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माइक्रोकंट्रोलर : परिभाषा , प्रकार , कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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माइक्रोकंट्रोलर क्या है ? माइक्रोकंट्रोलर (Microcontroller) को एक छोटा सा कंप्यूटर के रूप में समझा जा सकता है  यह  किसी डिवाइस के दिमाग के रूप में काम करता है। यह एक इंटीग्रेटेड सर्किट(IC) है जिसमें एक सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मेमोरी, इनपुट-आउटपुट (I/O) पिन तथा अन्य दूसरे उपकरण शामिल होते हैं। माइक्रोकंट्रोलर  सबसे पहले सेंसर से डेटा पढ़ता है उसके बाद प्रोसेसर के माध्यम से निर्देशों (Instruction) को चलाता है और परिणामों के आधार पर डिवाइस को नियंत्रित करता है। दूसरे शब्दों में, एक माइक्रोकंट्रोलर किसी उपकरण को आटोमेटिक रूप से चलाने का ज़रिया है। यह उपकरण को निर्देश देता है कि कब चालू होना है, कब बंद होना है और किस तरह से काम करना है। जैसे उदाहरण के लिए, एक वॉशिंग मशीन में माइक्रोकंट्रोलर होता है जो वॉश साइकल के विभिन्न चरणों को नियंत्रित करता है। यह पानी भरने, धोने, धुलाने और सुखाने के लिए समय और तापमान को निर्धारित करता है। माइक्रोकंट्रोलर के प्रकार  माइक्रोकंट्रोलर को विभिन्न कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है जैसे  आर्किटेक्चर के आधार पर (Based On ...

सेंसर क्या होता है? परिचय ,परिभाषा ,प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिक डायरी

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 सेंसर क्या होता है? वैसे  सेंसर को विभिन्न तरीको से परिभाषित किया जाता है। अलग अलग लोग सेंसर को अलग अलग तरीके से परिभाषित करते है। उसी में सेंसर की एक परिभाषा यह है :- सेंसर  एक ऐसा विधुतीय उपकरण या डिवाइस है जो पर्यावरण के किसी भौतिक राशि (तापमान ,दाब आदि) को ऐसे दुसरे भौतिक राशि में तब्दील करता है जिसे आसानी से इन्सान या मशीन समझ पाते है। यदि इसको दुसरे भाषा में बोले तो यह एक ऐसा विधुतीय उपकरण  है जो पर्यावरण के भौतिक राशि जैसे तापमान ,स्थान ,प्रकाश ,दाब ,आद्रता आदि को पहचान कर उसके समतुल्य दुसरे विधुत सिग्नल में परिवर्तित करता है जो किसी मशीन द्वारा किसी स्केल या डिस्प्ले पर दिखाई देता है।  पर्यावरण के भौतिक राशि में कभी कभी  इतना कम परिवर्तन होता है की इन्सान की ज्ञानइन्द्रिय उस परिवर्तन को महशुस नहीं कर पाती है  लेकिन विधुतीय सेंसर इतने छोटे परिवर्तन को भी आसानी से डिटेक्ट कर लेते है। परिवर्तन को डिटेक्ट करने के बाद उसे विधुत सर्किट से जुड़े माइक्रोकंट्रोलर या माइक्रोप्रोसेसर को एक सिग्नल भेज देते है जिसे माइक्रो कंट्रोलर उसे डिस्प्ले बोर्ड पर दिख...

Electrical Circuit: परिभाषा ,प्रकार,तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत परिपथ किसे कहते है ? विधुत परिपथ एक ऐसा बंद पाश होता है जो विधुत धारा को प्रवाहित होने के लिए रास्ता बनाता है। विधुत परिपथ को हिंदी में इलेक्ट्रिक सर्किट कहते है। जब  किसी इलेक्ट्रिक बल्ब को धातु के तार से विधुत ऊर्जा श्रोत(बैटरी ,सेल ,विधुत जनरेटर आदि ) से जोड़ते है जिससे इलेक्ट्रिक बल्ब जलने लगता है। तब इस प्रकार इलेक्ट्रिक बल्ब ,धातु का तार तथा बैटरी एक बंद पाश बनाते है जो विधुत परिपथ कहलाता है।  विभिन्न प्रकार के विधुत परिपथ हमने ऊपर अभी विधुत परिपथ को देखा। विधुत इंजीनियरिंग में विधुत परिपथ को तीन  तरह से विभाजित किया गया है। विधुत परिपथ के तीन  प्रकार निम्न है :- Closed Circuit  Open Circuit  Short Circuit  Closed Circuit  क्या होती है ? Closed  Circuit या बंद परिपथ   एक ऐसा इलेक्ट्रिक सर्किट होता है जिसमे विधुत ऊर्जा श्रोत (बैटरी, सेल आदि) से प्रवाहित विधुत धारा ,विधुत परिपथ से होते हुए लोड में प्रवाहित होती है। Closed  Circuit में प्रवाहित विधुत धारा का परिमाण  लोड द्वारा खपत ऊर्जा के अनुप...

