इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट का प्रकार
किसी भी प्रकार के विधुत परिपथ के निर्माण में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस का उपयोग किया जाता है। यदि ये सभी इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस आइडियल अर्थात आदर्श कॉम्पोनेन्ट होते तब इनका आंतरिक प्रतिरोध शून्य होता लेकिन ऐसा नहीं होता है। विधुत परिपथ में लगे इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस दो प्रकार से कार्य करते है। इनमे कुछ कॉम्पोनेन्ट ऐसे होते है जो विधुत उर्जा श्रोत से विधुत उर्जा को परिपथ में नियंत्रित रूप से प्रवाहित करते है जबकि कुछ ऐसे कॉम्पोनेन्ट होते है जो इस विधुत उर्जा का उपयोग करते है। परिपथ में विधुत उर्जा प्रवाहित करने तथा उपभोग करने के आधार पर कॉम्पोनेन्ट को दो वर्गों में वर्गीकृत किया गया है जो निम्न है :-
- एक्टिव कॉम्पोनेन्ट (Active Component)
- पैसिव कॉम्पोनेन्ट (Passive Component)
एक्टिव कॉम्पोनेन्ट क्या होता है?
वैसे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट जो विधुत परिपथ में संचालित होने के लिए बाहर से विधुत उर्जा ग्रहण करते है एक्टिव कॉम्पोनेन्ट कहलाते है। इन्हें हिंदी में सक्रिय घटक कहा जाता है। सक्रीय घटक विधुत परिपथ में विधुत उर्जा की आपूर्ति करते है। ये विधुत परिपथ में आवेश प्रवाह को नियंत्रित करने में सक्षम होते है। जैसे ट्रांजिस्टर से एमिटर तथा कलेक्टर के बीच विधुत धारा का प्रवाह तब नहीं होता है जब तक बेस से एक निश्चित मात्रा का विधुत धारा प्रवाहित नहीं होता है। प्रत्येक विधुत परिपथ में कम से कम एक एक्टिव कॉम्पोनेन्ट जरुर होता है। कुछ एक्टिव कॉम्पोनेन्ट के उदहारण निचे दिए गए है :
- वोल्टेज श्रोत
- विधुत धारा श्रोत
- ट्रांजिस्टर
- मोस्फेट
- विभिन्न प्रकार के डायोड
एक्टिव कॉम्पोनेन्ट का उपयोग
एक्टिव कॉम्पोनेन्ट का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है :-
- डायोड का उपयोग ए०सी से डीसी कनवर्टर के अतिरिक्त फ्रीव्हीलिंग डायोड के रूप में भी किया जाता है।
- ट्रांजिस्टर का उपयोग आवर्धक तथा इन्वर्टर में स्विचिंग के रूप में किया जाता है।
- मोटर के स्पीड नियंत्रक में SCR का उपयोग किया जाता है।
- DIAC TRIC जैसे सेमीकंडक्टर का उपयोग लाइट डिमर परिपथ में किया जाता है।
पैसिव कॉम्पोनेन्ट क्या होता है ?
वैसे इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेन्ट जो विधुत परिपथ में विधुत उर्जा को प्राप्त करने के बाद या तो उसका उपभोग करते है या चुम्बकीय या विधुत क्षेत्र के रूप में संचयन करते है ,पैसिव कॉम्पोनेन्ट कहलाते है। इन्हें हिंदी में अक्रिय घटक कहा जाता है। अक्रिय घटक को विधुत परिपथ में संचालित होने के लिए किसी भी प्रकार के विधुत ऊर्जा की जरुरत नहीं पड़ती है। जैसे किसी प्रतिरोध में जैसे ही विधुत धारा प्रवाहित होती है वह कार्य करने लगता है और इससे जब तक विधुत धारा का प्रवाह होता है तब तक उष्मा के रूप में ऊर्जा उत्पन्न होती है। कुछ पैसिव कॉम्पोनेन्ट के उदहारण निचे दिए गए है :-
- प्रतिरोध
- कैपासिटर
- इंडक्टर
- ट्रांसफार्मर
पैसिव कॉम्पोनेन्ट का उपयोग
पैसिव कॉम्पोनेन्ट का उपयोग निम्न स्थानों पर किया जाता है :-
- विधुत परिपथ में विधुत धारा के प्रवाह को रोकने के लिए प्रतिरोध का उपयोग किया जाता है। विधुत हीटर में भी प्रतिरोध का उपयोग किया जाता है।
- पॉवर फैक्टर को नियंत्रित करने के लिए कैपासिटर का उपयोग किया जाता है।
- Capacitive लोड में पॉवर फैक्टर को नियंत्रित करने के लिए इंडक्टर का उपयोग किया जाता है।
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