मेगर क्या होता है?
यह एक विधुतीय मापक उपकरण है जिसका उपयोग इलेक्ट्रिकल उपकरण जैसे केबल ,ट्रांसफार्मर वाइंडिंग ,मोटर वाइंडिंग आदि के इंसुलेशन का प्रतिरोध मापने के लिए किया जाता है। इसे मेगाओममीटर भी कहते है। इसे सर्व प्रथम विधुत मापक यंत्र बनाने वाली कंपनी मेगर ने बनाया था इसलिए इसे मेगा ओममीटर की बजाए मेगर कहते है। इस यन्त्र का उपयोग 50 मेगा ओम से अधिक प्रतिरोध को मापने के लिए किया जाता है। एक साधारण ओम मीटर या प्रतिरोध मापने वाला यंत्र 10 मेगा ओम से अधिक प्रतिरोध का मापन सटीकता से नहीं कर पाता है क्योकि उसमे बहुत ही कम परिमाण वाले वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।
विधुतीय उपकरण में इंसुलेशन क्या होता है?
विधुत धारा प्रवाह के लिए चालक का उपयोग किया जाता है अर्थात चालक विधुत धारा प्रवाह के लिए पथ का निर्माण करता है। विधुत धारा अपने पथ से लीकेज होकर बाहर न निकल जाए इसके लिए उसके ऊपर कुचालक की परत चढ़ा दी जाती है जिसे इंसुलेशन कहते है। इंसुलेशन का आंतरिक प्रतिरोध बहुत ही ज्यादा होती है।
मेगर का कार्य सिध्दांत क्या है?
यह विधुतचुंबकीय आकर्षण सिध्दांत पर कार्य करता है। जिसके अनुसार यदि किसी विधुत धारा वाली चालक को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तब उस चालक पर एक बालक कार्य करने लगता है। इसी सिध्दांत के मदद से मेगर के पॉइंटर पर एक बलाघूर्ण(Torque) कार्य करता है जिससे मेगर की रीडिंग ली जाती है।
मेगर कितने प्रकार के होते है?
मेगर दो प्रकार के होते है जो निचे दिए गए है :
- इलेक्ट्रॉनिक मेगर
- मैन्युअल ऑपरेटड मेगर
इन दोनों के अतिरिक्त एक दुसरे प्रकार का मेगर भी होता है जिसे मोटर टाइप मेगर कहते है इसमें बैटरी की जगह वोल्टेज उत्पन्न करने मोटर का उपयोग किया जाता है और इस मोटर को संचालित करने के लिए बाहर से उर्जा प्रवाहित की जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक मेगर में हाई वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए बैटरी का उपयोग किया जाता है जबकि ,मैन्युअल ऑपरेटड मेगर में हाई वोल्टेज उत्पन्न करने के लिए डीसी जनरेटर का उपयोग किया जाता है जिसे हाथ से चलाया जाता है। जिसे ऊपर के चित्र में दिखाया गया है।
मेगर की बनावट कैसी होती है?
इसके बनावट की आंतरिक सर्किट को निचे दिए गए चित्र में दिखाया गया है। इसमें एक डीसी जनरेटर होता है जिसके आर्मेचर को हाथ से घुमाकर वोल्टेज उत्पन्न किया जाता है। प्रतिरोध R1 कुंडली A तथा प्रतिरोध R2 कुंडली B के साथ श्रेणी क्रम में जुड़ा होता है। चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए स्थायी चुंबक का उपयोग किया जाता है जिसके प्रभाव की वजह से पॉइंटर घूमते रहता है। जिस पदार्थ का इंसुलेशन प्रतिरोध ज्ञात करना होता है उसे टर्मिनल X तथा Y के बीच जोड़ा जाता है।
image source :https://instrumentationtools.com |
मेगर के लाभ तथा हानि क्या है?
मेगर उपयोग के लाभ तथा हानि निम्न है :-
लाभ
- इससे ज्ञात इंसुलेशन प्रतिरोध की सटीकता ज्यादा होती है |
- इसे केवल एक व्यक्ति आसानी से संचालित सकता है |
- इसे कही भी आसानी से ले जाया जा सकता है।
- इसका उपयोग करना आसन होता है।
हानि
- मैन्युअल ऑपरेटेड मेगर में कम से कम दो यक्ति की जरुरत पड़ती है।
- कभी कभी क्रेकिंग की वजह से इसके माप पर प्रभाव पड़ता है।
- इसका उपयोग हमेशा समतल पर किया जाता है।
मेगर का उपयोग क्या है?
मेगर का निम्न उपयोग है :-
- इससे इंसुलेशन का प्रतिरोध ज्ञात किया जाता है।
- ग्राउंड तथा अर्थिंग टेस्टिंग में इसका उपयोग किया जाता है।
- रेलवे में इसका उपयोग किया जाता है।
- पॉवर स्टेशन में इसका उपयोग किया जाता है।
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