विधुत धारा : परिभाषा ,मात्रक तथा धारा बहाव की दिशा - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत धारा क्या होती है? आवेश प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है। किसी चालक से विधुत धारा के प्रवाह का मतलब हुआ की उस चालक से आवेश प्रवाहित हो रहे है। जब चालक को किसी विधुत उर्जा श्रोत (जैसे बैटरी ,सोलर सेल ,जनरेटर आदि) से जोड़ा जाता है तब विधुत उर्जा श्रोत से ऋण आवेशित इलेक्ट्रान निकलकर चालक से होकर चलने लगते है। इस प्रकार ऋण आवेशित इलेक्ट्रान के प्रवाह की दर विधुत धारा कहलाती है। धातुयिक पदार्थ (Conducting Material) में बहुत ही ज्यादा मात्र में मुक्त इलेक्ट्रान (Free Electrons) रहते है इसलिए जब धतुयिक पदार्थ को किसी विधुत उर्जा श्रोत से जोड़ा जाता है तब उससे विधुत धारा का प्रवाह होने लगता  है। धन आवेशित या  ऋण आवेशित दोनों प्रकार के पदार्थ के  प्रवाह के दर को  विधुत धारा कहते है। विधुत धारा को किताब में निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है :- किसी चालक के पृष्ठ क्षेत्रफल से प्रति सेकंड प्रवाहित होने वाले आवेश के दर को विधुत धारा कहा जाता है।  यदि किसी चालक  से  t समय में प्रवाहित होने वाले कुल आवेश की संख्या Q है तब चालक से प्रवाहित विधुत धारा (I) क...

आरसीबीओ : परिभाषा, फुल फॉर्म ,कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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आरसीबीओ  क्या होता  है  तथा कैसे कार्य करता है ? यह एक विधुत सुरक्षा उपकरण है जिसमे RCD तथा MCB दोनों का गुण होता है। इसका उपयोग विधुत सुरक्षा के लिए किया जाता है।  यह  किसी व्यक्ति को इलेक्ट्रिक शॉक या  लीकेज  करंट या ओवर करंट के कारण लगने वाली आग से सुरक्षा प्रदान करता है।  RCBO लाइव वायर में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा की निगरानी सटीकता से करता रहता है। जैसे ही करंट लीकेज,ओवर वोल्टेज ,इलेक्ट्रिक शॉक के कारण प्रवाहित विधुत धारा में कोई असंतुलन नजर आती है यह मुख्य सप्लाई को विधुत सर्किट से डिसकनेक्ट कर देता है। RCBO की इस तुरंत एक्शन के कारण कोई बड़ी विधुत दुर्घटना या आग या कोई विधुत उपकरण डैमेज होने से बच जाता है।  उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरसीबीओ का उपयोग आमतौर पर घरों, ऑफिस,औद्योगिक सुविधाओं और वाणिज्यिक भवनों सहित विभिन्न विद्युत प्रतिष्ठानों में किया जाता है। ये  पारंपरिक सर्किट ब्रेकरों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं, क्योंकि येओवरकरंट और लीकेज करंट दोनों का पता लगा सकते है।  RCBOका फुल फॉर्म क्...

ऑप्टिकल सेंसर : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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ऑप्टिकल सेंसर किसे कहते है ? यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक विधुत उपकरण है जो प्रकाश  या दूसरे विधुत चुंबकीय तरंगो को डिटेक्ट कर उसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल में परिवर्तित करता है। इस उपकरण की मदद से किसी प्रकाश किरण के तीव्रता को विधुत सिग्नल में परिवर्तित कर किसी दूसरे डिवाइस द्वारा दिखाया जाता है। इसका उपयोग कांटेक्ट लेस (जिसे छू नहीं सकते) वस्तु को डिटेक्ट करने के लिए करते है।  ऑप्टिकल सेंसर का कार्य सिध्दांत  ऑप्टिकल सेंसर में एक कंपोनेंट होता है जो प्रकाश का पता लगा सकता है। यह कंपोनेंट फोटोडायोड, फोटोट्रांजिस्टर, फोटोवोल्टेक सेल या अन्य प्रकाश संवेदनशील तत्व हो सकता है। जब प्रकाश इस कंपोनेंट पर पड़ता है, तो यह प्रकाश की तीव्रता के अनुसार एक विधुत धारा या वोल्टेज उत्पन्न करता है और इसी वोल्टेज या करंट के परिमाण को दिखाया जाता है। प्रकाश सेंसर द्वारा उत्पन्न विधुत सिग्नल आम तौर पर कमजोर और एनालॉग होता है। इसे और उपयोगी बनाने के लिए, सेंसर में एंप्लिफायर या सिग्नल कंडीशनिंग सर्किट्री शामिल की जाती है जो सिग्नल की मजबूती को बढ़ाते हैं और आगे की प्रोसेसिंग के लिए उचित स्वरूप मे...

