डीसी मोटर के स्पीड को कण्ट्रोल (dc motor speed control) करने के बारे में जानने से पहले हमें यह जानना जरुरी है कि DC motor का स्पीड किस किस इलेक्ट्रिकल पैरामीटर पर निर्भर करता है।
यदि इन पैरामीटर की जानकारी हो गयी तब DC Motor की स्पीड को आसानी से कण्ट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए DC MOTOR के आर्मेचर में उत्पन हुए वोल्टेज जिसे BACK EMF कहते है, तथा Speed में जो संबंध होता है उसे समझना होगा तथा उसी संबंध के आधार पर DC मोटर के स्पीड को कण्ट्रोल करने के लिए , स्पीड तथा मोटर से संबंधित अन्य पैरामीटर जैसे (आर्मेचर करंट ,आर्मेचर Resistance ,आरोपित वोल्टेज आदि) में संबंध स्थापित कर सकते है। DC Motor के आर्मेचर में Induced हुए BACK EMF तथा Speed में निम्न प्रकार का संबंध होता है।
E(back emf) = NPΦZ/60A------------------(1)
अगर हम मोटर के बाहरी टर्मिनल पर applied वोल्टेज तथा आर्मेचर में उत्पन हुए BACK EMF में संबंध स्थापित करे तो यह कुछ इस तरह होगा
V = IaRa
- E
E = V - IaRa -------------(2)
जहां
Ra = Armature Resistance
Ia= Armature Current
N = Speed of the motor
P = Number of Pole of the motor
Φ = Flux Per Pole
Z = No.of Conductor
A = No of Parallel Path
अगर ऊपर दिए गए समीकरण (1) को मोटर के स्पीड (N) के लिए Solve करे तो यह कुछ इस तरह होगा
N =60AE/PZΦ----------------(3)
समीकरण (3) द्वारा ज्ञात किया गया मोटर स्पीड RPM में होता है।कोई भी मोटर जिसका डायमेंशन (dimension) निश्चित हो उसके लिए A ,P और Z का मान नियत (Constant) होता है।
जेनर डायोड के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
अतः इन सभी पैरामीटर (A ,P और Z) को एक दूसरे नियतांक (constant) K से हटाया (Remove) जा सकता है। इन सभी नियत पैरामीटर को हटाने के बाद मोटर के स्पीड का संबंध कुछ इस तरह से होगा।
जेनर डायोड के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करे।
अतः इन सभी पैरामीटर (A ,P और Z) को एक दूसरे नियतांक (constant) K से हटाया (Remove) जा सकता है। इन सभी नियत पैरामीटर को हटाने के बाद मोटर के स्पीड का संबंध कुछ इस तरह से होगा।
N = K(E/Φ) ------------------------------------(4)
अगर मोटर के स्पीड तथा बाहर से मोटर के टर्मिनल पर आरोपित किये गए वोल्टेज में संबंध स्थापित करे तो यह कुछ इस तरह होगा
N = K(V - IaRa)/Φ -------------(5)
ऊपर के समीकरण (5) से साफ़ हो गया कि किसी भी डीसी मोटर (DC Motor) का स्पीड उस मोटर के आर्मेचर में प्रवाहित विधुत धारा (Ia),आर्मेचर रेजिस्टेंस(Ra)तथा प्रत्येक पोल(P)द्वारा उत्पन्न हुए चुंबकीय फ्लक्स (Φ) (Magnetic Flux) पर निर्भर करता है।
इन तीनो पैरामीटर में से किसी एक को बढ़ा या घटाकर मोटर के स्पीड को बढ़ाया या घटाया जा सकता है। इन पैरामीटर के आधार पर ही डीसी मोटर के स्पीड को कण्ट्रोल के लिए विभिन्न तरह के स्पीड कन्ट्रोल डिवाइस बनाये गए है।
