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भौतिकी क्या है? परिभाषा ,प्रकार ,नियम तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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भौतिकी क्या है? 

फिजिक्स को हिंदी में भौतिकी या भौतिक विज्ञानं कहते है।भौतिकी विज्ञान की एक शाखा है जिसके केअंतर्गत पदार्थ,ऊर्जा और ब्रह्मांड को संचालित करने वाले मूलभूत सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है। यह कणों के बीच लगने वाले बल ,वस्तुओं की गति,और विभिन्न घटनाओं को नियंत्रित करने वाले नियमो,जैसे गुरुत्वाकर्षण का नियम, विद्युत चुंबकत्व का नियम तथा उष्मागतिकी का नियम इत्यादि का व्याख्या करता है। 
भौतिकी में, वैज्ञानिक उन सिद्धांतों को समझने की कोशिश करते हैं जो दुनिया में घटने वाली प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या करते हैं ।वै
ज्ञानिक भौतिक सिस्टम के व्यवहार की व्याख्या करने और भविष्यवाणी करने के लिए गणितीय समीकरणों, प्रयोगों और सैद्धांतिक मॉडल का उपयोग करते हैं । 
ब्रह्मांड में घटने वाली विभिन्न घटनाओ को समझने में भौतिकी हमारी मदद करता है। फिजिक्स की मदद से हमने इस दुनिया में तकनिकी प्रगति किया है।इसमें शास्त्रीय यांत्रिकी, क्वांटम यांत्रिकी, ऊष्मप्रवैगिकी, विद्युत चुंबकत्व, प्रकाशिकी और खगोल भौतिकी सहित विभिन्न उप-क्षेत्र शामिल हैं । 
फिजिक्स के अध्ययन के माध्यम से, हम ब्रह्मांड के सबसे छोटे उप-परमाणु कणों से लेकर ब्रह्मांड की विशालता तथा इसमें होने वाली विभिन्न घटनाओ की सटीक जानकारी प्राप्त होती है।यह एक मूलभूत विज्ञान है जो विभिन्न अन्य  दूसरे विषयों के प्रगति में योगदान देता है और हमें प्राकृतिक दुनिया को नियंत्रित करने वाले मौलिक नियमो को समझने में मदद करता है । 

भौतिक विज्ञानं का महत्व 

मानव जीवन के विकास में फिजिक्स का बहुत ही योगदान रहा है। इंसान ने हमेशा से प्रकृति में छिपी हुई रहस्यों को जानने की कोशिश किया है। प्रकृति के भौतिक वस्तुओ में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन कर ,उसे मनुष्य के उपयोग के लिए तैयार करना ही फिजिक्स का अध्यंयन कहलाता है। शिल्प विज्ञानं तथा इंजीनियरिंग का जन्म दाता फिजिक्स को ही माना जाता है। आज के समय में ,इंसान का अंतरिक्ष विज्ञानं में रिसर्च , इंटरनेट की दुनिया , विभिन्न प्रकार के सुरक्षा उपकरण आदि फिजिक्स का देन है। पुराने समय में  भौतिकी को दर्शन शास्त्र का अंग  मानकर प्राकृतिक दर्शनशास्त्र के रूप में अध्ययन किया जाता था। वर्ष 1870 के बाद में इसे भौतिकी विज्ञान  अर्थात फिजिक्स के रूप मे जाना जाने लगा।

भौतिक विज्ञानं की शाखाएं 

भौतिक विज्ञानं ,विज्ञानं की एक बहुत ही बड़ी और विस्तृत शाखा है। इसके अध्ययन को आसान बनाने के लिए इसे दो मुख्य वर्गों या शाखाओ में वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है :
  • क्लासिकल फिजिक्स 
  • आधुनिक फिजिक्स 

क्लासिकल फिजिक्स 

क्लासिकल फिजिक्स अपने आप में एक अंग्रेजी का शब्द है जिसे हिंदी में चिरसम्मत भौतिकी या चिरसम्मत भौतिक विज्ञानं कहते है। इसके अंतर्गत उन वस्तुओ का अध्ययन किया जाता है जिनका आकार अणुओ ,परमाणुओं की तुलना में बहुत ही बड़े होते है। यह  रिलेटिविटी तथा Quantum मैकेनिक्स के सिद्धांत से पहले विकसित सिद्धांत पर आधारित है। 

क्लासिकल फिजिक्स ,क्लासिकल यांत्रिक पर आधारित है जिसमे न्यूटनियन मैकेनिक्स तथा सर आइजैक न्यूटन द्वारा प्रतिपादित गति के नियम शामिल है। 

शास्त्रीय भौतिकी शास्त्रीय यांत्रिकी पर आधारित है, जिसमें न्यूटनियन यांत्रिकी और सर आइजैक न्यूटन द्वारा तैयार गति के नियम शामिल हैं । ये कानून गुरुत्वाकर्षण, घर्षण और लागू बलों जैसे बलों के प्रभाव में गति में वस्तुओं के व्यवहार का वर्णन करते हैं । इस नियम के अंतर्गत किसी बाहरी बल या अन्य कारक के कारण उत्पन्न गति का अध्ययन किया जाता है। 
क्लासिकल फिजिक्स को निम्न उपवर्गों में वर्गीकृत किया गया है जो निम्नवत है :

  • ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी (Heat and Thermodynamics) : इसमें ऊष्मा की प्रक्रति, संचरण और उसके कार्य में परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है।
  • ध्वनि एवं तरंग गति (Sound and Wave motion) : इस शाखा में तरंग गति एवं ध्वनि का उत्पादन और उनके संचरण का अध्ययन किया जाता है।
  • यान्त्रिकी (Mechanics) :यान्त्रिकी में प्रकाश की अपेक्षा निम्न चाल से चलने वाली वस्तुओं की गति और द्रव्य के गुणों का अध्ययन किया जाता है।
  • प्रकाशिकी (Optics) :इसमें प्रकाश व उसके उत्पादन, संचरण एवं संसूचन (detection) से होने वाली सभी घटनाओं का अध्ययन शामिल है।
  • विद्युत-चुम्बकत्व (Electromagnetism) : इसमें विद्युत व चुम्बकत्व एवं विद्युत-चुम्बकीय विकिरण का अध्ययन किया जाता है।
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आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)

यह भौतिक विज्ञानं की वह शाखा है जिसमे परमाणु तथा उपपरमाणु स्तर पर होने वाली गति ,परस्पर ऊर्जा ट्रांसफर तथा गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रकाश के गति से चलने वाली कणो के व्यवहार का अधययन किया जाता है। इसके अध्ययन में रिलेटिविटी थ्योरी तथा क्वाण्टम फिजिक्स का अध्ययन भी शामिल है। आधुनिक भौतिकी में मुख्यत: 20वीं शताब्दी के बाद की खोज का अध्ययन किया जाता है। इसे निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है :

  • क्वांटम फिजिक्स :यह भौतिक विज्ञानं  की एक विशेष उप शाखा हैजिसमे अणु, परमाणु और नाभिकीय कणों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है।
  • एटॉमिक फिजिक्स :यह भौतिक विज्ञान की बहुत ही अहम शाखा है। इसमें परमाणु की संरचना एवं विकिरण के साथ उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
  • न्यूक्लियर फिजिक्स:इसमें नाभिक की संरचना एवं नाभिकीय कणों की अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
  • रिलेटिविटी थ्योरी:साल 1905 में आइंस्टीन ने आपेक्षिकता के विशिष्ट सिद्धांत प्रतिपादित किया। इसमें उन नियमों का वर्णन है जो बहुत ही उच्च वेग से चलने वाले कणों की गति पर लागू होते हैं। आइंस्टाइन ने बाद में साल 1915 में आपेक्षिकता का व्यापक सिद्धांत प्रस्तुत किया था, जिसमें गुरुत्वाकर्षण की व्याख्या की गई ।
  • कॉस्मोलॉजी : इसमें दुनिया की उत्पत्ति, संरचना एवं विभिन्न खगोलीय पिण्डों की गति का अध्ययन किया जाता है। अंतरिक्ष अन्वेषण में मानव निर्मित उपग्रहों का प्रक्षेपण व उनसे मिलने वाली सुचनाओं का अध्ययन व विश्लेषण किया जाता है।
  • मेसोस्कॉपिक फिजिक्स  :  यह फिजिक्स की वह शाखा है जिसमे स्थूल व सूक्ष्म प्रभाव क्षेत्रों के मध्य एक ऐसा क्षेत्र उभर कर आया है, जिसमें सैकड़ों परमाणुओं के समूहों का अध्ययन किया जाता है।

भौतिक विज्ञानं के मुलभुत सिद्धांत 

वर्षो के रिसर्च के आधार पर भौतिक वैज्ञानिक फिजिक्स में कुछ सिद्धांत प्रतिपादित करते है जिन्हे भौतिक विज्ञानं का मुलभुत सिध्दांत कहते है। इन्ही सिद्धांतो में एक सिद्धांत है जिसे ऊर्जा संरक्षण सिद्धान कहते है। दुनिया की सभी क्रियाओ में ऊर्जा का रूपांतरण होता रहता है लेकिन ब्रह्माण्ड की कुल ऊर्जा संरक्षित है। ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत, किसी सिस्टम से संबंधित कुल ऊर्जा के संरक्षण की बात करता है। इसके अनुसार ऊर्जा अनाश्वर है जिसे समाप्त नहीं किया जा सकता है। किसी विलगित सिस्टम की कुल ऊर्जा हमेश संरक्षित रहती है। ऊर्जा रूप परिवर्तित कर सकती है लेकिन समाप्त नहीं हो सकती है।

भौतिक विज्ञानं के अनुप्रयोग 

दुनिया में आप जितने भी प्रकार के तकनीक देखते है वे सभी किसी न किसी भौतिक सिद्धांत पर ही आधारित है। भौतिक सिद्धांतो पर आधारित कुछ खोज निम्न है :
  • अंतरिक्ष विज्ञानं जिसमे मानव निर्मित उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े जाते है। 
  • एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जिसमे हवाई जहाज उड़ने एवं बनाने  अध्ययन किया जाता है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन के मदद से आधुनिक संचार व्यवस्था तैयार किया गया है। 
  • चिकित्सा में उपयोग होने  मशीन फिजिक्स सिध्दांत पर ही बनाई गई है। 

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