अवतल दर्पण क्या होता है?
यह एक विशेष प्रकार का गोलीय दर्पण होता है जिसमे प्रकाश परावर्तन की क्रिया इसके आंतरिक भाग से होती है। इसके उभरे हुए भाग को कलई (polished) कर दिया जाता है इसलिए परावर्तन की क्रिया दर्पण के आंतरिक भाग से होती है । अवतल दर्पण में मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद मुख्य फोकस से गुजरती है। अर्थात अवतल दर्पण किरणों को अभिसारित करता है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
अवतल दर्पण की विशेषता क्या है?
उत्तल तथा समतल दर्पण की तुलना में अवतल दर्पण के निम्न विशेषता होता है :-
- अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर आने वाली किरणे परावर्तन के मुख्य फोकस से गुजरती है।
- यह किसी भी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब(real image) बनाता है।
- इसमें बने हुए प्रतिबिंब हमेशा उल्टा होते है।
- जब किसी वस्तु को अवतल दर्पण के फोकस तथा ध्रुव के बीच में रखा जाता है तब उसका प्रतिबिंब सीधा तथा आभासी दर्पण के पीछे बनता है।
- इसके फोकस से गुजरने वाली प्रकाश किरणे परावर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है।
- ध्रुव तथा फोकस के बीच की दुरी को फोकस दुरी कहा जाता है।
- अवतल दर्पण के फोकस पर स्थित वस्तु का उल्टा तथा बहुत बड़ा वास्तविक प्रतिबिंब दर्पण के आगे अनंत पर बनता है।
- अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र पर स्थित वस्तु का उल्टा तथा वस्तु के आकार वास्तविक प्रतिबिंब दर्पण के आगे वक्रता केंद्र पर बनता है।
- अवतल दर्पण के वक्रता केंद्र तथा अनंत के बीच में स्थित वस्तु का उल्टा तथा वस्तु से बहुत छोटा वास्तविक प्रतिबिंब दर्पण के आगे वक्रता केंद्र तथा फोकस के बीच में बनता है।
अवतल दर्पण का उपयोग कहा किया जाता है ?
अवतल दर्पण का उपयोग निम्न जगह पर किया जाता है :-
- इसका उपयोग दाढ़ी या हजामत बनाने में किया जाता है।
- नाक ,कान तथा गाला का इलाज करने वाले डॉक्टर द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
- टोर्च ,सर्च लाइट तथा वाहनों के हेड लाइट में अवतल दर्पण का उपयोग परावर्तक सतह के रूप में किया जाता है।
- डिश टीवी के एंटीना का परावर्तक सतह भी अवतलाकर होता है।
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