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Magnetic effect of current in Hindi Rgpv Diploma 3rd Semester - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

बचपन से हम चुम्बक को देखते आये है। रेडियो के स्पीकर को तोड़कर चुम्बक निकलना और उस चुम्बक को रस्सी या धागे से बांधकर अपने बगल वाली नाली में डाल कर लौह पदार्थ को निकलना जैसे प्रयोग हमें में से लगभग सब ने  किया है।

 बचपन में यह हमें बहुत रोमांचित करता था। जब यह चुम्बक दो हिस्सों में टूट जाता तो ये दोनों हिस्से एक दूसरे को एक दुश्मन के भाति एक दूसरे से दूर भागते थे लेकिन जब इनको पुनः पलट कर पास लाते तो ये दो बिछड़े हुए प्रेमी की तरह एक दूसरे से चिपक जाते।

 इनमे ऐसा क्यों होता ,यह प्रश्न हमारे दिमाग का दही कर देता ,लाख कोशिश करते फिर मन को संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं मिलता। और ऐसे करते हमारा बचपन आगे बढ़ता गया। 

जब हम आठवीं क्लास में दाखिल हुए तो विज्ञानं के दूसरे  पाठ में फिर दुबारा हमारा सामना चुम्बक से हुआ तब जाकर हमें मालूम चला की चुम्बक में दो पोल होते है जिन्हे South Pole तथा North Pole कहते है। 

जब दो चुम्बक के समान पोल को एक दूसरे के पास लाते है तो ये एक दूसरे से दूर भागते है तथा विपरीत पोल को जब एक दूसरे के पास लाते है तब ये एक दूसरे को आकर्षित करते है। ऐसे चुम्बक जिनमे ये दोनों पोल पहले से ही मौजूद  होते है उन्हें हम स्थाई चुम्बक (Permanent Magnet) कहते है। 

परन्तु आज के इस पोस्ट में स्थाई चुम्बक के बजाये इलेक्ट्रिक करंट से उत्पन्न होने वाले चुम्बक के बारे में पढ़ेंगे। तो चलिए अब विधुत धारा से चुम्बक कैसे उत्पन्न होता है इसके बारे में जानते है।

विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव में आगे बढ़ने से पहले हम चुम्बकीय क्षेत्र की अवधारणा को समझ लेते है। 

आम जिंदगी में हमने देखा है की स्वतंत्रता पूर्वक लटकी हुई चुम्बकीय सुई हमेशा उत्तर दक्षिण दिशा में ही रुकती है। यदि हम इस संतुलित लटकी हुई सुई के पास के Bar-Magnet को लाये तो यह असंतुलित हो कर एक नई दिशा में रूक जाती है।

इससे यह साबित होता है की जब  Bar-Magnet को चुम्बकीये सुई के पास लाते है तब इस पर एक Torque कार्य करने लगता है जो इसे घुमाकर एक दूसरे दिशा में ला देता है। 
किसी चुम्बक के चारो ओर का वह क्षेत्र जिसमे किसी चुम्बकीय सुई पर एक Torque आरोपित होता है जिससे वह घूमकर एक निश्चित दिशा में रूकती हो चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। 

Concept of Magnetic field's Line|चुम्बकीय क्षेत्र रेखा की अवधारणा 

स्थाई चुम्बक का अध्ययन करने के लिए माना गया की चुम्बक के चारो तरफ चुम्बकीय क्षेत्र एक समांतर रेखा के रूप में सामान रूप में मौजूद रहता है। इन समांतर रेखाओं को चुम्बकीय रेखा कहते है। ये चुम्बकीय रेखा  नार्थ पोल से निकलती है तथा साउथ पोल पर जाकर समाप्त हो जाती है। 

जब ये चुम्बकीय रेखाएं किसी काल्पनिक क्षेत्र से होकर गुजरती है तब इन्हे चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic Flux) कहते है। चुम्बकीय फ्लक्स को  फाई (Ф) से निर्देशित किया जाता है। यह एक सदिश राशि है। इसका SI इकाई  वेबर (wb)है।

अगर हम बात करे तो वास्तव में ऐसी कोई भी रेखा होती नहीं है। चुम्बक से संबंधित घटनाओ की व्याख्या करने के लिए माइकल फैराडे ने इस रेखा के अवधारणा को पहली बार जन्म दिया था। चुम्बकीय रेखा के Concept के मदद से  चुम्बक से जुडी हुई बहुत सारी घटनाओ का व्याख्या हो जाता है इसलिए इसे आज भी माना जाता है।  जैसा की नीचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।

magnetic fields line
मैग्नेटिक फील्ड रेखा 

चुम्बकीय रेखाओ के पास निम्न गुण होता है :-
  • चुम्बकीय रेखाएं हमेशा नार्थ पोल से उत्पन्न होती है तथा साउथ पोल पर समाप्त होती है। 
  • चुम्बकीय रेखाएं हमेशा चुम्बक के सतह से लम्बवत रहती है।
  • दो अलग अलग चुम्बकीय रेखाएं कभी भी एक दूसरे को प्रतिछेद नहीं करती है।  
  • एक ही दिशा में तथा एक दूसरे के समांतर जाने वाली दो रेखाएं एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती है। 
  • ये रेखाएं हमेशा एक बंद पाश बनाती है।  