ऑप्टोकप्लर : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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ऑप्टोकप्लर  क्या है ? यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो एक प्रकाशकीय स्विच की तरह कार्य करता है। जब इसपर प्रकाश पड़ता है तब यह दो परिपथ को आपस में जोड़ देता है। इसके आंतरिक भाग में एक अवरक्त किरण उत्पन्न करने वाला LED तथा एक प्रकाश संवेदी डिवाइस होता है। जब LED से प्रकाश उत्पन्न होता है तब प्रकाश संवेदी डिवाइस उसे अवशोषित कर ऑन हो जाता  है जिससे बाहरी विधुत परिपथ कार्य करने लगता है। इसके आंतरिक संरचना को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।  ऑप्टोकप्लर की संरचना कैसी होती है ?  जैसे की ऊपर के चित्र में दिखाया गया है की इसके आंतरिक भाग में दो विधुत सर्किट एक दूसरे से दूर स्थित है। पहली विधुत सर्किट एक अवरक्त किरण उत्पन्न करने वाली LED तथा दूसरी डिवाइस अवरक्त किरण को डिटेक्ट करने वाली है। यह एक फोटो ट्रांजिस्टर ,फोटो डायोड ,या फोटो TRAIC हो सकती है। इन दोनों के बीच मौजूद खाली जगह में पारदर्शी सीसा ,पारदर्शी प्लास्टिक या हवा हो सकता है। इसमें कुल चार पिन होता है जिसमे पहले दो पिन LED के कैथोड एंड एनोड होते है जबकि अन्य दो फोटो ट्रांजिस्टर के एमिटर तथा कलेक्टर होते है। ...

UJT : परिभाषा ,प्रकार ,उपयोग ,लाभ तथा हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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UJT क्या है ? UJT एक विशेष प्रकार का अर्द्धचालक डिवाइस है जिसका पूर्ण नाम Unijunction Transistor है। जैसे नाम से ही ज्ञात होता है कि यह एक ट्रांजिस्टर है लेकिन यह साधारण ट्रांजिस्टर से बिलकुल अलग होता है। इसमें केवल एक PN Junction तथा तीन टर्मिनल होता है। इसके तीन टर्मिनल एमीटर ,बेस -1 तथा बेस -2 कहलाते है। इसका उपयोग केवल स्वीचिंग के लिए किया जाता है।  UJT सिंबल क्या है ? UJT को विधुत परिपथ में एक चित्र द्वारा दिखाया जाता है जिसे सिंबल कहते है। UJT का का सिंबल बिलकुल मॉस्फेट के सिंबल के सामान होता है लेकिन इसमें एमिटर को मुड़ी हुइ तीर द्वारा दिखाया जाता है जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है : UJT की संरचना | UJT Construction  इसका निर्माण N-टाइप तथा P-टाइप अर्द्धचालक से किया जाता है। इसके निर्माण में एक N - टाइप अर्द्धचालक के बीच में एक P -टाइप अर्द्धचालक को डाल कर PN Junction तैयार किया जाता है। P-टाइप चालक के टर्मिनल को धातु से जोड़कर बाहर निकाल लिया जाता है जिसे एमीटर कहते है। इसके अतिरिक्त N टाइप अर्द्धचालक के दोनों छोर को धातु से जोड़कर बाहर निकाल लिया जाता है और ये...

