Reciprocity Theorem क्या है?
Reciprocity Theorem को परिभाषित करने से पहले ,हम Reciprocal property को समझ लेते है क्योकि इस थ्योरम का जन्म इसी Property के कारण हुआ है। किसी विधुत परिपथ में जुड़े अमीटर तथा वोल्टेज श्रोत के स्थान को आपस में बदलने पर अमीटर के रीडिंग में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं आता है। यदि अब भी आपका डाउट क्लियर नहीं हुआ तो कोई बात नहीं। इसको समझाने के लिए हम इलेक्ट्रिकल सर्किट का सहारा लेते है।
जैसे की ऊपर के परिपथ में दिखाया गया है। इस परिपथ में एक विधुत वोल्टेज का श्रोत V जुड़ा हुआ है और इस विधुत श्रोत के कारण परिपथ का आउटपुट लोड current I प्रतिरोध Z4 से प्रवाहित हो रहा है। यदि हम अब इस परिपथ में प्रतिरोध लोड Z4के साथ विधुत वोल्टेज श्रोत V को जोड़ दे और वोल्टेज श्रोत के पुराने स्थान पर एक अमीटर को जोड़ दे तब इस स्थान पर भी अमीटर से उतना ही विधुत धारा प्रवाहित होगा जितना अमीटर के पुराने स्थान पर प्रवाहित हो रहा था। जैसे की निचे के सर्किट डायग्राम में दिखाया गया है ;-
विधुत परिपथ द्वारा प्रदर्शित इस प्रकार के गुण को Reciprocal property कहते है। कोई भी विधुत सर्किट जो Reciprocal property को रखता है या अनुसरण करता है ,उसे reciprocal circuit कहते है। अतः Reciprocity theorem को निम्न तरीके से परिभाषित किया जा सकता है :-कोई भी Linear ,Active तथा Bilateral विधुत परिपथ जिसमे एक विधुत उर्जा श्रोत जुड़ा हो तब इस परिपथ के किसी दो टर्मिनल के बीच सर्किट का आउटपुट तथा विधुत उर्जा श्रोत का अनुपात नियत रहता है, इन दोनों (विधुत उर्जा तथा आउटपुट) के स्थान एक दुसरे के साथ बदलने पर।
Reciprocity theorem लागु करने की शर्त
- यह theorem तभी सही जब परिपथ से जुड़े प्रतिरोध, Inductor तथा Capacitor का स्थान न बदला जाए।
- परिपथ में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा की गणना करते समय loop या Mesh में प्रवाहित धारा की दिशा न बदली जाए।
- केवल आउटपुट तथा विधुत उर्जा श्रोत के स्थान आपस में बदले जाए।
- यह theorem केवल ऐसे विधुत परिपथ में लागू होता है जिसमे केवल एक ही विधुत उर्जा श्रोत(current या voltage श्रोत) जुड़ा हो।
- यह theorem वैसे सर्किट में लागू नहीं होता है जिसमे dependent करेंट या वोल्टेज श्रोत जुड़े हुए है।
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