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Solar Energy in hindi : परिभाषा ,विशेषता ,उपयोग तथा सीमा - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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सौर ऊर्जा क्या है ?

हमारे सोलर सिस्टम में ऊर्जा के एक मात्र श्रोत सूर्य है। इससे विकिरण के रूप में जो ऊर्जा प्राप्त होती है उसे सौर ऊर्जा कहते है। यह एक नवीकरणीय ऊर्जा है। सौर ऊर्जा को विभिन्न तकनीकों द्वारा ऊर्जा के अन्य दूसरे रूप में परिवर्तित कर विभिन्न कार्य में उपयोग किया जाता है। जैसे सोलर प्लेट (सोलर वोल्टेइक सेल) के मदद से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। सोलर कुकर में सौर ऊर्जा से खाना पकाया जाता है। सौर जल तापन के मदद से पानी गर्म किया जाता है। यह ऊर्जा का स्वच्छ रूप है जो प्राकृति  में मुफ्त में उपलब्ध है। 
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सौर ऊर्जा की विशेषता क्या है ?

  • सूर्य ऊर्जा एक प्रकृतिक ऊर्जा स्रोत है, इसलिए इसमें प्रदूषण की कोई समस्या नहीं होती।
  •  सूर्य ऊर्जा हमेशा उपलब्ध होता है, इसलिए कभी भी कमी नहीं होती।
  • सौर ऊर्जा बिना किसी प्राथमिक ऊर्जा श्रोत के ही प्राप्त होता है। 
  • यह मुफ्त की ऊर्जा है। 
  • यह एक स्वच्छ ऊर्जा है। 
  • यह एक नवीकरणीय ऊर्जा है। 
  • इंडिया में वर्ष के 250 से 300 दिन पूर्ण सूर्य ऊर्जा की प्राप्ति होती है। 
  • इंडिया में प्रति वर्ग मीटर 5000 लाख करोड़ यूनिट सूर्य ऊर्जा प्रति दिन पड़ती है। 

सौर ऊर्जा का उपयोग

पृथ्वी पर सौर ऊर्जा प्रकाश तथा ऊष्मा के रूप में प्राप्त होती है इसलिए इसका उपयोग अनेक प्रकर से किया जाता है जो निम्न है :

सौर ऊर्जा की सीमाए 

हालांकि सौर ऊर्जा,  प्रचुर मात्रा में  उपलब्ध है लेकिन  इसकी कुछ सीमाएँ हैं जो इसके व्यापक रूप से अपनाने और ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में उपयोग को प्रभावित करती हैं जो निम्न है :
  • उपलब्धता : सौर ऊर्जा केवल दिन के दौरान उपलब्ध होती है और इसकी उपलब्धता मौसम की स्थिति जैसे बादलों और बारिश से प्रभावित हो सकती है। 
  • प्राथमिक लगत : सौर पैनल  सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करते है लेकिन ये महंगे होते है जिससे इनका और प्रारंभिक लागत अधिक होता  है। 
  • कम दक्षता : सूरज की रोशनी को बिजली में परिवर्तित करने में सौर पैनलों की दक्षता कम  है, और तापमान, धूल और पैनलों पर मलबे और छायांकन जैसे कारकों से प्रभावित होती है।
  • ऊर्जा भण्डारण : दिन के समय सौर ऊर्जा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है लेकिन रात के वक्त नहीं। इसलिए सोलर पैनल से उत्पन्न विधुत ऊर्जा को बैटरी में स्टोर किया जाता है जो काफी महंगा होता है। 
  • भूमी अधिग्रहण : सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए बड़े स्तर पर सोलर पैनल को इंस्टाल करना पड़ता है जो बहुत ही ज्यादा मात्रा में कृषि योग्य भूमि को अधिकृत कर लेता है। 

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