वेन ब्रिज Oscillator : परिभाषा ,सर्किट डायग्राम ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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वेन ब्रिज Oscillator क्या है ? यह एक खास प्रकार का दोलित्र है जिसमे आवर्ती प्रकृति का तरंग उत्पन्न करने के लिए मैक्स वेन द्वारा विकशित वेन ब्रिज सर्किट का उपयोग किया जाता है।इससे साइन वेव उत्पन्न किया जाता है। वेन ब्रिज सर्किट में चार प्रतिरोध तथा दो कैपेसिटर एक दूसरे के साथ चतुर्भुज के आकार जुड़े हुए होते है जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है।  जैसे की निचे के परिपथ में दिखाया गया है चतुर्भुज के दो भुजा में केवल प्रतिरोध  जुड़े हुए है त था अन्य दो भुजा के में प्रतिरोध तथा कैपेसिटर जुड़े जुड़े हुए है जिनमे  (R 1  तथा C 1 ) श्रेणी तथा  (R 2   तथा C 2  ) समान्तर क्रम में जुड़े हुए है। श्रेणी क्रम में जुड़े हुए कैपेसिटर तथा प्रतिरोध एक High Pass Filter तथा समांतर क्रम वाला कैपेसिटर तथा प्रतिरोध Low Pass Filter की तरह कार्य करता है। इसलिए इन दोनों भुजाओ को Frequency सेंसिटिव  भुजा कहते है क्योकि ये दोनों भुजा एक निश्चित Frequency पर ही इनपुट को एम्पलीफायर में प्रवेश करने देती है। जिस Frequency पर वेन ब्रिज Oscillator कार्य करता है उसे Resonant Fre...

MB10f in Hindi : परिभाषा ,पिन डायग्राम तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 MB10f क्या है? यह एक बहुत ही छोटा और पतला ब्रिज रेक्टिफायर है जो एक ही पैकेज में माउंटेड रहता है। यह सिंगल फेज ए०सी को डीसी में परिवर्तित करता है। इसको  छोटे इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस जैसे मोबाइल चार्जर आदि में उपयोग करने के लिए डिजाईन किया गया है। इसमें लगभग 1.10 का अधिकतम फॉरवर्ड वोल्टेज ड्राप हो सकता है। इस छोटे पैकेज ब्रिज रेक्टिफायर IC को निचे के चित्र में दिखाया गया है।  MB 10F का सर्किट डायग्राम (MB10f  Circuit Diagram) इस का आंतरिक सर्किट डायग्राम निचे दिए गए चित्र में दिया गया  है। इसमें कुल चार पिन होती है जिनमे से दो ए०सी इनपुट तथा दो डीसी आउटपुट के लिए।  जैसे की ऊपर के डायग्राम में दिखाया गया है की  पिन -1  इस पिन से डीसी पॉजिटिव वोल्टेज (+) आउटपुट के रूप में प्राप्त होता है।  पिन -2  इस पिन से IC को ए०सी इनपुट दिया जाता है।   पिन -3 इस पिन से डीसी नेगेटिव वोल्टेज (-) आउटपुट के रूप में प्राप्त होता है।  पिन -4  इस पिन से IC को ए०सी इनपुट दिया जाता है।   MB10f की विशेषता  इससे अधिक  35A की...

Amplifier in Hindi : परिभाषा ,प्रकार तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 एम्पलीफायर क्या होता है ? एम्पलीफायर एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है जो कमजोर सिगनल को मजबूत सिगनल में परिवर्तित करता है।  अर्थात यह कमजोर सिगनल के शक्ति को बढाता है। यह कमजोर सिगनल के आयाम के परिमाण को बढ़ा देता है। सामान्यतः कोई भी सिगनल वोल्टेज या विधुत धारा के रूप में होता है। एम्पलीफायर को हिंदी में प्रवर्धक कहा जाता है। दैनिक जीवन में इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के संगीत संबंधित विधुत मशीन तथा संचार प्रणाली में किया जाता है। जैसे आपके घर में बजने वाला होम थिएटर भी एक प्रकार का एम्पलीफायर ही होता है। यह आपके मोबाइल फ़ोन में बजने वाले गीत के कमजोर सिगनल के शक्ति को बढ़ा देता है जिससे होम थिएटर का स्पीकर तेजी के साथ बजता है।  एम्पलीफायर का वर्गीकरण  चूँकि एम्पलीफायर का उपयोग संचार प्रणाली में किया जाता है इसलिए यह विभिन्न प्रकार के आवृति पर कार्य करता है इलसिए अलग अलग आवृति पर कार्य करने की वजह से एम्पलीफायर को चार मुख्य भागो में विभाजित किया जाता है जो निम्न है :- Class A  Amplifier  Class B   Amplifier  Class C   Amplifi...

