार्मर के साथ ऐसे जुड़ा हुआ होता है की इसके आधे भाग में ही ट्रांसफार्मर आयल होता है। अधिक लोड होने से वाइंडिंग से ज्यादा मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है तब आयल का आयतन बढ़ने लगता है। उसी दशा में आयल का बढ़ा हुआ भाग कंज़र्वेटर में आकर इकठा होता है। जब ट्रांसफार्मर ठंढा होता तब यहाँ इकठा हुआ आयल पुनः ट्रांसफार्मर में आ जाता है।
इंसुलेटिंग मटेरियल क्या होता है ?
इंसुलेटिंग मटेरियल जैसे पेपर कार्ड बोर्ड आदि का उपयोग ट्रांसफार्मर के प्राइमरी तथा सेकेंडरी वाइंडिंग के साथ साथ ट्रांसफार्मर कोर अलग करने के लिए किया जाता है।चूँकि ट्रांसफार्मर में उच्च गुणवत्ता वाले ताम्बे के तार का प्रयोग किया जाता है जिससे कम मात्रा में ताम्बे के तार की जरुरत पड़ती है जिससे वाइंडिंग का आयतन बहुत कम होता है। कम आयतन वाले वाइंडिंग को जब कसा जाता है तब यह मुड जाता है। वाइंडिंग को मुड़ने से बचाने के लिए इसके अगल बगल में इंसुलेटिंग मटेरियल का प्रयोग किया जाता है।
ब्रीथर क्या होता है ?
ब्रीथर ट्रांसफार्मर में नाक की तरह कार्य करता है। यह एक छोटा सा बेलनाकार आकार का बॉक्स होता है जिसमे सिलिका जेल नाम का एक पदार्थ भरा हुआ रहता है। इसका का मुख्य कार्य ट्रांसफार्मर में प्रवाहित होने वाली हवा को नामिमुक्त करना होता है। इसमें रखा हुआ सिलिका जेल हवा में मौजूद वाष्प कण को सोख लेता है। यदि हवा में मौजूद वाष्प के कण को प्रवाहित होने से रोका नहीं गया तो यह आयल से रसायनिक अभिक्रिया कर इंसुलेशन से सम्बंधित समस्या उत्पन्न कर सकता है।
Tap Changer क्या होता है ?
ट्रांसफार्मर के टर्मिनल के बीच वोल्टेज परिवर्तन को संतुलित करने के लिए Tap Changer का उपयोग किया जाता है। ट्रांसफार्मर में दो प्रकार का Tap Changer होता है।
(1.) ऑन लोड टैप चेंजर
(2. ) ऑफ लोड टैप चेंजर
बुकलोज़ रिले क्या होता है ?
यह एक प्रकार का ट्रांसफार्मर आयल टैंक होता है जो पाइप द्वारा मुख्य कंज़र्वेटर टैंक से जुड़ा हुआ होता है। इसका मुख्य कार्य ट्रांसफार्मर में होने वाले फाल्ट को डिटेक्ट या सेंस करना होता है। यह ट्रांसफार्मर के आंतरिक भाग में होने वाले फाल्ट के कारण आयल से निकलने वाली गैस को सेन्स करता है और आपात काल में ट्रांसफार्मर के सुरक्षा हेतु मुख्य सप्लाई को बंद कर देता है या इमरजेंसी अलार्म को चालू कर देता है।
कूलिंग ट्यूब क्या होता है ?
जैसे नाम से ही मालूम होता है की यह ट्रांसफार्मर में कूलिंग का कार्य करता है। ट्रांसफार्मर जब लोड पर होता है उस वक्त इसके वाइंडिंग में बहुत ही ज्यादा मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होता है जिससे आयल गर्म हो जाता है। यदि ट्रांसफार्मर में उचित कूलिंग व्यवस्था नहीं की गयी तो ट्रांसफार्मर में आग लग सकती है। ट्रांसफार्मर को ठंडा करने के लिए कूलिंग ट्यूब का उपयोग किया जाता है।
Explosive Vent क्या होता है ?
जैसे नाम से ही ज्ञात होता है की यह एक्सप्लोड होने वाल वेंट होता है। Explosive Vent ट्रांसफार्मर के आंतरिक भाग से जुड़ा एक कमजोर कड़ी होता है जो की एक पाइप के माध्यम से ट्रांसफार्मर के ऊपरी भाग में लगा रहता है। जब ट्रांसफार्मर के आंतरिक भाग में किसी फाल्ट के कारण बहुत ही ज्यादा मात्रा में गैस बन जाती है और बुकलोज़ रिले कार्य नहीं करता है और ट्रांसफार्मर फटने को होता उसी वक्त यह वेंट खुल जाता है जिससे ट्रांसफार्मर फटने से बच जाता है।
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