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तीन वाटमीटर द्वारा थ्री फेज में पॉवर कैसे मापा जाता है - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 वाटमीटर क्या होता है?

यह एक विधुत उर्जा मापक यन्त्र है जिसके मदद से किसी विधुत परिपथ में प्रवाहित होने वाली विधुत उर्जा को नापा जाता है। इसमें दो क्वाइल होती है जिनमे से एक को करंट क्वाइल तथा दुसरे को पोटेंशियल क्वाइल कहा जाता है। करंट क्वाइल का आंतरिक प्रतिरोध बहुत ही कम होता है तथा इसे विधुत लोड के साथ श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है जिससे की लोड करेंट इससे होकर वाटमीटर में प्रवाहित करे।  पोटेंशियल क्वाइल का आंतरिक प्रतिरोध ज्यादा होता है तथा इसे  करेंट क्वाइल के अक्रॉस जोड़ा जाता है। 

थ्री फेज या अधिक फेज वाले पॉवर सिस्टम में जुड़े हुए लोड में खपत विधुत उर्जा को ज्ञात करने के लिए एक से ज्यादा वाटमीटर की आवश्यकता होती है। जब थ्री फेज या इससे अधिक फेज वाले सिस्टम की उर्जा मापने के लिए एक से अधिक वाटमीटर का उपयोग किया जाता है तब मापे गए विधुत उर्जा के परिमाण में सटीकता तथा अधिक शुध्दता होती है।  

किसी पोलीफेज सिस्टम की विधुत ऊर्जा मापने के लिए उपयोग की जाने वाली कुल वाटमीटर की संख्या ज्ञात करने के लिए ब्लोंडेल थ्योरम का उपयोग किया जाता है जिसके अनुसार
यदि किसी पॉवर सिस्टम में N वायर द्वारा विधुत उर्जा दी जा रही है तब इसे मापने के लिए कुल वाट मीटर की संख्या (N-1) होगी। अतः थ्री फेज फोर वायर सिस्टम वाले पॉवर सप्लाई की विधुत उर्जा मापने के लिए (4-1 =3 ) अर्थात तीन वाटमीटर की आवश्यकता होगी 

थ्री फेज में उर्जा मापन कैसे किया जाता है? 

3 फेज, 4 वायर सिस्टम में पावर मापने के लिए तीन वाटमीटर विधि  का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इस विधि को थ्री फेज , थ्री वायर  डेल्टा कनेक्टेड लोड में भी उपयोग  किया जा सकता है लेकिन प्रत्येक लोड द्वारा खपत की जाने वाली विधुत उर्जा  को अलग से निर्धारित करने की आवश्यकता होगी। तीन वाटमीटर विधि द्वारा विधुत उर्जा  मापने के लिए स्टार कनेक्टेड लोड के कनेक्शन  को नीचे दिए गए सर्किट में दिखाया गया है :
थ्री फेज पॉवर मेज़रमेंट
image credit:https://circuitglobe.com

जैसे की उपर के परिपथ में एक स्टार कनेक्शन में जुड़े हुए विधुत लोड को तीन वाटमीटर से जोड़ा गया है। तीनो वाटमीटर के प्रेशर या पोटेंशियल क्वाइल के टर्मिनल को स्टार के न्यूट्रल पॉइंट से कनेक्ट किया गया है तथा करंट क्वाइल के एक टर्मिनल को  सप्लाई तथा लोड के फेज से जोड़ा गया हैजिससे विधुत लोड के प्रत्येक फेज में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा का परिमाण ज्ञात हो जाता है तथा पोटेंशियल क्वाइल द्वारा प्रत्येक फेज के अक्रॉस वोल्टेज ज्ञात हो जाता है। लोड के प्रत्येक फेज में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा तथा उसके अक्रॉस वोल्टेज का गुणनफल ,उस फेज द्वारा प्रति सेकंड खपत की गई विधुत उर्जा का परिमाण होता है। इस प्रकार से प्रत्येक तीनो फेज द्वारा खपत की गई विधुत उर्जा के परिमाण को तीन अलग अलग वाट मीटर द्वारा आसानी से ज्ञात कर जोड़ लिया जाता है जो उस विधुत लोड द्वारा खपत की गई कुल विधुत उर्जा के परिमाण के बराबर होता है। इस विधि द्वारा संतुलित तथा असंतुलित दोनों प्रकार से जुड़े हुए विधुत लोड में प्रवाहित हो रही विधुत ऊर्जा को आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।  
यदि पहले फेज के अक्रॉस वोल्टेज Vतथा प्रवाहित विधुत धारा Iहै तब उसके  द्वारा खपत उर्जा Wको निम्न तरीके से लिख सकते है :

W1=I1V1

यदि दुसरे  फेज के अक्रॉस वोल्टेज Vतथा प्रवाहित विधुत धारा Iहै तब उसके  द्वारा खपत उर्जा Wको निम्न तरीके से लिख सकते है :

W2=I2V2

यदि तीसरे  फेज के अक्रॉस वोल्टेज Vतथा प्रवाहित विधुत धारा Iहै तब उसके  द्वारा खपत उर्जा Wको निम्न तरीके से लिख सकते है :

W3=I3V3

अतः थ्री फेज विधुत लोड द्वारा खपत की गई कुल विधुत उर्जा की मात्रा तीनो वाटमीटर द्वारा खपत की गई विधुत उर्जा के योग के बराबर होगा। यदि विधुत लोड द्वारा खपत की गई कुल विधुत उर्जा P है तब 

P = W1+W2+W3

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