Conductor क्या होता है ?
conductor को हिंदी में चालक कहा जाता है। वैसा पदार्थ जो अपने से होकर विधुत आवेश को प्रवाहित होने दे चालक कहलाता है। यदि साधारण भाषा में बोले तो ऐसा पदार्थ जो विधुत धारा को प्रवाहित होने दे ऐसे पदार्थ को चालक कहा जाता है। हम अपने आस पास जितने भी प्रकार विधुत उपकरण देखते है वे सभी चालक से बनाये जाते है। विधुत चालक पदार्थ के तीनो अवस्था में हो सकता है। यह ठोस ,द्रव या गैस कुछ भी हो सकता है लेकिन हमने अभी तक ज्यादातर चालक ठोस रूप में ही देखे है। चालक में विधुत धारा का परवाह इलेक्ट्रान के कारण होता है।
चालक से प्रवाहित होने वाले आवेश के दर को विधुत धारा कहते है। चालक से विधुत आवेश को प्रवाहित करने के लिए जो बाह्य बल कार्य करता है उसे वोल्टेज कहते है।
जब किसी चालक दोनों सिरों को किसी बाह्य वोल्टेज श्रोत से जोड़ा जाता है तब विधुत श्रोत से इलेक्ट्रान निकलकर चालक के सतह पर तैरने लगते है और वोल्टेज श्रोत के पॉजिटिव टर्मिनल की तरफ भागने लगते है। जब कोई दूसरा चालक इस चालक के संपर्क में लाया जाता है तब ये इलेक्ट्रान उस चालक के सतह पर इकठा होने लगते है। चालक के सतह पर इलेक्ट्रान तब तक इकठा होते रहते है जबतक ये पूर्ण चालक के सतह पर न फ़ैल जाए। इलेक्ट्रान के इस प्रकार इलेक्ट्रान के बहाव के कारण चालक से विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है।
चालक के कुछ उदहारण
विधुत धारा के कुछ बढ़िया चालक निम्न है :-
- सोना
- चाँदी
- ताम्बा
- एल्युमीनियम
- जस्ता
- आदि
Insulator क्या होता है ?
Insulator ऐसा पदार्थ है जो चालक के विपरीत कार्य करता है। इसे हिंदी में कुचालक कहते है। कुचालक ऐसे पदार्थ होते है अपने से होकर विधुत धारा और ऊष्मा ऊर्जा को प्रवाहीत नहीं होने देते है। चालक की तरह कुचालक भी पदार्थ के तीनो अवस्था में हो सकता है। यह ठोस गैस तथा द्रव तीनो में हो सकता है। इंसुलेटर का उपयोग विधुत उपकरणों में किया जाता है।
इंसुलेटर के उदहारण
इंसुलेटर के कुछ उदहारण निम्न है :-
- लकड़ी
- कागज
- घास
- प्लास्टिक
- पत्थर
आदि
Difference between conductor and insulator
वैसा पदार्थ जो ऊष्मा तथा विधुत को प्रवाहित होने दे। | वैसा पदार्थ जो ऊष्मा तथा विधुत को प्रवाहित न होने दे। |
सोना ,चांदी ,ताम्बा आदि चालक के उदहारण है। | रेत ,कागज ,लकड़ी आदि चालक के उदहारण है। |
चालक में इलेक्ट्रान मुक्त हो कर घूमते है। | कुचालक में इलेक्ट्रान मुक्त हो कर घूम नहीं सकते है |
चालक के अंदर विधुत क्षेत्र शून्य परन्तु बाहरी सतह पर होता है। | कुचालक में विधुत क्षेत्र हो ही नहीं सकता है। |
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