ऑप्टिकल सेंसर किसे कहते है ?
यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक विधुत उपकरण है जो प्रकाश या दूसरे विधुत चुंबकीय तरंगो को डिटेक्ट कर उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करता है। इस उपकरण की मदद से किसी प्रकाश किरण के तीव्रता को विधुत सिग्नल में परिवर्तित कर किसी दूसरे डिवाइस द्वारा दिखाया जाता है। इसका उपयोग कांटेक्ट लेस (जिसे छू नहीं सकते) वस्तु को डिटेक्ट करने के लिए करते है।
ऑप्टिकल सेंसर का कार्य सिध्दांत
ऑप्टिकल सेंसर में एक कंपोनेंट होता है जो प्रकाश का पता लगा सकता है। यह कंपोनेंट फोटोडायोड, फोटोट्रांजिस्टर, फोटोवोल्टेक सेल या अन्य प्रकाश संवेदनशील तत्व हो सकता है। जब प्रकाश इस कंपोनेंट पर पड़ता है, तो यह प्रकाश की तीव्रता के अनुसार एक विधुत धारा या वोल्टेज उत्पन्न करता है और इसी वोल्टेज या करंट के परिमाण को दिखाया जाता है। प्रकाश सेंसर द्वारा उत्पन्न विधुत सिग्नल आम तौर पर कमजोर और एनालॉग होता है। इसे और उपयोगी बनाने के लिए, सेंसर में एंप्लिफायर या सिग्नल कंडीशनिंग सर्किट्री शामिल की जाती है जो सिग्नल की मजबूती को बढ़ाते हैं और आगे की प्रोसेसिंग के लिए उचित स्वरूप में सुनिश्चित करते हैं।एक बार विधुत सिग्नल को कंडीशन किया जाता है, तो इलेक्ट्रॉनिक सर्किट या डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग विधियों का उपयोग करके इसे प्रोसेस किया जा सकता है। इस प्रोसेसिंग के दौरान फ़िल्टरिंग, नॉइज़ रीडक्शन, कैलिब्रेशन या अन्य आवश्यक ऑपरेशन किए जा सकते हैं ताकि सटीक और विश्वसनीय मापन हो सके।
ऑप्टिकल सेंसर कितने प्रकार के होते है ?
ऑप्टिकल सेंसर निम्न प्रकार के होते है :प्रोक्सिमिटी सेंसर
यह सेंसर निकटवर्ती वस्तुओं का पता लगाने के लिए प्रकाश का उपयोग करता है। प्रकाश सेंसर एक रेडियो वेव, इंफ्रारेड रेडिएशन, या लेजर बीम का उपयोग करता है और यदि उस बीम को किसी वस्तु द्वारा रोका जाता है तो सेंसर उस रिफ्लेक्टेड बीम को आंतरिक रूप से पकड़ता है और निकटता की मात्रा का अंदाज़ा लगाता है। यह सेंसर उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन में कॉल प्रोक्सिमिटी सेंसर के रूप में प्रयोग होता है जो स्क्रीन को बंद करता है जब आप अपने फ़ोन को कान के पास रखते हैं।
लाइट सेंसिंग सेंसर
यह सेंसर विभिन्न प्रकार के प्रकाश के स्तर को मापता है, जैसे कि उजाले की रोशनी और उदाहरण के लिए, कैमरा और इमेजिंग डिवाइसेज में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार के सेंसर आंतरिक रूप से आपके फोन की स्क्रीन को ऑटोमैटिक रूप से रोशनी के अनुसार एडजस्ट करते हैं ताकि आपको बेहतर दिखाई दे।
फाइबर ऑप्टिक सेंसर
फाइबर ऑप्टिक सेंसर ऑप्टिकल फाइबर्स का उपयोग करके निरीक्षण और मापन करते हैं। इनमें प्रकाश का प्रसारण और ग्रहण फ़ाइबर्स के माध्यम से होता है, जो उन्हें दुर्बल और नॉन-इंटरफ़ेरेंस प्रोसेसिंग का उपयोग करने वाले बनाता है। इस प्रकार के सेंसर तापमान, तनाव, दबाव, रंग, और अन्य पैरामीटर्स को मापने में उपयोग होते हैं और उदाहरण के लिए, औद्योगिक विज्ञान और आंतरिक रूप से आपके फोन और कंप्यूटर नेटवर्क में उपयोग किया जाता है।
बायोमीट्रिक सेंसर
ये सेंसर बायोमीट्रिक विश्लेषण का उपयोग करते हुए व्यक्ति की भौतिक पहचान करते हैं, जैसे कि उंगली के छाप का उपयोग करते हुए फिंगरप्रिंट स्कैनर। इस प्रकार के सेंसर सुरक्षा प्रणालियों, स्मार्टफोन और आंतरिक रूप से प्रवेश प्रबंधन में उपयोग किया जाता है।
ऑप्टिकल सेंसर की लाभ एवं हानि
ऑप्टिकल सेंसर के लाभ एवं हानि निम्न है :ऑप्टिकल सेंसर के लाभ
- ये कम वजन के साथ छोटे आकार में होते हैं।
- इसके मदद से सुदूर की वस्तुओ का पता लगाया जा सकता है।
- इसकी संवेदनशीलता अधिक होती है।
- रासायनिक रूप से निष्क्रिय होते है।
- यह भौतिक और रासायनिक मापदंडों की एक विस्तृत श्रृंखला की निगरानी करने में सक्षम है।
- इसका संचालन विश्वसनीय है।
- ये सेंसर एक ही पैकेज में एक इन्फ्रारेड एमिटर और फोटोडिटेक्टर उपलब्ध होते हैं।
- ये बहुसंकेतन/वितरित संवेदन प्रदान करने में सक्षम हैं।
ऑप्टिकल सेंसर के हानि
- ऑप्टिकल सेंसर महंगे होते हैं.
पर्यावरण के कारकों के प्रति संवेदनशील होते है। - ये बहुत ही ज्यादा जटिल होते है।
- इनमे सीधी प्रतिक्रिया की कमी होती है।
ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग
ऑप्टिकल सेंसर का उपयोग निम्न स्थानों या वस्तुओ में किया जाता है :
- फोटोग्राफी और इमेजिंग
- प्रोक्सिमिटी सेंसर
- ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशन
- बायोमेडिकल उपकरण
- पर्यावरण मॉनिटरिंग
- औद्योगिक स्वचालन
- रोबोटिक्स
- जेस्चर रिकग्निशन
- ऑप्टिकल माउस
- सुरक्षा प्रणालियों और निगरानी कैमरे
- बारकोड स्कैनर
- लिडार (लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग)
- ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (ओसीआर)
- ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर्स
- स्पेक्ट्रोस्कोपी
- ऑप्टिकल एन्कोडर
- ट्रैफ़िक लाइट सेंसर
- फ्लेम डिटेक्टर्स
- मौसम पूर्वानुमान उपकरण
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