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कम्यूटेशन , इंटरपोल तथा कम्पेन्सेटिंग वाइंडिंग | RGPV डिप्लोमा सेमेस्टर -3 मशीन -1

commutation in hindi

कम्यूटेशन क्या होता है ?

कम्यूटेशन का शाब्दिक अर्थ बदलना या रूपान्तरित करना होता है। डीसी जनरेटर में आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमता है। आर्मेचर चालक चुंबकीय क्षेत्र को काटते है जिससे चालक के सिरों के बीच वोल्टेज (EMF) उत्पन्न हो जाता है। चूँकि आर्मेचर चालक आवर्ती रूप से नार्थ पोल तथा साउथ पोल के बीच घूमते रहते है इसलिए चालक में उत्पन्न विधुत धारा भी आवर्ती रूप से अपनी दिशा बदलती रहती है। अर्थात आर्मेचर में उत्पन्न विधुत धारा DC नहीं AC होती है। AC धारा को डीसी में बदलने की प्रक्रिया कम्यूटेशन कहलाती है। 

डीसी जनरेटर में कम्यूटेशन कैसे होता है ?

  •  जब आर्मेचर को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तब विधुत चुम्बकीय प्रेरण  सिद्धांत के अनुसार आर्मेचर के  कुंडलियों में AC उत्पन्न होती है। यह AC धारा हर आधे घूर्णन के बाद अपनी दिशा बदलती है।
  •  कम्यूटेटर एक तांबे के सिलेंडर पर बने हुए तांबे के खंडों (segments) का एक सेट होता है जो आर्मेचर के शाफ्ट से जुड़ा रहता है। यह आर्मेचर के साथ-साथ घूमता है।
  • कम्यूटेटर के खंडों से कार्बन ब्रश संपर्क करते हैं। ये ब्रश एक स्थिर स्थिति में रहते हैं और बाहरी सर्किट से जुड़े होते हैं।
  • कम्यूटेटर खंड इस प्रकार से जुड़े होते हैं कि जब ब्रश एक खंड से दूसरे खंड में जाते हैं तब धारा का प्रवाह उलट जाता है। यह उलटफेर हर आधे घूर्णन पर होता है जिससे AC धारा DC धारा में बदल जाती है।

कम्यूटेशन को बेहतर कैसे बनाया जा सकता है ?

कम्यूटेशन को निम्न तरीके से बेहतर बनाया जा सकता है :
  • इंटरपोल का उपयोग: इंटरपोल छोटे-छोटे विद्युत चुम्बकीय पोल होते हैं, जिन्हें कम्यूटेटर के पास लगाया जाता है। ये कम्यूटेशन के दौरान उत्पन्न होने वाली स्पार्किंग को कम करने में मदद करते हैं, जिससे जनरेटर की दक्षता बढ़ती है।
  • कम्पेन्सेटिंग वाइंडिंग का प्रयोग: यह एक विशेष वाइंडिंग होती है, जो आर्मेचर के चुंबकीय क्षेत्र के विपरीत एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। यह कम्यूटेशन को बेहतर बनाती है और स्पार्किंग को कम करती है।
  • कम्यूटेटर की नियमित सफाई: कार्बन ब्रश के घर्षण के कारण कम्यूटेटर पर कार्बन जमा हो सकता है, जिससे कम्यूटेशन में बाधा आती है। कम्यूटेटर की नियमित सफाई से इस समस्या से बचा जा सकता है।
  • ब्रश का रखरखाव: समय-समय पर ब्रशों को भी बदलना पड़ता है, क्योंकि घिसाव के कारण उनका संपर्क कम्यूटेटर से उचित रूप से नहीं हो पाता है।

कम्यूटेशन के गुण एवं अवगुण 



गुण (Merits):
  • यह डीसी जनरेटर को डीसी धारा का उत्पादन करने में सक्षम बनाता है। डीसी धारा कई अनुप्रयोगों में आवश्यक होती है, जैसे कि बैटरी चार्जिंग, डीसी मोटरों को चलाना, और इलेक्ट्रॉनिक सर्किटों को बिजली देना।
  • कम्यूटेशन के माध्यम से जनरेटर के वोल्टेज को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। कार्बन ब्रश का उचित रख-रखाव और कम्यूटेटर के उचित रख-रखाव के द्वारा कम्यूटेशन वोल्टेज को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • डीसी जनरेटर का निर्माण अपेक्षाकृत सरल होता है, क्योंकि उनमें कम्यूटेशन के लिए कम्यूटेटर और ब्रश के अलावा कोई अन्य जटिल तंत्र की आवश्यकता नहीं होती है।

अवगुण 

  • कम्यूटेशन के दौरान कम्यूटेटर और ब्रश के बीच स्पार्किंग होती है, जो जनरेटर के पुर्जो को नुकसान पहुंचा सकती है जिससे  इसकी दक्षता को कम हो सकती है। हालांकि, इंटरपोल और कम्पेन्सेटिंग वाइंडिंग का प्रयोग करके स्पार्किंग को कम किया जा सकता है।
  •  कम्यूटेटर और ब्रश को नियमित रूप से सफाई और रख-रखाव की आवश्यकता होती है ताकि कम्यूटेशन को सुचारू रूप से चलाया जा सके और स्पार्किंग को कम किया जा सके।
  • कम्यूटेशन के लिए आवश्यक कम्यूटेटर, ब्रश, और इंटरपोल जनरेटर की लागत को बढ़ाते हैं।

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