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emf in hindi : EMF तथा वोल्टेज में अंतर - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 EMF तथा वोल्टेज में क्या अंतर होता है?

EMF तथा वोल्टेज इतने सिमिलर शब्द है की इनके बीच अंतर स्पष्ट कर पाना बहुत ही मुस्किल है। वैसे इन दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है की EMF वह उर्जा है जो किसी इकाई आवेश को प्रवाहित होने के लिए दी जाती है जबकि वोल्टेज उर्जा या कार्य की वह मात्रा होती है जो किसी इकाई आवेश को एक स्थिर विधुतीय क्षेत्र में एक बिंदु से दुसरे बिंदु तक प्रवाहित करने में किया जाता है। इसके अतिरिक्त वोल्टेज तथा emf में अंतर होता है जिसे निचे दिया गया है। 

EMF  क्या होता है?

EMF का फुलफॉर्म Electromotive Force होता है जिसे हिंदी में विधुत वाहक बल कहते है। लेकिन यह किसी भी प्रकार का बल नहीं होता है। लेकिन यह विधुत सेल में एक बल की तरह ही कार्य करता है। यह किसी बैटरी या सेल के टर्मिनल पर स्थित आवेश को विधुत परिपथ में प्रवाहित होने के लिए आवश्यक उर्जा की मात्रा प्रवाहित करता है। अर्थात EMF आवेश पर  विधुत परिपथ में प्रवाहित होने के लिए दबाव बनाता है। EMF को अंग्रेजी के बड़े अक्षर  द्वारा दिखाया जाता है तथा वोल्ट में मापा जाता है। वोल्ट को अंग्रेजी के बड़े अक्षर V से लिखा जाता है।
Emf
ऊपर दिए गए सर्किट में r विधुत सेल का आंतरिक प्रतिरोध त, E विधुत सेल का EMF तथा  I परिपथ से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा है। इस विधुत परिपथ में एक लोड प्रतिरोध R जुड़ा हुआ है। 
किरचोफ़ के वोल्टेज  नियम से 
IR + Ir = E
E =I(R + r) 

EMF की विशेषता 

  • EMF बैटरी या विधुत श्रोत द्वारा प्रति आवेश को दिए गए उर्जा की मात्रा होती है। 
  • इसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर E या लैटिन सिंबल ε द्वारा दिखाया जाता है। 
  • किसी बैटरी या सेल का EMF हमेशा नियत रहता है। 
  • जब बैटरी से विधुत धारा प्रवाहित नहीं होती है तब मापा जाता है। 
  • EMF का श्रोत सेल ,सोलर सेल या जनरेटर होता है।

Voltage क्या होता है?

दो बिन्दुओ के बीच विभव के अंतर को विभवांतर या वोल्टेज कहा जाता है। किसी दो बिंदु के बीच आवेश को ले जाने में जो कार्य किया जाता है उस कार्य की मात्रा को वोल्टेज कहते है। वोल्टेज का SI मात्रक वोल्ट होता है। इसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर V द्वारा दिखाया जाता है। वोल्टेज को दुसरे शब्द में इस प्रकार परिभाषित किया जाता है 
इकाई आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में जो कार्य किया जाता है उस कार्य की मात्रा को वोल्टेज कहा जाता है। 
किसी बैटरी के टर्मिनल को विधुत परिपथ से जोड़ने पर उस परिपथ में बैटरी के धन (+) टर्मिनल से ऋण (-) टर्मिनल के तरफ विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। बैटरी के धन टर्मिनल का वोल्टेज ऋण टर्मिनल के वोल्टेज से ज्यादा होता है इसलिए विधुत धारा का प्रवाह धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल के तरफ होता है। किसी विधुत परिपथ में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के कारण किसी प्रतिरोध के दोनों टर्मिनल के बीच उत्पन्न वोल्टेज को वोल्टेज ड्राप (Voltage Drop)कहा जाता है। 

वोल्टेज की विशेषता 

  • वोल्टेज दो बिंदु के बीच के विभव का अंतर होता है। 
  • वोल्टेज नियत नहीं रहता है। यह विधुत धारा के बदलने से बदलता रहता है। 
  • वोल्टेज को वोल्टमीटर से मापा जाता है। 
  • वोल्टेज को वोल्ट में मापा जाता है। 

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