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ऑप्टोकप्लर : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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ऑप्टोकप्लर क्या है ?

यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो एक प्रकाशकीय स्विच की तरह कार्य करता है। जब इसपर प्रकाश पड़ता है तब यह दो परिपथ को आपस में जोड़ देता है। इसके आंतरिक भाग में एक अवरक्त किरण उत्पन्न करने वाला LED तथा एक प्रकाश संवेदी डिवाइस होता है। जब LED से प्रकाश उत्पन्न होता है तब प्रकाश संवेदी डिवाइस उसे अवशोषित कर ऑन हो जाता  है जिससे बाहरी विधुत परिपथ कार्य करने लगता है। इसके आंतरिक संरचना को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है। 

ऑप्टोकप्लर की संरचना कैसी होती है ? 


optocoupler hindi
जैसे की ऊपर के चित्र में दिखाया गया है की इसके आंतरिक भाग में दो विधुत सर्किट एक दूसरे से दूर स्थित है। पहली विधुत सर्किट एक अवरक्त किरण उत्पन्न करने वाली LED तथा दूसरी डिवाइस अवरक्त किरण को डिटेक्ट करने वाली है। यह एक फोटो ट्रांजिस्टर ,फोटो डायोड ,या फोटो TRAIC हो सकती है। इन दोनों के बीच मौजूद खाली जगह में पारदर्शी सीसा ,पारदर्शी प्लास्टिक या हवा हो सकता है। इसमें कुल चार पिन होता है जिसमे पहले दो पिन LED के कैथोड एंड एनोड होते है जबकि अन्य दो फोटो ट्रांजिस्टर के एमिटर तथा कलेक्टर होते है। 

ऑप्टोकप्लर कार्य कैसे करता है ?

इसके आउटपुट का परिणाम बेस पर पड़ने वाली अवरक्त किरण के तीव्रता पर निर्भर करता है और अवरक्त किरण की तीव्रता LED के कैथोड तथा एनोड पर आरोपित वोल्टेज पर निर्भर करता है। अर्थात Optocoupler से प्राप्त होने वाली आउटपुट को इनपुट (एनोड कैथोड) के वोल्टेज को परिवर्तित किया जा सकता है। 

ऑप्टोकप्लर का लाभ एवं हानि 

लाभ एवं हानि निम्न है :

लाभ 

  • इससे किसी भी प्रकार की आवाज़ नहीं निकलती है। 
  • बहुत तेजी से रिस्पांस करता है। 
  • यह सस्ता होता है। आप से मात्रा दो से चार रूपये में खरीद सकते है। 
  • यह छोटा और हल्का होता है। 

हानि 

इसका उपयोग केवल लो वोल्टेज पर ही किया जा सकता है। 

ऑप्टोकप्लर का उपयोग क्या है ?

  • दूर उपयोग वाले विधुत परिपथ में स्विच की तरह इसका उपयोग किया जाता है। 
  • DC - DC कनवर्टर में इसका उपयोग किया जाता है। 
  • एनालॉग डिजिटल कनवर्टर में इसका उपयोग किया जाता है। 
  • ट्रैफिक लाइट में इसका उपयोग किया जाता है।  

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