लेन्ज़ का नियम क्या है?
किसी कुंडली से संबंधित चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन करने पर उस कुंडली में एक विधुत धारा प्रेरित अर्थात उत्पन्न हो जाती है। लेन्ज़ का नियम यह बताता है कि प्रेरित धारा की दिशा ऐसी होती है कि वह उस परिवर्तन का विरोध करती है जिसने उसे प्रेरित अर्थात उत्पन्न कियाथा।
दूसरे शब्दों में,प्रेरित धारा(Induced Current) एक ऐसा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है जो पहले वाले चुंबकीय क्षेत्र के परिवर्तन का विरोध करता है।
लेन्ज़ के नियम का सूत्र क्या है?
लेन्ज़ के नियम का सूत्र फैराडे के प्रेरण सिद्धांत का विस्तारित रूप है जिससे यह ज्ञात होता है कि किसी कुंडली में प्रेरित विद्युतवाहक बल (EMF) चुंबकीय क्षेत्र के परिवर्तन की दर के ऋणात्मक के बराबर होता है जैसे निचे दिया गया है
E = -N(dΦ/dt)जहां
E = कुंडली में प्रेरित EMF है, वोल्ट में
N= कुंडली में फेरों की संख्या है
Φ=कुंडली से गुजरने वाला चुंबकीय फ्लक्स है, वेबर में
t = समय है, सेकंड में
लेन्ज़ के नियम के अनुप्रयोग(Application of Lenz's Law)
लेन्ज़ के नियम दैनिक जीवन और टेक्नोलॉजी में कई प्रकार से उपयोग किये जाते है , जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण निम्न हैं :- जनरेटर
- विद्युत मोटर
- ट्रांसफार्मर
- ब्रेकिंग सिस्टम
- माइक्रोफोन
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