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Doppler effect in Hindi : परिभाषा ,सूत्र तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 डॉप्लर प्रभाव क्या है?

जब किसी ध्वनि श्रोत तथा श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तब श्रोता तक पहुचने या सुनाई देने वाली ध्वनि तरंग की  आवृति में परिवर्तन हो जाता है ,सुनाई देने वाली ध्वनि के आवृति में होने वाली इस परिवर्तन को डॉप्लर प्रभाव के नाम से जाना जाता है। परिवर्तन के साथ सुनाई देने वाली ध्वनि के आवृति को आभासी आवृति कहते है। श्रोता को सुनाई देने वाली ध्वनि के मूल आवृति में कमी या वृद्धि हो सकती है। 

डाप्लर प्रभाव प्रकाश श्रोत के साथ भी होता है। सामान्यतः प्रकाश श्रोत तथा प्रेक्षक के बीच सापेक्षिक गति होने पर डाप्लर प्रभाव देखने को नहीं मिलता है क्योकि प्रकाश के तुलना में प्रेक्षक की गति बहुत कम होती है। यदि प्रेक्षक प्रकाश गति का 3 प्रतिशत या इससे अधिक गति प्राप्त कर लेता है तब प्रेक्षक को को दिखने वाली प्रकाश के मूल आवृति में परिवर्तन का अनुभव होने लगता है। डाप्लर प्रभाव से ही बिग बैंग की व्याख्या की जाती है। डाप्लर प्रभाव की खोज क्रिस्चियन जोहान डॉप्लर ने किया था। 
डाप्लर प्रभाव

आभासी आवृति का सूत्र 

माना की 
ध्वनि की मूल आवृति = f
ध्वनि श्रोत की चल =  Vs
ध्वनि की चल =  V
श्रोता की चाल = V
श्रोता को सुनाई देने वाली आवृति = f

 (1) जब ध्वनि श्रोत रुका हुआ हो तथा श्रोता उसके तरफ भाग रहा हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V+V_{o}}{V} \right )f_{s}

 (2) जब ध्वनि श्रोत रुका हुआ हो तथा श्रोता उससे  दूर  भाग रहा हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V-V_{o}}{V} \right )f_{s}

(3) जब ध्वनि श्रोत, श्रोता के तरफ  भाग रहा हो और श्रोता विराम में हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V}{V-V_{o}} \right )f_{s}

(4) जब ध्वनि श्रोत, श्रोता से दूर  भाग रहा हो और श्रोता विराम में हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V}{V+V_{o}} \right )f_{s}

(5) जब ध्वनि श्रोत तथा श्रोता दोनों एक दुसरे के तरफ भाग रहे हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की मूल  आवृति में वृद्धि होगी और इसे  निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V+V_{o}}{V-V_{s}} \right )f_{s}

(6) जब ध्वनि श्रोत श्रोता की पीछा कर उसी के दिशा में  भाग रहा हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को   निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V+V_{o}}{V+V_{s}} \right )f_{s}

(7) जब ध्वनि श्रोत के पीछे श्रोता  उसी के दिशा में  भाग रहा हो 

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा 
f_{o} =\left ( \frac{V-V_{o}}{V-V_{s}} \right )f_{s}

(7) जब ध्वनि श्रोत तथा श्रोता दोनों एक दुसरे से दूर भाग रहे हो

इस दशा में श्रोता को सुनाई देने वाली  ध्वनि की  आवृति को निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जायेगा
f_{o} =\left ( \frac{V-V_{o}}{V+V_{s}} \right )f_{s}

डॉप्लर प्रभाव का उपयोग 

डॉप्लर प्रभाव के मदद से बिग बैंग की व्याख्या की गई। 
डॉप्लर प्रभाव के मदद से आकाशीय पिंड की गति मापी जाती है। 
डॉप्लर प्रभाव के मदद से सेटेलाइट द्वारा घुमती हुई वस्तु की गति ज्ञात की जाती है। 

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