नरम चुंबकीय पदार्थ क्या होता है ?
प्रकृति में पाए जाने वाले वैसे चुंबकीय पदार्थ जो किसी बाहरी चुंबकीय क्षेत्र में रखे जाने पर आसानी से चुम्बकित(Magnetized) तथा बाहरी चुंबकीय क्षेत्र को हटा लेने पर विचुम्बकित(Demagnetized) हो जाते है ,नरम अर्थात सॉफ्ट चुंबकीय पदार्थ कहलाते है। नरम चुम्बकीय पदार्थ का मुख्य उपयोग यह है की विधुत धारा से उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स को बढ़ा देते है।
नर्म चुंबकीय पदार्थ के गुण क्या है ?
अन्य दुसरे चुंबकीय पदार्थ के तुलना में नर्म चुंबकीय पदार्थ के पास निम्न गुण पाए जाते है :
- नर्म चुंबकीय पदार्थ आसानी से चुम्बकित हो जाते है।
- नर्म चुंबकीय पदार्थ आसानी से विचुम्बकित हो जाते है।
- इनमे हिस्टैरिसीस लोस बहुत ही कम होता है।
- इनमे एड्डी करंट लोस बहुत कम होता है।
- इनकी चुम्बकशीलता उच्च होती है।
नर्म चुंबकीय पदार्थ के उपयोग क्या है ?
नर्म चुंबकीय पदार्थ का उपयोग निम्न स्थान पर किया जाता है :-
- विधुत चुम्बक बनाने में
- ट्रांसफार्मर के कोर निर्माण में
- विधुत जनरेटर तथा विधुत मोटर में
हार्ड चुंबकीय पदार्थ किसे कहते है?
वैसे चुंबकीय पदार्थ जो एक बार चुम्बकित हो जाने के बाद ,अपनी चुंबकीय शक्ति को लंबे समय के लिए बनाये रखते है उन्हें हार्ड चुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। किसी चुंबकीय पदार्थ को जब किसी मजबूत चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तब वह एक चुम्बक के जैसा व्यवहार करने लगता है। यदि इस चुंबकीय पदार्थ को चुंबकीय क्षेत्र से बाहर निकाल लिया जाए और उसके बाद भी इसका चुम्बकत्व नष्ट नहीं होता है तब इसे हार्ड चुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। हार्ड चुंबकीय पदार्थ स्थायी चुंबक कहलाते है। कुछ हार्ड चुंबकीय पदार्थ निचे दिए गए है :
- फेराइट्स
- कोबाल्ट प्लेटिनम
- कोबाल्ट
- नियोडिमियम आयरन बोरॉन
हार्ड चुंबकीय पदार्थ के गुण क्या है ?
अन्य दुसरे चुंबकीय पदार्थ के तुलना में हार्ड चुंबकीय पदार्थ के पास निम्न गुण पाए जाते है :
- ये एक बार चुम्बकित हो जाने के बाद लंबे समय तक चुंबकीय गुण परदर्शित करते है।
- इनमे हिस्टैरिसीस लोस नहीं होता है।
- इनका हिस्टैरिसीस लूप उच्च होता है।
- इनकी प्रारंभिक पारगम्यता कम होती है।
हार्ड चुंबकीय पदार्थ के उपयोग क्या है ?
हार्ड चुंबकीय पदार्थ का उपयोग निम्न स्थान पर किया जाता है :-
- स्थायी चुंबक बनाने में
- संचार प्रणाली के उपकरण निर्माण में
- ऑटोमोबाइल में उपयोग होने वाले मोटर के निर्माण में
- लिफ्ट में
B-H वक्र क्या होता है ?
किसी चुंबकीय पदार्थ के लिए चुंबकीय क्षेत्र B तथा चुंबकीय तीव्रता H के बीच खिंचा गया वक्र B-H कहलाता है।
यदि किसी परिनालिका के अंदर चुंबकीय पदार्थ को रखकर परिनालिका में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा प्रवाहित किया जाए तब चुंबकीय पदार्थ चुंबक बन जाता है। जब परिनालिका में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के परिमाण को बढाया जाता है तब परिनालिका में चुंबकीय क्षेत्र का मान बढ़ने लगता है जिससे चुंबकीय पदार्थ में भी चुंबकीय क्षेत्र B तथा चुंबकीय तीव्रता H में भी परिवर्तन होने लगता है। इस परिवर्तन को जब ग्राफ के रूप में पर्दर्शित किया जाता है तब इस ग्राफ को ही B-H वक्र कहा जाता है। BH वक्र को निचे दिए गए ग्राफ में दिखाया गया है।
जब विधुत धारा के परिमाण को बढाया जाता है तब चुंबकीय क्षेत्र के साथ साथ चुंबकीय तीव्रता भी बढ़ने लगता है लेकिन इसके विपरीत जब विधुत धारा को कम किया जाता है तब चुंबकीय तीव्रता कम तो होती है लेकिन पदार्थ का चुम्बकत्व नष्ट नहीं होता है। पदार्थ से चुम्बकत्व समाप्त करने के लिए पुनः दुबारा विपरीत दिशा में चुम्बकित करना पड़ता है।
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