जैसा की नाम से मालूम होता है की यह एक ऐसा सर्किट ब्रेकर होता है जिसमे Oil का प्रयोग दोनों इलेक्ट्रोड के बीच उत्पन्न हुए आग को बुझाने के लिए एक Dielectric मटेरियल के तौर पर किया जाता है। इस सर्किट ब्रेकर में दोनों इलेक्ट्रोड को आयल के बीच में रखा जाता है।
जब Circuit breaker से जुड़े पर सिस्टम में कोई गड़बड़ी होती है तब ये दोनों इलेक्ट्रोड आयल में ही एक दूसरे से अलग हो जाते है। इस प्रक्रिया के दौरान दोनों इलेक्ट्रोड के बीच बहुत ज्यादा मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। यदि इस प्रकार उत्पन्न हुए आग को जल्दी से बुझाया नहीं गया तब यह explode कर सकता है।
जब Circuit breaker से जुड़े पर सिस्टम में कोई गड़बड़ी होती है तब ये दोनों इलेक्ट्रोड आयल में ही एक दूसरे से अलग हो जाते है। इस प्रक्रिया के दौरान दोनों इलेक्ट्रोड के बीच बहुत ज्यादा मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है। यदि इस प्रकार उत्पन्न हुए आग को जल्दी से बुझाया नहीं गया तब यह explode कर सकता है।
आयल सर्किट ब्रेकर की बनावट (Construction of Oil Circuit Breaker)
आयल सर्किट ब्रेकर की बनावट बहुत ही सरल होता है। एक टैंक में दो इलेक्ट्रोड लगे हुए रहते है। ये दोनों ही इलेक्ट्रोड विधुत धारा का प्रवाह करते है। इस टैंक के पुरे आयतन का एक तिहाई हिस्से को ट्रांसफार्मर आयल से भर दिया जाता है।
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Oil circuit Breaker |
सर्किट ब्रेकर में ट्रांसफार्मर आयल दो प्रकार से कार्य करता है। पहले यह दोनों इलेक्ट्रोड के बीच उत्पन्न हुए आग को बुझाता है तथा इलेक्ट्रोड तथा टैंक के बीच इंसुलेटिंग मटेरियल की तरह कार्य करता है। इस टैंक के ऊपरी हिस्से को हवा से भरा जाता है। यह एक औशोषक की तरह उत्पन्न हुए गैसीय पदार्थ को औशोषित करता है।
Oil Circuit Breaker का कार्य सिद्धांत
सामान्य अवस्था में सर्किट ब्रेकर के दोनों इलेक्ट्रोड एक दूसरे से जुड़े रहते है जिससे विधुत धारा का प्रवाह सुगमता से होता रहता है। जब किसी कारणवश Circuit breaker से जुड़े Power सिस्टम में कोई Fault उत्पन्न होता है उस दशा में दोनों इलेक्ट्रोड एक दूसरे से अलग हो जाते है।
जिससे इनके बीच एक High Volt का Potential Difference उत्पन्न हो जाता है और इस High Volt के कारण दोनों इलेक्ट्रोड के बीच Flash Over होता है जो एक आग की तरह दिखाई पड़ता है और इसी कारण बहुत ही कम समय में बहुत ज्यादा मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है।
ज्यादा मात्रा में उष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होने के कारण Electrode के चारो तरफ का तापमान अचानक बढ़ जाता है जिससे आयल भाप बनकर गैस में बदल जाता है। दोनों इलेक्ट्रोड के बीच Flash Over तब तक होता रहता है जब तक दोनों इलेक्ट्रोड एक दूसरे से एक निश्चित दुरी पर नहीं चले जाते है। दोनों इलेक्ट्रोड के बीच के यह दुरी इलेक्ट्रोड से प्रवाहीत विधुत धारा तथा Recovery Voltage पर निर्भर करता है।
आग बुझाने के तौर पर आयल उपयोग करने के लाभ
- चूँकि आयल का Dielectric Strength बहुत ही ज्यादा होता है और आग बुझ जाने के बाद यह एक दोनों इलेक्ट्रोड के बीच इंसुलेटिंग मटेरियल की तरह कार्य भी करता है।
- अन्य इंसुलेटर की तुलना में यह सस्ता होता है।
- आग बुझाने के प्रक्रिया में उत्पन्न हुए हाइड्रोजन गई का Diffusion रेट बहुत ही कम होता है इसलिए यह एक अच्छे शीतलक में भाति कार्य करता है जो Circuit breaker को ठंडा करने में मदद करता है।
आग बुझाने के तौर पर आयल उपयोग करने के हानि
- चूँकि Circuit ब्रेकर में उपयोग किया जाने वाला आयल एक प्रकार का नॉन पोलर आर्गेनिक Compound होता है जो थोड़ा ज्वलनशील होता है इसलिए आग लगने की संभावना बनी रहती है।
- उतपन्न हुआ हाइड्रोजन गैस हवा के साथ मिलकर Explode भी कर सकता है।
- जब Flash Over होता है उस समय आयल decompose होकर कार्बन मुक्त करता जो आयल के साथ मिश्रित होकर आयल को अशुद्ध कर देता है।
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