सुपरपोजीशन प्रमेय क्या है ?
सुपरपोज़िशन थ्योरम को हिंदी में अध्यारोपण प्रमेय कहते है। विधुत परिपथ विश्लेषण मेंअध्यारोपण प्रमेय (Superposition Theorem) एक प्रभावशाली टूल है जो जटिल परिपथों को सरल घटकों में विघटित करके उसके व्यवहार को समझने में मदद करता है।
किसी रैखिक विधुत परिपथ में अध्यारोपण प्रमेय यह बताता है कि किसी एक विशेष शाखा में कुल धारा या वोल्टेज सभी स्वतंत्र रूप से कार्य कर रहे स्रोतों द्वारा उस शाखा में प्रवाहित या प्रेरित धाराओं या वोल्टेजों के बीजगणितीय योग के बराबर होती है।
दूसरे शब्दों में यदि आप परिपथ को एक-एक करके अलग-अलग स्रोतों के साथ विश्लेषित करते हैं और फिर दोनों परिणामों को जोड़ते हैं तो आपको समग्र परिपथ के लिए कुल धारा या वोल्टेज मिल जाएगी।
सुपर पोजीशन थ्योरम का उपयोग कैसे करे
किसी जटिल परिपथ को हल करने से पहले निम्न स्टेप को फॉलो करे
- परिपथ से जुड़े वोल्टेज स्रोतों को शॉर्ट्स करे तथा करंट स्रोतों को ओपन सर्किट करे।
- परिपथ में केवल एक श्रोत को चालू करे तथा जिस शाखा में वोल्टेज या करंट ज्ञात करना है उसे ज्ञात करे।
- फिर परिपथ में दूसरे श्रोत को चालू करे और पहले श्रोत को बंद करे और फिर उस शाखा में वोल्टेज या करंट ज्ञात करे।
- दोनों प्रक्रिया में प्राप्त परिणाम को आपस में जोड़ ले , यह उस शाखा में दोनों श्रोत द्वारा सम्मिलित रूप से प्रवाहित विधुत धारा या वोल्टेज होगा।
उदहारण : जैसे की निचे की सर्किट में दिखाया गया है। इस सर्किट में दो विधुत श्रोत एक वोल्टेज श्रोत तथा दूसरा करंट श्रोत जुड़ा हुआ है। लोड प्रतिरोध 8𝛀 है तथा इस लोड में प्रवाहित विधुत धारा वोल्टेज श्रोत तथा करंट श्रोत दोनों की वजह से है। अतः लोड से प्रवाहित विधुत धारा को ज्ञात करने के लिए पहले वोल्टेज श्रोत को शार्ट करेंगे और करंट श्रोत से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा ज्ञात करेंगे माना की करंट श्रोत के कारण प्रवाहित विधुत धारा X है। फिर इसके बाद करंट श्रोत को ओपन करेंगे और वोल्टेज श्रोत के कारण प्रवाहित होने वाली विधुत धारा ज्ञात करेंगे। माना की वोल्टेज श्रोत के कारण Y धारा लोड से प्रवाहित हो रही है। तब लोड से सामूहिक रूप से प्रवाहित विधुत धारा X + Y होगी।[ नोट :वोल्टेज श्रोत को शार्ट तथा करंट श्रोत को ओपन करते है। ]
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सुपरपोज़िशन थ्योरम की सीमाएं (Limitation of Superposition theorem)
- सुपर पोजीशन थ्योरम केवल उन परिपथों पर लागू होता है जिनमें रैखिक तत्व होते हैं। जैसे रेसिस्टर्स, कैपेसिटर, और इंडक्टर्स। डायोड, ट्रांजिस्टर, और ट्रांसफॉर्मर वाले परिपथों में सुपरपोज़िशन थ्योरम मान्य नहीं है।
- यह प्रमेय केवल स्वतंत्र विधुत स्रोत वाले परिपथों में लागू होता है क्योकि स्वतंत्र विधुत स्रोत एक दूसरे से प्रभावित नहीं होते हैं और उनका अपना आंतरिक वोल्टेज या धारा होता है।
- सुपरपोज़िशन थ्योरम का उपयोग परिपथ में वोल्टेज और धारा ज्ञात करने के लिए किया जाता है, इसका उपयोग पावर ज्ञात करने के लिए नहीं किया जा सकता।
- अध्यारोपण प्रमेय का उपयोग असंतुलित पुल परिपथों में नहीं किया जा सकता है।
- सुपरपोज़िशन थ्योरम का उपयोग वैसे परिपथ मे किया जाता है जिसमे एक से ज्यादा स्वंतंत्र श्रोत जुड़े हुए होते है।
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