लॉरेंज बल किसे कहते है?
किसी विधुत चुंबकीय क्षेत्र में ,चुंबकीय क्षेत्र तथा विधुत क्षेत्र द्वारा आवेश पर लगने वाले विधुत चुम्बकीय बल को लॉरेंज बल कहते है। इसे विधुत चुंबकीय बल भी कहा जाता है। 1895 में हेंड्रिक लॉरेंज इसकी आधुनिक फार्मूला को बनाया था। लॉरेंज बल विधुत चुंबकीय क्षेत्र में गति कर रहे आवेशित कण पर कार्य करता है।
लॉरेंज बल का सूत्र क्या है?
माना की q आवेश का एक कण v वेग से एक विधुत चुंबकीय क्षेत्र में गति कर रहा है। इस विधुत चुंबकीय क्षेत्र की चुंबकीय तीव्रता B तथा विधुत क्षेत्र तीव्रता E है। विधुत आवेश पर विधुत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र द्वारा आरोपित बल का परिमाण निम्न है :
विधुत क्षेत्र के कारण बल
चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल
माना की आवेश द्वारा अनुभव किये गए लॉरेंज बल = F
लॉरेंज बल की दिशा क्या होती है?
लॉरेंज बल की दिशा चुंबकीय क्षेत्र (B) तथा वेग सदिश (V) के समतल के लंबवत होती है। इस बल की दिशा को दाए हाथ के नियम से आसनी से ज्ञात किया जा सकता है।
लॉरेंज बल का अनुप्रयोग (Application of Lorentz Force)
- साइक्लोट्रोन ,बेटाट्रॉन तथा लीनियर पार्टिकल एक्सेलेटर में लॉरेंज बल का उपयोग किया जाता है।
- बबल चैम्बर में आवेशित कण के प्रक्षेप्य का ग्राफ प्राप्त करने के लिए लॉरेंज बल का उपयोग किया जाता है।
- कैथोड रे ट्यूब में लॉरेंज बल के मदद से स्क्रीन पर इलेक्ट्रान को प्रक्षेपित किया जाता है।
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