डीसी मोटर स्पीड को प्रभावित करने वाले इन्ही पैरामीटर के आधार पर स्पीड कण्ट्रोल करने के लिए स्पीड कंट्रोलर बनाये जाते है। डीसी मोटर के स्पिड कण्ट्रोल के लिए ऊपर वर्णित parmeter के आधार पर बनाये गए कुछ स्पीड कंट्रोलर निम्न है :-
Armature Resistance Control
हमने ऊपर के समीकरण (5)में देखा की मोटर की स्पीड आर्मेचर के coil के प्रतिरोध पर निर्भर करती है। यदि हम आर्मेचर के Coil को किसी बाहरी प्रतिरोध से जोड़कर ,आर्मेचर के प्रतिरोध को बढ़ाये या घटाए तो मोटर की स्पीड भी बढ़ेगी या घटेगी क्योकि स्पीड (N) = K(V - IaRa)/Φ होता है। यदि हम आर्मेचर प्रतिरोध Ra को बढ़ाये तब (IaRa ) का मान बढ़ेगा जब (IaRa ) बढ़ेगा तब (V - IaRa) का अंतर कम होगा जिससे K(V - IaRa)/Φ का मान कम होगा जो कि मोटर के स्पीड के बराबर होगा अर्थात मोटर की स्पीड कम होगी। यदि इसके विपरीत बाहरी प्रतिरोध के मान को घटाए तब (IaRa ) का मान घटेगा जिससे (V - IaRa)का अंतर बढ़ेगा अर्थात मोटर की स्पीड N बढ़ेगी। इस प्रकार एक बाहरी प्रतिरोध जिसे Rheostatic कहते है कि मदद से मोटर की स्पीड Control करने की विधि Armature Resistance Control या Rheostatic Control कहलाती है।
इस प्रकार मोटर के स्पीड कण्ट्रोल के दौरान मोटर के फील्ड वाइंडिंग में मैग्नेटिक फ्लक्स (Φ) तथा बाहरी टर्मिनल पर आरोपित वोल्टेज को नियत (Constant)रखा जाता है।
Field Flux Control method
डीसी मोटर के स्पीड कण्ट्रोल के इस विधि में ,मोटर से सम्बंधित paramater मैग्नेटिक फ्लक्स (Φ) का उपयोग किया जाता है। मैग्नेटिक फ्लक्स (Φ) के अतिरिक्त अन्य सभी पैरामीटर जैसे (वोल्टेज ,आर्मेचर करेंट तथा आर्मेचर प्रतिरोध) को नियत रखा जाता है।
समीकरण (5) में उपयुक्त सभी पैरामीटर को नियत कर दिया जाये तब यह कुछ ऐसा दिखाई देगा। N = K(V - IaRa)/Φ
यदि K(V - IaRa) = नियत = C हो तब
N = C /Φ होगी। अर्थात मोटर की स्पीड आरोपित चुम्बकीय फ्लक्स के व्युत्क्रमानुपाती होगा। अर्थात फ्लक्स बढ़ने से मोटर की स्पीड घटेगी और इसके विपरीत फ्लक्स घटने से स्पीड बढ़ेगी। डीसी मोटर में इस प्रकार स्पीड Control करने की विधि को Field Flux Control method कहते है।
Armature Voltage Control
समीकरण (5) से ज्ञात होता है की डीसी मोटर की स्पीड बाह्य आरोपित टर्मिनल वोल्टेज (V) पर भी निर्भर करता है। यदि समीकरण में प्रयुक्त वोल्टेज V के अलावा अन्य सभी पैरामीटर को नियत कर दिया जाये तब मोटर स्पीड केवल बाह्य आरोपित वोल्टेज V पर निर्भर करेगा और बाह्य वोल्टेज V को बदलकर मोटर के स्पीड को आसानी से कण्ट्रोल किया जा सकता है। देसी मोटर में इस प्रकार स्पीड कण्ट्रोल करने की विधि Armature Voltage Control मेथड कहलाती है।
Post a Comment
Post a Comment