थ्री फेज वोल्टेज सिस्टम क्या है ?
विधुत पावर के संसार में विधुत ऊर्जा का उत्पादन और सम्प्रेषण थ्री फेज प्रणाली द्वारा किया जाता है। थ्री फेज वोल्टेज को तीन अलग अलग वायर में उत्पन्न कर सुदूर उपभोगता के लिए तीन वायर सिस्टम द्वारा भेजा जाता है। थ्री फेज विधुत पावर को उत्पन्न करना एवं एक स्थान से दूसरे स्थान पर उपयोग के लिए भेजना एक जटिल प्रक्रिया है लेकिन उत्तम इंजीनियरिंगके कारण आज यह संभव हो पाया है।
थ्री फेज़ वोल्टेज क्या है?
थ्री फेज़ वोल्टेज सिस्टम में तीन अलग-अलग वोल्टेज होते हैं जिन्हें R ,Y और B कहते है। इन तीनो वोल्टेज की आवृत्ति तथा परिमाण समान होते हैं लेकिन तीनो वोल्टेज एक-दूसरे से 120 डिग्री के कोण पर विस्थापित होते हैं। जिसका मतलब है कि जब R वोल्टेज मैक्सिमम वैल्यू को प्राप्त है उस समय Y वोल्टेज बीच में होता है तथा B वोल्टेज अपने न्यूनतम मान पर होता है।तीनो वोल्टेज में यह विस्थापन महत्वपूर्ण है क्योंकि ये तीन वोल्टेज एक साथ मिलकर एक निरंतर शक्ति प्रवाह बनाये रखते है।
थ्री फेज़ वोल्टेज कैसे उत्पन्न होता है?
थ्री फेज़ वोल्टेज का उत्पादन दो तरीके से किया जाता है। पहला थ्री फेज जनरेटर द्वारा तथा दूसरा थ्री फेज इन्वर्टर द्वारा। थ्री फेज इन्वर्टर का उपयोग छोटे स्तर पर किया जाता है जबकि ज्यादातर थ्री फेज वोल्टेज का उत्पादन थ्री फेज इन्वर्टर द्वारा ही किया जाता है। थ्री फेज जनरेटर में दो भाग होते है जिन्हे रोटर तथा स्टेटर कहते है। बड़े स्तर पर विधुत ऊर्जा उत्पादन करने के लिए जनरेटर के स्टेटर में 120 डिग्री कोण पर तीन समान कुंडली (कॉइल) को स्थापित करते है। रोटर से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है जब किसी बहरी प्राइम मूभर ( जैसे टरबाइन ,डीजल इंजन) द्वारा रोटर घूमता है तब इसमें उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र स्टेटर में स्थित कुंडली में प्रत्यावर्ती वोल्टेज उत्पन्न कर देता है। चूँकि तीनो कुंडली एक दूसरे से 120 कोण पर स्थित होती है इसलिए इसमें उत्पन्न वोल्टेज भी एक दूसरे से 120 के कोण पर विस्थापित होते है। जनरेटर के रोटर तथा स्टेटर के व्यू को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है।
image credit :https://circuitglobe.com/ |
थ्री फेज वोल्टेज का फेजर डायग्राम
थ्री फेज जनरेटर में उत्पन्न वोल्टेज को निचे दिए गए फार्मूला द्वारा दिखाया जाता है।
उपरोक्त दिए गए सूत्र से ज्ञात होता है की तीन फेज के वोल्टेज एक दूसरे से 120 डिग्री कोण से विस्थापित है। अगर इन तीनो वोल्टेज को डायग्राम द्वारा दिखाया जाये तो प्रत्येक वोल्टेज को एक दूसरे से 120 डिग्री दूर रखना होगा जो निम्न है :
थ्री फेज वोल्टेज उत्पादन के विभिन्न तरीके
थ्री फेज़ वोल्टेज का उत्पादन करने के लिए कई प्रकार के जनरेटर का उपयोग किया जा सकता है जैसे :- सिंक्रोनस जनरेटर: ये सबसे प्रचलित जनरेटर हैं जिसमे एक डीसी-उत्तेजित रोटर का उपयोग किया जाता है। यह रोटर एक स्थिर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
- एसिंक्रोनस जनरेटर: इस जनरेटर के रोटर में विधुत प्रवाह का उपयोग करके एक प्रत्यावर्ती प्रकृति का चुंबक क्षेत्र बनाया जाता हैं। ये जनरेटर आम तौर पर छोटे अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं।
- इंडक्शन जनरेटर: इस जनरेटर में बाहरी चुंबकीय क्षेत्र से प्रेरित धाराओं का उपयोग करके वोल्टेज उत्पन्न किया जाता हैं। ये अक्सर पवन टर्बाइन और हाइड्रोइलेक्ट्रिक जनरेटर में उपयोग किए जाते हैं।
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