इलेक्ट्रान क्या है?(Definition of Electron In Hindi)
इलेक्ट्रान एक Subatomic Particle है जिसका मतलब हुआ उप-परमाणु कण। अर्थात परमाणु के अन्दर पाया जाने वाला कण। हम सभी जानते है की दुनिया में जितने भी पदार्थ है वे सभी छोटे छोटे कणों से मिलकर बने हुए होते है ,इन छोटे छोटे कणों को परमाणु (Atom) कहते है। प्रयोग द्वारा पाया गया की परमाणु भी तीन प्रकार के छोटे छोटे कणों से मिलकर बना हुआ होता है। ये छोटे छोटे कण है : -
- इलेक्ट्रान
- प्रोटोन
- न्यूट्रॉन।
इन तीनो कणों को उप परमाणुवीय कण (Subatomic Particle) भी कहा जाता है। रदरफोर्ड के परमाणु सिधांत के अनुसार परमाणु के केन्द्रीय भाग में एक छोटा से क्षेत्र होता है जिसे नाभिक (Nucleus) कहते है। इस नाभिक के अन्दर प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन रहते है तथा इलेक्ट्रान नाभिक के चारो तरफ एक निश्चित कक्षा में नाभिक का चक्कर लगाते रहता है।
इलेक्ट्रान की खोज किसने किया?
वैसे इलेक्ट्रान की खोज का श्रेय जे.जे थामसन को दिया जाता है लेकिन थामसन से पहले 1838 में, ब्रिटिश प्राकृतिक दार्शनिक रिचर्ड लेमिंग ने परमाणुओं के रासायनिक गुणों की व्याख्या करने के लिए विधुत आवेश (Electric Charge) की एक अविभाज्य मात्रा की अवधारणा (Concept) की परिकल्पना के बारे में बताया । उनके बाद आयरलैंड के भौतिक वैज्ञानिक जॉर्ज जॉनस्टोन स्टोनी ने 1891 में इस आवेश धारित अविभाज्य मात्रा को ‘इलेक्ट्रॉन’ नाम दिया और कुछ वर्षो बाद जे.जे थॉमसन और ब्रिटिश भौतिकविदों की उनकी टीम ने इसे 1897 में एक कण के रूप में पहचाना और उसके बाद दुनिया में इस कण को इलेक्ट्रान के नाम से जाना जाने लगा। इस प्रकार इलेक्ट्रान का खोज हुआ।
कैथोड किरण डिस्चार्ज tube क्या है?
कैथोड किरण डिस्चार्ज Tube जे.जे थामसन का प्रसिद्ध प्रयोग था। इस प्रयोग के लिए एक कांच की परिनालिका (tube) जिसमे दो इलेक्ट्रोड (एनोड तथा कैथोड) तथा एक निर्वात पंप (Vaccum Pump) लगा हुआ रहता है। इस परिनालिका के एनोड इलेक्ट्रोड के पीछे जिंक सल्फाइड (ZnS) की एक परत लगी हुयी रहती है। सबसे पहले निर्वात पंप (Vaccum Pump) के मदद से परिनालिका के अन्दर मौजूद हवा को निकाला जाता है जिससे की किसी भी प्रकार के हवा कण परिनालिका में मौजूद न रहे।
इसके बाद दोनों इलेक्ट्रोड के बीच उच्च वोल्टता (High Voltage) आरोपित किया जाता है। आरोपित किये गए वोल्टता का परिमाण लगभग 10 हज़ार वोल्ट का होता है। वोल्टेज आरोपित करने के बाद देखा जाता है की एनोड के पीछे वाली जिंक सल्फाइड की परत चमकने लगती है। जिससे निष्कर्ष यह निकलता है की वोल्टेज आरोपित होने के बाद कैथोड से कुछ अदृष्य कण निकलते है और जिंक सल्फाइड से टकराते है जिससे जिंक सल्फाइड चमकने लगता है।
अब इस कणों की प्रकृति जानने के लिए Cathode Ray Discharge tube पर विधुत क्षेत्र (Electric Field) आरोपित किया गया जिसे दिए गए चित्र में + तथा - प्लेट से दिखाया गया है। विधुत क्षेत्र आरोपित करने के बाद जब पुनः दुबारा वोल्टेज आरोपित किया गया तब देखाया की कैथोड से निकलने वाले कण + धनात्मक प्लेट के तरफ आकर्षित होने लगे। इस प्रयोग से यह ज्ञात हो गया की कैथोड से निकलने वाले ये विधुत कण धनात्मक प्लेट के तरफ आकर्षित हो रहे है इसका मतलब यह हुआ की ये ऋणात्मक आवेशित कण (Negatively Charge Particle) है। इन ऋणात्मक आवेशित कणों को ही इलेक्ट्रान कहा गया।
इलेक्ट्रान के द्रव्यमान तथा आवेश (Mass and Charge of Electron)
इलेक्ट्रान कोई काल्पनिक कण नहीं है। ये वास्तव में परमाणु के अन्दर विद्यमान रहते है। इसलिए इलेक्ट्रान का अपना द्रव्यमान तथा आवेश होता है। इलेक्ट्रान के द्रव्यमान को (Me) तथा आवेश को (Q) द्वारा दिखाया जाता है।
बंधन ऊर्जा (Binding Energy) क्या होता है?
चूँकि हम है की इलेक्ट्रान नाभिक के चारो तरफ एक वृत्ताकार पथ पर चक्कर लगाता रहता है और इस गति को बनाये रखने के लिए इलेक्ट्रान के पास ऊर्जा होनी चाहिए और इलेक्ट्रान को यह ऊर्जा उसे नाभिक से मिलती जिसे इलेक्ट्रान की बंधन ऊर्जा (Binding Energy) कहते है।
किसी भी पदार्थ का मौलिक कण इलेक्ट्रान होता है और उस पदार्थ में मौजूद इलेक्ट्रान के विस्तार पर ही उस पदार्थ के भौतिक तथा रासायनिक गुण निर्भर करते है। अर्थात इलेक्ट्रान किसी भी पदार्थ के भौतिक तथा रासायनिक गुणों के वाहक होते है।
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