Class A Amplifier - परिभाषा ,लाभ तथा हानि - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 क्लास A एम्पलीफायर क्या होता है? यह एक विशेष प्रकार का पॉवर एम्पलीफायर है जिसके आउटपुट से जुडा हुआ ट्रांजिस्टर हमेशा ऑन की अवस्था में रहता है। इसका मतलब यह हुआ की आउटपुट से पुरे ऑपरेशन के दौरान विधुत धारा का प्रवाह होता रहता है। इस प्रकार के एम्पलीफायर में इनपुट टर्मिनल पर मौजूद समूचा (Entire) इनपुट सिगनल आवर्धित होकर आउटपुट सिगनल के रूप में प्राप्त हो जाता है। यह एक रैखिक एम्पलीफायर होता है जिसका मतलब यह हुआ की आउटपुट टर्मिनल से प्राप्त होने वाले सिगनल का परिमाण इनपुट सिगनल पर निर्भर करता है। इसमें आवर्धित सिगनल के आउटपुट में बहुत ही कम मात्रा में हर्मोनिक्स मौजूद होता है। चूँकि इस एम्पलीफायर के आउटपुट टर्मिनल से विधुत धारा का प्रवाह हमेशा होता रहता है इसलिए इसकी दक्षता (एफिशिएंसी)बहुत ही कम होती है। इसमें बाहय रूप से दी जाने वाली अधिकांश विधुत उर्जा उष्मीय उर्जा के रूप में बर्बाद हो जाती है।   Class A efficiency की दक्षता क्या होती है? एम्पलीफायर द्वारा आउटपुट शक्ति तथा इनपुट शक्ति के अनुपात को एम्पलीफायर  दक्षता कहते है। चूँकि क्लास A एम्पलीफायर में इनपुट वि...

Phototransistor in hindi : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत ,कंस्ट्रक्शन तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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फोटो ट्रांजिस्टर क्या होता है? यह एक विशेष प्रकार का ट्रांजिस्टर होता है जिसमे Base टर्मिनल नहीं होता है। इसमें केवल कलेक्टर (C) तथा एमिटर (E) टर्मिनल ही होता है। इसका मतलब यह नहीं की इसमें Base जंक्शन नही होता है। फोटो ट्रांजिस्टर भी P तथा N टाइप सेमीकंडक्टर से बनाया जाता है। इसका निर्माण एक साधारण ट्रांजिस्टर की तरह ही किया जाता है लेकिन इसके बेस को प्रकाश संवेदी बनाया जाता है। जब प्रकाश पड़ता है तब इसके कलेक्टर तथा एमिटर के बीच विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। अर्थात इस ट्रांजिस्टर को ऑन करने के लिए प्रकाश उर्जा की आवश्यकता होती है। प्रकाश द्वारा संचालित होने की वजह से इसे फोटो ट्रांजिस्टर कहा जाता है।  फोटो ट्रांजिस्टर का प्रतिक (Symbol) क्या होता है?  अन्य दुसरे ट्रांजिस्टर की तरह ही फोटो ट्रांजिस्टर को भी पेपर पर एक चित्र द्वारा दिखाया जाता है। इस चित्र को ही फोटो ट्रांजिस्टर को प्रतीक कहा जाता है जिसे निचे के चित्र में दिखाया गया है : फोटो ट्रांजिस्टर का कंस्ट्रक्शन कैसा होता है ? फोटो ट्रांजिस्टर का निर्माण एक साधारण ट्रांजिस्टर के जैसा ही होता है जिसमे बेस प्रकाश संव...

thyristor in hindi : परिभाषा ,कंस्ट्रक्शन ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 thyristor क्या होता है ? यह एक विशेष प्रकार का चार परत(लेयर)वालाअर्ध्दचालक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस  है जिसमे तीन टर्मिनल होते है। ये तीन टर्मिनल एनोड (A) ,कैथोड (K) तथा गेट (G) कहलाते है। इसे SCR भी कहा जाता है जिसका मतलब सिलिकॉन कंट्रोल्ड रेक्टी फायर होता  है। यह एक यूनिडायरेक्शनल डिवाइस होता है अर्थात इससे एक ही दिशा में विधुत धारा का प्रवाह होता है। चूँकि इसमें अर्ध्दचालक की चार परते होती है इसलिए इसमें तीन PN जंक्शन होता है जो आपस में श्रेणी क्रम में जुडा हुआ होता है। जब गेट पर छोटे परिमाण का वोल्टेज आरोपित किया जाता है तब एनोड तथा कैथोड के बीच विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। इसलिए यह विधुत सर्किट में ट्रांजिस्टर की तरह स्विच की तरह कार्य करता है।   Thyristor का Symbol क्या होता है? अन्य दुसरे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट की तरह thyristor को भी कागज पर एक चिन्ह द्वारा दिखाया जाता है जिसे सिंबल कहते है। Thyristor के सिंबल को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।  Thyristor का कंस्ट्रक्शन कैसा होता है? Thyristor चार परत से बना हुआ इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है ...