  Magnetic Flux Density

किसी काल्पनिक क्षेत्र के लंबवत दिशा  निकलने वाली चुम्बकीय क्षेत्र को Magnetic Flux density कहते है। इसको अंग्रेजी के B द्वारा दिखाया जाता है। तथा इसका SI इकाई टेस्ला होता है। यदि किसी काल्पनिक सतह का क्षेत्रफल A तथा मैग्नेटिक फ्लक्स Ф हो तो इस क्षेत्र से जुड़े मैग्नेटिक फ्लक्स घनत्व (Magnetic Flux Density) को निम्न सूत्र द्वारा दिखाया जाता है :-

B = Ф/A  tesla 

Magnetic Effect Electric Current | विधुत धारा का चुम्बकीय प्रभाव 

विधुत धारा के कारण चुम्कीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसका खोज सर्वप्रथम डेनमार्क के भौतिक वैज्ञानिक क्रिश्यिन ओस्टर्ड ने सन 1820 में किया था। ओस्टर्ड ही दुनिया के पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने यह पता लगाया की जब किसी चालक से विधुत धारा का प्रवाह होता है तब उस चालक के चारो तरफ एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इस खोज के बाद दुनिया में लगभग क्रांति आ गयी।

विधुत धारा द्वारा चुम्कीय क्षेत्र उत्पन्न होने की घटना Magnetic Effect of Electric Current कहलाती है।विधुत धारा से जो चुम्बक बनाया जाता है उसे विधुत चुम्बक (Electro Magnet) कहा जाता है। 


चूँकि चालक से विधुत धारा के प्रवाह के कारण किसके चारो तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और यह एक सदिश राशि है इसलिए इसकी दिशा तथा परिमाण (Direction and magnitude) का ज्ञान होना बहुत ही जरुरी है। चालक के चारो तरफ उत्पन्न हुए चुम्बकीय क्षेत्र के  दिशा ज्ञात करने के लिए निम्न तरके अपनाये जाते है :-

ऐम्पियर के तैरने का नियम 

एक व्यक्ति को विधुत धारा की दिशा में इस प्रकार तैरते हुए कल्पना कीजिए की उसका चेहरा चुम्बकीय सुई की ओर हो तथा विधुत धारा उसके पेअर की दिशा से प्रवेश करके सर से निकल रही हो अर्थात व्यक्ति तार के समांतर तैर रहा है। ऐसी स्थिति में चुम्बकीय सुई का नार्थ पोल व्यक्ति के लेफ्ट हैंड की और विक्षेपित हो जायेगा। जैसा की निचे चित्र में दिखाया गया है। 
Ampere's law
Ampere's law

Right Hand Thumb Rule | दये हाथ का नियम 

इस नियम के अनुसार दाए हाथ में धारावाही चालक को ऐसे पकड़े की आपका अंगूठा विधुत धारा की दिशा में रहे। तब आपके हाथ की अंगुलिया जिस दिशा में मुड़ती है वही चालक के चारो तरफ उत्पन्न हुए चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा है। जैसा की निचे चित्र में दिखाया गया है। 
Right Hand Thumb rule
Right Hand Thumb rule

मैक्सवेल का पेंच नियम | Maxwell's Right Hand Screw Rule

इस नियम के अनुसार यदि हम कॉर्क में छेद करने वाले स्क्रू को दाए हाथ में इस प्रकार घुमाया जाये की स्क्रू की नोक चालक में बहने धारा की दिशा में चले  दिशा हमारा अंगूठा घूमता है वही चुम्बकीय रेखाओं की दिशा होती है। जैसा  निचे चित्र में दिखाया गया है। 
Maxwel Right Hand Screw Rule

MMF क्या होता है?(What  is MMF?)

ऊपर हमने अभी तक चुम्बक तथा इस उत्पन्न होने वाली चुम्बकीय क्षेत्र की जानकारी हाशिल की। हमने ये भी जाना की यदि विधुत धारा का परवाह किसी चालक से हो तो उस चालक के चारो तरफ एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और यदि इस चुम्कीय क्षेत्र से जुडी चुम्बकीय रेखा जब किसी काल्पनिक क्षेत्र से लम्बवत दिशा में गुजरती है तब इन्हे चुम्बकीय फ्लक्स कहा जाता है। 

ये चुम्बकीय फ्लक्स एक बंद पास (Closed Loop) बनाती है। जैसे विधुत धारा प्रवाह किसी बंद सर्किट में होता है वैसे ही चुम्बकीय फ्लक्स का प्रवाह किसी बंद चुम्बकीय सर्किट में होता है। विधुत धारा का परवाह वोल्टेज के कारण होता है वैसे ही मैग्नेटिक फ्लक्स का प्रवाह MMF के कारण होता है। 

अर्थात हम कह सकते है MMF किसी मैग्नेटिक सर्किट में मैग्नेटिक फ्लक्स प्रवाह के लिए वैसे ही जिम्मेवार है जैसे विधुत धारा के लिए वोल्टेज। 

Reluctance क्या होता है? (what is reluctance?)

