रासायनिक संयोग के नियम क्या है ? Laws of chemical Combination

laws of chemical combination

प्रकृति में रासायनिक अभिक्रिया 

प्रकृति में होने वाली सभी घटाएँ कुछ निश्चित नियम के अनुसार होती है। रासायनिक अभिक्रिया जो रसायनशास्त्र  रीढ़ की हड्डी है , ये भी कुछ निश्चित नियम के अनुसार होती है। ये नियम रासायनिक संयोग के नियम कहलाते है।  रासायनिक संयोग के कुल पांच नियम है जो निम्न है :
  • पदार्थ के अनश्वरता के नियम  (Laws of Conservation of Matter)
  • स्थिर अनुपात का नियम (Law of Constant Proportion)
  • गुणित अनुपात का नियम (Law of multiple Proportion)
  • व्युत्क्रम अनुपात का नियम (Law of Reciprocal Proportion)
  • गे लूसेक का गैसीय अनुपात का नियम (Gay-Lussac's Law of gaseous Volume)

पदार्थ के अनश्वरता के नियम 

इस नियम के अनुसार  किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान (मात्रा) न तो उत्पन्न होता है और न ही नष्ट होता है। अर्थात रसायनिक अभिक्रिया के बाद अभिकारक तथा प्रतिफल का कुल द्रव्यमान निश्चित रहता है।इस नियम का प्रतिपादन फ्रांसिस वैज्ञानिक लाभ्वाजे ने किया था। जैसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर पानी बनाते हैं। इस अभिक्रिया में, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का कुल द्रव्यमान पानी के द्रव्यमान के बराबर होता है।

स्थिर अनुपात का नियम

इस नियम के अनुसार किसी यौगिक में तत्व हमेशा एक निश्चित द्रव्यमान के अनुपात में मिलते हैं। इस नियम का प्रतिपादन प्राउस्ट ने 1799 में किया था। प्राउस्ट के इस नियम को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है।
किसी रासायनिक  अभिक्रिया में  यौगिक  को बनाने  वाले अभिकारक भार के विचार से  हमेशा एक निश्चित अनुपात में संयोग करते है। 
जैसे : जल (H2O) में हमेशा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के भार का अनुपात हमेशा 1:8 होता है।  आप पानी को कही से भी प्राप्त करो ,इसमें हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन हमेशा 1:8 के अनुपात में ही मिलेंगे। 

गुणित अनुपात का नियम

इस नियम के अनुसार यदि दो तत्व रासायनिक अभिक्रिया के बाद एक से अधिक यौगिक बनाते हैं तो उन यौगिकों में एक तत्व का निश्चित द्रव्यमान, दूसरे तत्व के भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के साथ संयोग करता है तथा इन द्रव्यमानों का अनुपात सरल पूर्णांक संख्याओं में होता है। इस नियम को जॉन डाल्टन ने 1803 में प्रतिपादित किया था। इस नियम को निचे दिए गए उदहारण से समझा जा सकता है। 
जैसे कार्बन और ऑक्सीजन मिलकर कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाते हैं। इन दोनों यौगिकों में कार्बन का एक निश्चित द्रव्यमान (12) ऑक्सीजन के 16 तथा 32 से अभिक्रिया करता हैऔर इनके द्रव्यमान का अनुपात 16:32 है जिसका सरल अनुपात 1:2 है।

व्युत्क्रम अनुपात का नियम

इस नियम के अनुसार दो अलग-अलग  तत्व T1 और T2 , जो आपस में  रासायनिक अभिक्रिया करदो अलग-अलग यौगिक XY और XZ बनाते हैं। तब व्युत्क्रम अनुपात के  नियम से 
  • यदि T1 का एक निश्चित द्रव्यमान XY यौगिक बनाने के लिए T2 के एक निश्चित द्रव्यमान के साथ संयोग करता है,
  • तो  T1  का वही द्रव्यमान XZ यौगिक बनाने के लिए T2 के कम द्रव्यमान के साथ संयोग करेगा। 

गे लूसेक का गैसीय अनुपात का नियम

यह नियम वैसे अभिकारक के लिए है जो गैसीय रूप में रासायनिक अभिक्रिया करते है। इस नियम का प्रतिपादन फ्रेंच वैज्ञानिक गे लूसैक ने किया था। इस नियम के अनुसार स्थिर ताप और दाब पर  जब गैसें आपस में अभिक्रिया करती हैं तब उनके आयतन एक सरल अनुपात में होते हैं। इसे निचे दिए गए उदहारण से समझते है। 
जैसे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर पानी का निर्माण करते  हैं। इस अभिक्रिया में, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के आयतन एक अनुपात  2:1 के अनुपात में होता हैं।

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