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डीसी जनरेटर : RGPV Diploma सेमेस्टर -3 Unit -2 (Machine-1)

rgpv diploma machine -1 notes

डीसी जनरेटर क्या है ?

डीसी जनरेटर एक विधुत मशीन है जो यांत्रिक ऊर्जा को डीसी (Direct Current) विधुत ऊर्जा  में बदलता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो यांत्रिक घूर्णन को दिष्ट विधुत धारा में रूपांतरित करता है। 

डीसी जनरेटर के मुख्य भाग 

डीसी जनरेटर के निर्माण में विभिन्न प्रकार के कल पुर्जो का उपयोग किया जाता है। इसमें उपयोग होने वाले कुछ महत्वपूर्ण भाग की चर्चा की जा रही है। 
  • आर्मेचर (Armature): यह एक घूमने वाला हिस्सा है जिसमें तांबे के तार की कुंडली लगी होती है। जब यह कुंडली चुंबकीय क्षेत्र में घूमती है, तो उसमें विधुत धारा उत्पन्न होती है।
  • क्षेत्र चुंबक (Field Magnet): यह एक स्थायी चुंबक या विधुत चुंबक होता है जो चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।
  • कम्यूटेटर (Commutator): यह एक यांत्रिक स्विच है जो आर्मेचर में उत्पन्न होने वाली विधुत धारा  इकठ्ठा कर एक  ही दिशा में प्रवाहित करता है जिससे डीसी धारा बनती है।
  • ब्रश (Brushes): ये कार्बन या ग्रेफाइट के बने होते हैं और कम्यूटेटर से संपर्क करते हुए बाहरी सर्किट को विधुत धारा प्रदान करते हैं।

डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत 

डीसी जनरेटर में विधुत धारा का उत्पादन विधुत चुंबकीय प्रेरण सिद्धांत पर आधारित है। जिसके अनुसार यदि किसी चुंबकीय क्षेत्र में कुंडली को घुमाया जाए तब कुंडली में वोल्टेज उत्पन्न हो जाता है। यदि टर्मिनल को बाहरी लोड से जोड़ा जाए तब लोड में विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है। डीसी जनरेटर के अंदर लगे हुए विभिन्न भाग निम्न तरीके से कार्य करते है :
  1. डीसी जनरेटर को एक बाहरी शक्ति स्रोत से  घुमाया जाता है, जैसे डीजल  इंजन, टरबाइन या हाथ ।
  2. आर्मेचर चुंबकीय क्षेत्र में घूमता है जिससे आर्मेचर कुंडली में विधुत चुम्बकीय प्रेरण का सिद्धांत लागू होता है।
  3.  विधुत चुम्बकीय प्रेरण से कुंडली में एक विधुत धारा उत्पन्न होती है जिसकी दिशा चुंबकीय क्षेत्र और घूर्णन की दिशा के अनुसार बदलती रहती है। अर्थात AC धारा उत्पन्न होती है। 
  4.  कम्यूटेटर इस बदलती धारा को एक ही दिशा में प्रवाहित करने के लिए हर आधे घूर्णन के बाद धारा की दिशा बदल देता है।
  5.  ब्रश कम्यूटेटर से धारा को एकत्रित करते हैं और बाहरी जुड़े हुए लोड को प्रदान करते हैं।
  6.  इस प्रकार एक निरंतर डीसी विधुत  धारा उत्पन्न होती है जो एक ही दिशा में प्रवाहित होती है।
नोट : डीसी मोटर तथा डीसी जनरेटर की संरचना बिलकुल एक जैसे ही होती है। एक डीसी जनरेटर को मोटर की तरह उपयोग किया जा सकता है। इनके इंटरनल कॉम्पोनेन्ट भी बिलकुल एक जैसे होते है। इनमे सिर्फ ऊर्जा का परवाह अलग अलग होता है। 

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