चालक में प्रवाहीत विधुत धारा का विरोध, चालक का प्रतिरोध करता है ठीक उसी प्रकार जिस माध्यम में मैग्नेटिक फ्लक्स प्रवाहीत होता वह माध्यम भी मैग्नेटिक फ्लक्स का विरोध करता है। माध्यम द्वारा उत्पन्न किया गया यह विरोध ही उसका Reluctance कहलाता है। यह ठीक Resistance की तरह कार्य करता है। 
जिस तरह विधुत धारा का परवाह जब किसी चालक से होता है तब उस चालक का आंतरिक गुण उस चालक से प्रवाहीत विधुत धारा का सपोर्ट करता है जिसे चालक का चालकता कहते है ठीक उसी तरह जब किसी माध्यम में मैग्नेटिक फ्लक्स प्रवाहीत होता है उस समय माध्यम का एक आंतरिक गुण फ्लक्स को प्रवाहीत होने में उसकी मदद या सपोर्ट करता है ,माध्यम के इसी गुण को Permeability कहते है।

यह विभिन्न प्रकार के माध्यम के लिए भिन्न भिन्न होता है। निर्वात की Permeability को Absolute Permeability कहते है तथा इसी के सापेक्ष प्रत्येक पदार्थ की Permeability ज्ञात की जाती है। Permeability को ग्रीक अक्षर म्यु (μ) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। 

Induction क्या होता है? (What is Induction?)

Induction का मतलब होता किसी पदार्थ में प्रभाव उत्पन्न कर देना। जब किसी चुम्बक के नजदीक में किसी दूसरे चुम्बकीय पदार्थ को लाते है तब यह चुम्बकीय पदार्थ चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र में आने की वजह से एक चुम्बक की भाति कार्य करने लगता है। 

चुम्बक के संपर्क में आने से पहले वह एक सामान्य सा पदार्थ था लेकिन चुम्बक के संपर्क में आने की वजह से वह चुम्बक की तरह कार्य करने लगता है। इस प्रकार चुम्बक द्वारा ,चुम्बकीय पदार्थ में चुम्बकीय गुण उत्पन्न होने की प्रक्रिया Induction कहलाती है। 

यदि हमारे पास दो Coil है और दोनों में से किसी एक Coil में विधुत धारा को प्रवाहीत करे तो वह एक चुम्बक बन जायेगा और अपने आस पास एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करेगा और इस चुम्कीय क्षेत्र में यदि दूसरे Coil को रखे तो induction के कारण दूसरे चुम्बक में भी चुम्बकीय गुण उत्पन्न हो जाएगा। 

Faraday's laws of electromagnetic induction

आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य द्वारा खोजा गया अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण नियम Faraday's laws of electromagnetic induction है। इस नियम के खोज के उपरांत मनुष्य इलेक्ट्रिसिटी अर्थात विधुत का उपयोग अपने दैनिक जीवन के अनेक कार्य करने के लिए करने लगा। इस नियम के अनुसार 
यदि चुम्बकीय क्षेत्र तथा एक चालक के बीच सापेक्षिक गति रहे तो चालक के दोनों सिरों के बीच एक EMF उत्पन्न हो जाता है। यदि इस चालक को किसी बाहरी लोड के साथ जोड़ा जाये तो इसमें विधुत धारा का परवाह होने लगता है। 
 फैराडे का यह नियम इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र में क्रांति ला दिया क्योकि इसी नियम के आधार पर विभिन्न प्रकार के मोटर ,जनरेटर आदि इलेक्ट्रिकल मशीन बनाई गई।

यदि चुम्बकीय फ्लक्स तथा चालक के बीच सापेक्षिक गति नहीं रही तो किसी भी प्रकार का कोई EMF उत्पन्न नहीं होगा। EMF उत्पन्न होने के लिए यह जरुरी है की इन दोनों में से कोई एक गति में रहे।

Lenz's laws क्या है? (What are Lenz's laws?)

यदि आप एक रब्बर के गेंद को जोर से दबाओगे तो आप पाओगे की गेंद भी तुम्हे ऊपर की तरफ दबा रहा है। आपने ऐसा प्रयोग अपने जीवन में कई बार किया होगा। 

इससे यह साबित होता है की किसी भी संतुलित वस्तु को जब डिस्टर्ब किया जाता है तब वह उसका विरोध करती है। ठीक ऐसी ही घटना फैराडे के इंडक्शन सिद्धांत में भी होता है। 

जब चालक में उत्पन्न हुए EMF से विधुत धारा का परवाह किसी बाहरी इलेक्ट्रिक सर्किट में होता है उस वक्त वह चालक अपने अंदर उत्पन्न विधुत धारा उत्पन्न करने वाले करक का विरोध करता है। अर्थात  वह चुम्बकीय क्षेत्र का विरोध करता है। इसी घटना को Lenz's laws कहते है। 

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