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Gauss theorem in hindi : परिभाषा ,फार्मूला तथा अनुप्रयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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विधुत फ्लक्स होता है?

विधुत क्षेत्र में स्थित किसी पृष्ठ क्षेत्रफल से गुजरने वाली कुल विधुत बल रेखाओ की संख्या को विधुत फ्लक्स कहा जाता है। यदि विधुत क्षेत्र के किसी बिंदु पर विधुत क्षेत्र ,की तीव्रता E हो तो उस बिंदु पर एक शुक्ष्म आकार के क्षेत्रफल सदिश dA  से गुजरने वाला विधुत फ्लक्स d𝝋 को निम्न तारिके से ज्ञात किया जाता है 
d\phi = \vec{E}.d\vec{A}
d\phi = EdA. Cos(\theta)
जहाँ 𝛳 शुक्ष्म क्षेत्रफल  सदिश dA तथा विधुत क्षेत्र सदिश E के बीच का कोण है। सम्पूर्ण पृष्ठ से होकर गुजरने वाली विधुत फ्लक्स को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है 
\phi =\int EdACos\theta
इस प्रकार 
विधुत क्षेत्र में किसी पृष्ठ से संबंध विधुत फ्लक्स उस पृष्ठ पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता के पृष्ठ समाकलन के बराबर होता है।   

gauss law in hindi

विधुत फ्लक्स का मात्रक तथा विमा  

चूँकि विधुत फ्लक्स एक भौतिक राशी है इसलिए इसका मापन जरुरी है। विधुत फ्लक्स के मात्रक को निम्न तरीके से व्यक्त किया जा सकता है 
विधुत फ्लक्स =  EACos𝛳
विधुत फ्लक्स का मात्रक =E का मात्रक X क्षेत्रफल A का मात्रक 

विधुत फ्लक्स का मात्रक  = (N/C) x m2

विधुत फ्लक्स का मात्रक  = N-m2/C

माना की विधुत फ्लक्स की विमा = X 
X = \frac{[MLT^{-2 }]\times [L^{2}]}{AT}
X = [ML^{3}T^{-3 }A^{-1}]

गॉस की प्रमेय क्या है?

कार्ल फ्रीडरिक गॉस ने किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाले विधुत फ्लक्स तथा उस पृष्ठ में उपस्थित आवेश  के बीच संबंध बताने के लिए एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे गॉस का प्रमेय कहते हैजिसके अनुसार 
किसी बंद पृष्ठ से गुजरने वाला सम्पूर्ण विधुत फ्लक्स उस पृष्ठ द्वारा परिबद्ध कुल आवेश का (1/ε0) गुना होता है। 
विधुत फ्लक्स को फाई  𝝋 से सूचित किया जाता है। यदि किसी पृष्ठ में  आवेश q1,q2,q3,q4,q,q6...... बंद है तब उस पृष्ठ से संबंधित कुल आवेश को गॉस प्रमेय के अनुसार निम्न तरीके से ज्ञात किया मजा सकता है :
\phi =\frac{1}{\varepsilon_0}(q_{1}+q_{2}+q_{3}+q_{4}+q_{5}+....)

गॉस प्रमेय का अनुप्रयोग 

गॉस प्रमेय के मदद से अनंत लम्बाई के धातु पर सामान रूप से वितरित आवेश के कारण उसके चारो तरफ विधुत क्षेत्र की तीव्रता आसानी से ज्ञात किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसी अनंत क्षेत्रफल वाले धातु के चादर ,अनंत आयतन में सामान रूप से वितरित आवेश आदि के कारण किसी बिंदु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने में गॉस प्रमेय का उपयोग किया जाता है। गॉस प्रमेय के प्रयोग से विधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने में गणितीय गणना करना आसान हो जाता है। विधुत इंजीनियरिंग में इसका उपयोग बहुत ही ज्यादा किया जाता है। 

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