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Phototransistor in hindi : परिभाषा ,कार्य सिध्दांत ,कंस्ट्रक्शन तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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फोटो ट्रांजिस्टर क्या होता है?

यह एक विशेष प्रकार का ट्रांजिस्टर होता है जिसमे Base टर्मिनल नहीं होता है। इसमें केवल कलेक्टर (C) तथा एमिटर (E) टर्मिनल ही होता है। इसका मतलब यह नहीं की इसमें Base जंक्शन नही होता है। फोटो ट्रांजिस्टर भी P तथा N टाइप सेमीकंडक्टर से बनाया जाता है। इसका निर्माण एक साधारण ट्रांजिस्टर की तरह ही किया जाता है लेकिन इसके बेस को प्रकाश संवेदी बनाया जाता है। जब प्रकाश पड़ता है तब इसके कलेक्टर तथा एमिटर के बीच विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। अर्थात इस ट्रांजिस्टर को ऑन करने के लिए प्रकाश उर्जा की आवश्यकता होती है। प्रकाश द्वारा संचालित होने की वजह से इसे फोटो ट्रांजिस्टर कहा जाता है। 

फोटो ट्रांजिस्टर का प्रतिक (Symbol) क्या होता है? 

अन्य दुसरे ट्रांजिस्टर की तरह ही फोटो ट्रांजिस्टर को भी पेपर पर एक चित्र द्वारा दिखाया जाता है। इस चित्र को ही फोटो ट्रांजिस्टर को प्रतीक कहा जाता है जिसे निचे के चित्र में दिखाया गया है :

फोटो ट्रांजिस्टर

फोटो ट्रांजिस्टर का कंस्ट्रक्शन कैसा होता है ?

फोटो ट्रांजिस्टर का निर्माण एक साधारण ट्रांजिस्टर के जैसा ही होता है जिसमे बेस प्रकाश संवेदी होता है। यह NPN तथा PNP दोनों प्रकार का होता है। एक कन्वेंशनल ट्रांजिस्टर के तुलना में इसका बेस तथा कलेक्टर ज्यादा चौड़ा होता है। पहले ट्रांजिस्टर निर्माण के लिए सिलिकॉन या जर्मेनियम का उपयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान समय में ट्रांजिस्टर निर्माण के लिए गैलियम तथा आर्सेनाइड का उपयोग किया जाता है। गैलियम या आर्सेनाइड के उपयोग से ट्रांजिस्टर की दक्षता बढ़ जाती है। चूँकि फोटो ट्रांजिस्टर प्रकाश द्वारा ऑन होता है इसलिए इसके बेस की चौड़ाई ज्यादा होती है जिससे की ज्यादा मात्रा में प्रकाश  इस पर आपतित हो। अर्ध्दचालक से निर्मित ट्रांजिस्टर को धातु से बने हुए बॉक्स में रख दिया जाता है और इसके सतह पर एक छोटा सा लेंस लगा दिया जाता है जिससे प्रकाश इसके बेस तक पहुच सके। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
Phototransistor in hindi

फोटो ट्रांजिस्टर कैसे कार्य करता है ?

चूँकि फोटो ट्रांजिस्टर अर्ध्दचालक पदार्थ से बनाया जाता है। जब इसके बेस पर लेंस से होते हुए प्रकाश पड़ता है ,तब बेस क्षेत्र में इलेक्ट्रान होल्स उत्पन्न होने लगते है। जब ये आवेश वाहक गति करते है तब बेस क्षेत्र में विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। NPN ट्रांजिस्टर में कलेक्टर टर्मिनल को धनात्मक तथा एमिटर टर्मिनल को ऋणात्मक वोल्टेज से कनेक्ट किया जाता है। PNP ट्रांजिस्टर में कलेक्टर टर्मिनल को ऋणात्तमक था एमिटर टर्मिनल को धनात्मक वोल्टेज से कनेक्ट किया जाता है। बेस क्षेत्र में इलेक्ट्रान होल्स उत्पन्न होने की वजह से एमिटर तथा कलेक्टर के बीच विधुत धारा का प्रवाह प्रारंभ होने लगता है। एमिटर तथा कलेक्टर के बीच प्रवाहित होने वाली विधुत धारा का परिमाण बेस पर आरोपित होने वाली प्रकाश के तीव्रता पर निर्भर करता है। 

फोटो ट्रांजिस्टर को उपयोग 

फोटो ट्रांजिस्टर का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है :-
  • हाईवे पर लाइट कण्ट्रोल में 
  • कंप्यूटर सर्किट में 
  • रिले में 
  • लेवल को इंगित करने में 
  • सुरक्षा प्रणाली में 
  • अलार्म में 

फोटो ट्रांजिस्टर के लाभ तथा हानि क्या है?

फोटो ट्रांजिस्टर लाभ एवं हानि निम्न है :-

लाभ 

  • यह बहुत ज्यादा संवेदी होता है। 
  • इसमें फोटो डायोड की तुलना में ज्यादा विधुत धारा प्रवाहित होता है। 
  • इसे आसानी से किसी भी विधुत सर्किट में इंस्टाल किया जा सकता है। 
  • यह सस्ता होता है। 
  • फोटो ट्रांजिस्टर में  वोल्टेज उत्पन्न होता है जबकि फोटो रेसिस्टर में वोल्टेज उत्पन्न नही हो सकता है। 

हानि 

  • सिलिकॉन से बने हुए फोटो ट्रांजिस्टर 1000 वोल्ट से ज्यादा वोल्टेज पर कार्य नहीं कर सकते है। 
  • फोटो ट्रांजिस्टर में दुसरे डिवाइस की तरह इलेक्ट्रान आसानी से नहीं घूम सकते है। 

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