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फ्लक्स मीटर : परिभाषा ,कार्य सिद्धांत ,लाभ ,हानि तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

fluxmeter

फ्लक्स मीटर क्या है ?

यह एक मापक यन्त्र है जिसके मदद से किसी चुम्बकीय परिपथ से जुड़े चुम्बकीय फ्लक्स के परिमाण को मापा जाता है। इसमें कोइल या सेंसर लगा हुआ होता है जो चुंबकीय फ्लक्स को डिटेक्ट कर विधुतीय सिगनल में परिवर्तित करता है। इस विधुतीय सिग्नल को सांख्यिक रूप में स्केल पर इसके मात्रक वेबर में व्यक्त किया जाता है। फ्लक्समीटर बैलिस्टिक गैल्वेनोमीटर का उन्नत रूप है जिसमे लो कंट्रोलिंग टार्क तथा ज्यादा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डंपिंग होती है। 

फ्लक्स मीटर का कार्य सिध्दांत 

फ्लक्स मीटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिद्धांत पर कार्य करता है। फ्लक्स मीटर के कार्य सिद्धांत को समझने के लिए फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिध्दांत को समझना होगा जिसके अनुसार यदि किसी  वायर से सम्बंधित चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किया जाए तो उस  वायर में विधुत वाहक बल (EMF) उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न विधुत वाहक बल का परिमाण चुम्बकीय परिवर्तन होता है। 

 फ्लक्स मीटर की संरचना एवं बनावट 

फ्लक्स मीटर की संरचना एवं बनावट को निचे के चित्र में दिखाया गया है। एक स्थायी चुम्बक के दोनों ध्रुव के बिच में एक कोइल (Coil) स्प्रिंग से जुड़े एक रेशम के धागे की मदद से लटकी हुई रहती है। विशिष्ट उपयोग और जरुरत के हिसाब से फ्लक्स मीटर की संरचना भिन्न भिन्न होती है लेकिन सभी प्रकार के फ्लक्स मीटर में निम्न कॉम्पोनेन्ट का उपयोग किया जाता है :
  • चुंबकीय कोर (Magnetic Core) : फ्लक्स मीटर में चुंबकीय पदार्थ जैसे फेराइट या आयरन का बना हुआ कोर होता है।  इसकी आकृति टोरॉइड या क्लोज्ड लूप की होती है जिससे चुंबकीय फ्लक्स गुजरता है। 
  • कोइल (Coil) :  कोर के चारो तरफ कॉपर से बनी हुई कुंडली कोर के चारो  लपेटी हुई होती है। फ्लक्स मीटर की संवेदनशीलता तथा शुध्दता इसके टर्न संख्या तथा भौतिक आकर पर निर्भर करता है। 
  • गलवानोमीटर या डिजिटल मीटर : फ्लक्स मीटर  के अंदर उत्पन्न हुए EMF या चुंबकीय फ्लक्स के परिमाण को सांख्यिक रूप से प्रदर्शित करने के लिए गलवानोमीटर या डिजिटल मीटर का उपयोग किया जाता है। 
  • शील्ड : फ्लक्स मीटर की संवेदनशीलता किसी बाहरी कारक से प्रभावित न हों इसके लिए समूचे मीटर को चुंबकीय पदार्थ से बने आवरण के अंदर रखा जाता है। 
  • कैलिब्रेशन : फ्लक्स मीटर की रीडिंग एक ज्ञात मानक चुंबकीय क्षेत्र के सापेक्ष दी जाती है। 

फ्लक्स मीटर के प्रकार 

फ्लक्स मीटर निम्न तीन प्रकार के होते है :
  • सर्च Coil फ्लक्स मीटर 
  • इंटग्रेटिंग फ्लक्स मीटर 
  • हॉल इफ़ेक्ट फ्लक्स मीटर 

फ्लक्स मीटर का अनुप्रयोग 

फ्लक्स मीटर का उपयोग निम्न कार्यो में कार्यो में किया जाता है :
  • चुम्बकीय पदार्थ  की चुम्बकीय गुणधर्म जैसे चुंबकशीलता ,हिस्टैरिसीस आदि निर्धारित करने में उपयोग किया जाता है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथ द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स को ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है। 
  • ट्रांसफार्मर की दक्षता तथा परफॉरमेंस ज्ञात करने के लिए फ्लक्स मीटर का उपयोग किया जाता है। 
  • फ्लक्स मीटर का उपयोग इंजीनियरिंग ,भौतिक तथा मेडिकल लैब में किया जाता है। 

फ्लक्स मीटर उपयोग के लाभ एवं हानि 

फ्लक्स मीटर के निम्न लाभ एवं हानि है : 

लाभ 

  • यह पोर्टेबल होता है। 
  • इसकी रीडिंग वेबर में इंगित होती है। 
  • कुंडली का डिफ्लेक्शन फ्लक्स परिवर्तन पर निर्भर नहीं करता है। 

हानि 

  • अन्य दूसरे इंस्ट्रूमेंट की तुलना में इसकी संवेदनशीलता बहुत ही कम होती है। 

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