सस्पेंशन इंसुलेटर क्या होता है ?
यह एक विशेष प्रकार का इंसुलेटर है जिसका उपयोग 33 KV से ज्यादा वोल्टेज पर कार्य करने वाले ट्रांसमिशन लाइन में चालक को पोल या विधुत टावर से अलग (Insulate)करने के लिए किया जाता है। यह पोर्सलिन से बनाया जाता है जिसमे एक या एक से अधिक डिस्क के आकार वाले कुचालक को धातु से एक दुसरे के साथ जोडकर तैयार किया जाता है। जैसे की नीचे के चित्र में दिखाया गया है।
सस्पेंशन इंसुलेटर का कंस्ट्रक्शन कैसे होता है ?
चूँकि यह इंसुलेटर उच्च वोल्टेज पर कार्य करता है इसलिए इसके निर्माण ऐसे पदार्थ का चयन किया जाता है जिसकी विधुत प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा हो। इसके लिए सबसे बढ़िया पोर्सलिन होता है। पोर्सलिन से बने हुए डिस्क के आकर वाले बहुत सारे प्रतिरोधक को आपस में श्रेणी क्रम में धातु से बने हुए बोल्ट के मदद से जोड दिया जाता है। इंसुलेटर के निचले भाग पर विधुत वाहक चालक को जोड़ा जाता है जबकि उपरी भाग को क्रॉस आर्म जोड दिया जाता है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है :
String efficiency क्या होती है ?
चूँकि सस्पेंशन इंसुलेटर को बहुत सारे डिस्क आकार वाले प्रतिरोधक को आपस में श्रेणी क्रम में जोड़कर बनाया जाता है और इसके निचले सिरे पर धारावाही चालक को जोड़ा जाता है। इसलिए निचले सिरे पर स्थित डिस्क हाई वोल्टेज पर तथा सबसे उपरे सिरे पर स्थित डिस्क लो वोल्टेज पर होता है। हाई वोल्टेज पर स्थित होने की वजह से निचले स्तर पर स्थित डिस्क पर वोल्टेज का वैधुत दबाव बहुत ज्यादा होता है जिससे इसके पंचर होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। जैसे जैसे ऊपर की तरफ बढ़ते है वैसे वैसे वैधुत दबाव कम होते जाता है। डिस्क पर इस प्रकार असमान रूप से वोल्टेज वितरण का वितरण अवांछनीय है | इसे ही String efficiency के रूप में व्यक्त किया जाता है। स्ट्रिंग एफिशिएंसी को निम्न तरीके से परिभाषित किया जाता है :
सभी डिस्क के अक्रॉस वोल्टेज तथा डिस्क संख्या तथा प्रत्येक डिस्क वोल्टेज के गुणनफल के अनुपात को String efficiency कहा जाता है।
इसे निम्न तरीके से व्यक्त किया जाता है।
String efficiency = (वोल्टेज अक्रॉस सभी डिस्क) / (डिस्क संख्या X प्रत्येक डिस्क का वोल्टेज)
सस्पेंशन इंसुलेटर कितने प्रकार का होता है ?
सस्पेंशन इंसुलेटर दो प्रकार का होता है :-
- कैप एंड पिन टाइप
- इंटरलिंक टाइप
सस्पेंशन इंसुलेटर के लाभ तथा हानि क्या है ?
सस्पेंशन इंसुलेटर के निम्न लाभ तथा हानि है :-
लाभ
- यह सस्ता होता है।
- यह आसनी से किसी भी दिशा में घूम सकता है।
- किसी एक डिस्क के ख़राब हो जाने की स्थिति में इसे आसानी से बदला जा सकता है।
- इसमें विधुत वाहक चालक को निचे लगाया जाता है जिससे यह तडित आघात से आंशिक रूप से सुरक्षित रहता है।
हानि
- पिन टाइप इंसुलेटर से महंगा होता है।
- इससे विधुत टावर की उच्चाई बढ़ जाती है।
सस्पेंशन इंसुलेटर का क्या उपयोग है ?
सस्पेंशन इंसुलेटर का उपयोग निम्न स्थान पर किया जाता है :-
- ट्रांसमिशन लाइन में
- विधुत जनरेटर
- विधुत ट्रांसफार्मर
- रेलवे लाइन
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