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Measuring of Electric Energy In Hindi विधुत ऊर्जा मापने का सिद्धांत - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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Theory of Electrical Energy Measurement - इलेक्ट्रिक एनर्जी दो तरह के इलेक्ट्रिक परिपथ में flow करती है। DC circuit और AC circuit. इन दोनों तरह के सर्किट में एक ही तरह के इलेक्ट्रिकल पैरामीटर उपयोग किये जाते है। (वोल्टेज और करंट ) लेकिन ये दोनों पैरामीटर AC तथा DC दोनों तरह के सर्किट के लिए बिलकुल भिन्न होते है। 

डीसी परिपथ (circuit )में वोल्टेज तथा करंट का मान समय के साथ नियत (constant) यानी बदलता नहीं है। जबकि AC परिपथ में यह समय के साथ बदलता रहता है। लेकिन AC तथा DC दोनों circuit में इलेक्ट्रिकल पावर को मापने के लिए एक ही तरह के principle का उपयोग किय जाता है।

Theory of Electric Power Measurement

जब किसी परिपथ (circuit) के आउटपुट टर्मिनल पर कोई Passive Component या लोड को जोड़ते है तब यह परिपथ में जुड़े विधुत ऊर्जा श्रोत से (battery ,cell ,जनरेटर )आदि से इलेक्ट्रिकल पावर को consume करने लगता है। 

लोड या passive कॉम्पोनेन्ट द्वारा consume किया गया इलेक्ट्रिकल पावर परिपथ में बहाने वाली विधुत धारा  तथा लोड के टर्मिनल पर लगाए गए वोल्टेज के गुणनफल के बराबर होता है। यह सिंद्धांत AC तथा DC दोनों तरह के सर्किट के लिए सत्य है और इसी विधि द्वारा इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मापा जाता है।  

Electric Power Measurement In DC Circuit

किसी DC Circuit से connected लोड द्वारा consume किया गया इलेक्ट्रिकल पावर उस लोड में चलने वाली विधुत धारा तथा लोड के दोनों टर्मिनलो के बीच के  वोल्टेज के गुणनफल से ज्ञात  की जाती है।किसी भी dc सर्किट द्वारा consume किये गए इलेक्ट्रिकल पावर को मापने का सबसे बढ़िया तरीका  voltmeter and ammeter method है।
 किसी DC सर्किट द्वारा consume किये इलेक्ट्रिकल पावर को नापने के लिए निचे बताये गए सर्किट डायग्राम के अनुसार कनेक्शन करना पड़ता है। 
measurement of DC energy
Volt-Ameter Method

फिगर वोल्ट्मीटर सप्लाई साइड कनेक्ट किया गया है। इस तरह के सर्किट डायग्राम से सर्किट ,अमीटर तथा लोड द्वारा consume किये गए इलेक्ट्रिकल पावर को मापा जाता है। 

Measurement of  Power In AC Circuit

AC circuit में बहने वाला करंट परिवर्ती रूप का होता यानी इस करंट का मान एक निश्चित समय अंतराल में बदलता रहता है। समय अंतराल (Time Period) के आधे में यह एक दिशा में चलता है तथा दूसरे अंतराल में विपरीत दिशा में चलता है। 

करंट के इस तरह से अपनी दिशा लगातार बदलने के कारण AC सर्किट में इलेक्ट्रिकल पावर भी लगातार अपनी दिशा बदलता रहता है। Resistive नेटवर्क में इलेक्ट्रिकल पावर का कैलकुलेशन आसान होता है क्योकि करंट और वोल्टेज एक फेज में होते है लेकिन दूसरे नेटवर्क के लिए जिसमे इंडक्टर (coil )तथा कैपिसिटर (कंडेंसर ) लगा होता है वहा करंट तथा वोल्टेज एक फेज में नहीं होते है। 

इस कंडीशन में इलेक्ट्रिकल पावर को मापने के लिए पुरे सर्किट के लोड फैक्टर को उपयोग में लाया जाता है। इसीलिए AC सर्किट के लिए इलेक्ट्रिकल पावर का कैलकुलेशन करना ,DC से अलग होता है। 

AC पावर कैलकुलेशन में पावर लोड टर्मिनल के वोल्टेज तथा लोड में चलने वाले करंट के गुणनफल को लोड के पावर फैक्टर से गुणा कर किया जाता है। 
किसी AC सर्किट में लगे लोड द्वारा consumed इलेक्ट्रिकल पावर निम्लिखित समीकरण द्वारा कैलकुलेट किया जाता है। 
Power Consumed By AC Circuit = VICos𝜱
जहाँ 
  • V=Supply voltage
  • I = Supply Load Current
  • Cos𝜱= Power Factor of the circuit
𝜱=लोड करंट तथा लोड के टर्मिनल के बिच वोलटेज के बिच का कोण है। 
AC पावर कैलकुलेशन के लिए एक बेसिक सर्किट डायग्राम निचे दिया गया है। इस सर्किट डायग्राम में दो तरह के क्वायल (coil ) लगा रहता है (a) Current Coil (b) Pressure CoilCurrent Coil लोड में चलने वाली लोड करंट तथा Pressure Coil लोड के टर्मिनल के बिच के वोल्टेज को मापता है।

इन दोनों Coil द्वारा मापे गए करंट तथा वोल्टेज को आपस में लोड के पावर फैक्टर के साथ गुणा कर इलेक्ट्रिकल एनर्जी को ज्ञात किया जाता है। Pressure Coil में बहने वाली धारा के मान को सीमित करने के लिए इसके साथ एक उच्च मान के प्रतिरोध को सीरीज में जोड़ दिया जाता है। AC पावर नापने के लिए बनाये गए सर्किट डायग्राम निचे दिए सर्किट डायग्राम के अनुसार होता है। 
AC Power Measurement


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