Electrical fault क्या होता है?
विधुतीय उपकरण में उत्पन्न होने वाली ऐसी कमी जिसके वजह से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा पूर्व से निर्धारित पथ से विचलित होकर किसी दुसरे पथ से प्रवाहित होने लगे या इसके परिमाण में अचानक ही बहुत बड़ा परिवर्तन हो जाए तब ऐसी कमी को Electrical Fault कहते है। इसे दुसरे भाषा में ऐसे बोल सकते है की विधुत प्रणाली में उत्पन्न ऐसी असामान्य स्थिति जिसमे विधुत धारा का परिमाण अचानक बढ़ जाता है और विधुत प्रणाली में लगे विधुतीय उपकरण को नुकसान पहुचता है और नार्मल कंडीशन में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा को डिस्टर्ब करता है इलेक्ट्रिकल फाल्ट कहलाता है।
विधुत प्रणाली में फाल्ट हो जाने की वजह से किसी चालक फेज को इंसुलेशन सुरक्षा देने वाली पदार्थ की इंसुलेशन शक्ति घट जाती है। इसके साथ ही फेज तथा ग्राउंड के बीच प्रतिबाधा (Impedance) का वैल्यू भी बहुत कम हो जाता है जिससे बहुत ज्यादा मात्रा में विधुत धारा का प्रवाह चालक से होने लगता है और इससे जुड़े हुए दुसरे विधुतीय उपकरण को बहुत हानि होती है।
इलेक्ट्रिकल फाल्ट संबंधित घटना ज्यादातर विधुत संचार प्रणाली में देखने को मिलती है। इलेक्ट्रिकल फाल्ट की आधी से अधिक घटनाए विधुत संचार लाइन से सम्बंधित होती है। विधुत संचार लाइन में इलेक्ट्रिकल फाल्ट होने की मुख्य वजह निम्न है :-
- यह असंख्य शाखाओ (branch) में बटा हुआ होता है।
- यह लंबी दुरी तक ऑपरेट होता है।
- यह विभिन्न प्रकार के वातारण में कार्य करता है।
असंख्य शाखाये ,लंबी दुरी तथा मौसम में होने वाली परिवर्तन के सीधे संपर्क में आने की वजह से आधी से अधिक इलेक्ट्रिकल फाल्ट विधुत संचार लाइन से संबंधित होती है।
इन सब के अतिरिक्त कुछ इलेक्ट्रिकल फाल्ट प्राकृतिक तथा अप्राकृतिक परिवर्तन की वजह से भी होते है। जैसे लंबे समय से कार्यरत विधुत उपकरण के ऊपर लगाये गए विधुतरोधी पदार्थ का इंसुलेशन कमजोर हो जाता है जिससे उच्च वोल्टेज पर कभी कभी फाल्ट देखने को मिल जाता है। कभी कभी प्राकृतिक में होने वाली घटनाए जैसे आंधी ,तूफान ,वर्फ की वर्षा या वृक्ष टूटकर संचार लाइन पर गिरना आदि की वजह से भी इलेक्ट्रिकल फाल्ट होता है। स्विचिंग सर्ज या तडित आघात (Lightning Stroke) की वजह से भी विधुत उपकरण का इंसुलेशन टूट जाता है और इलेक्ट्रिकल फाल्ट की घटनाए घट जाती है।
इलेक्ट्रिकल फाल्ट कितने प्रकार की होती है?
विधुत संचार प्रणाली में विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल फाल्ट होते है। इन सब में सबसे खतरनाक शार्ट सर्किट विधुत फाल्ट होती है। जब यह इलेक्ट्रिकल फाल्ट होती है तब एक बहुत बड़े परिमाण का विधुत धारा का प्रवाह होने लगता है जिससे विधुत उपकरण में आग लगने जैसी घटना देखने को मिलती है। विधुत संचार प्रणाली में होने वाले इलेक्ट्रिकल फाल्ट को निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है :-
- फेज तथा ग्राउंड के बीच फाल्ट
- फेज फेज के बीच फाल्ट
- दो फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट
- दो फेज तथा तीसरे फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट
- सभी तीन फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट
- सभी तीन फेज का आपस में शार्ट सर्किट
फेज तथा ग्राउंड के बीच फाल्ट (line to Ground Fault)
इसे लाइन टू ग्राउंड(L-G) फाल्ट भी कहते है। जब फेज में लगे चालक के ऊपर का इंसुलेशन टूट जाता है तब यह फाल्ट फेज का धरती के संपर्क में आने की वजह से होता है। विधुत संचार प्रणाली में सबसे ज्यादा होने वाली इलेक्ट्रिकल फाल्ट है।
फेज फेज के बीच फाल्ट (Line to Line Fault)
जैसे नाम से ही ज्ञात होता है की जब दो फेज आपस में किसी कारणवश एक दुसरे के संपर्क में आ जाते है तब यह इलेक्ट्रिकल फाल्ट देखने को मिलता है। इसे लाइन टू लाइन (L-L)फाल्ट भी कहते है। विधुत संचार प्रणाली में यह फाल्ट बहुत ही कम होती है।
दो फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट(Line-Line to Ground Fault)
इस प्रकार के इलेक्ट्रिकल फाल्ट में दो फेज ग्राउंड के संपर्क में आ जाता है। यह भी विधुत संचार प्रणाली में बहुत ही कम देखने को मिलता है। इसे लाइन -लाइन टू ग्राउंड फाल्ट भी कहते है जिसे शार्ट में L-L-G भी कहते है।
दो फेज तथा तीसरे फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट(Line -Line & Line -ground fault)
यह विधुत संचार प्रणाली में बहुत ही कम घटने वाला इलेक्ट्रिकल फाल्ट है। इसमें कोई दो फेज आपस में तथा तीसरा फेज धरती के साथ संपर्क में आ जाता है। यह घटना तब घटती है जब तीनो फेज के चालक पर लगाये गए इंसुलेशन किसी कारण से ख़राब हो जाते है।
सभी तीन फेज का ग्राउंड के साथ फाल्ट(Line line line to ground fault)
इस प्रकार के इलेक्ट्रिकल फाल्ट में तीनो फेज आपस में संपर्क में आ जाते है। इसके बाद ये तीनो धरती से भी संपर्क स्थापित कर जाते है। यह भी बहुत ही कम घटता है। जब तीनो फेज का इंसुलेशन ख़राब हो जाता है तब यह घटना देखने को मिलती है।
सभी तीन फेज का आपस में शार्ट सर्किट
इस प्रकार का इलेक्ट्रिकल फाल्ट तीनो फेज के इंसुलेशन ख़राब हो जाने की वजह से उत्पन्न होता है। इसमें तीनो फेज आपस में जुड़ जाते है। यह इ प्रकार का संतुलित इलेक्ट्रिकल फाल्ट होता है क्योकि इस दशा में तीनो फेज से बराबर परिमाण के विधुत धारा का प्रवाह होता है।
इलेक्ट्रिकल फाल्ट से उत्पन्न होने वाली हानिया
इलेक्ट्रिकल फाल्ट होने की वजह से शार्ट सर्किट करंट का प्रवाह होने लगता है। इस करंट का परिमाण सामान्य से बहुत ज्यादा होता है। इसलिए इलेक्ट्रिकल फाल्ट की वजह से बहुत हानि होती है जो निम्न है :-
- ज्यादा मात्रा में विधुत धारा का प्रवाह होने की वजह से उष्मीय उर्जा उत्पन्न होती है जिससे आग लग जाती है
- कभी कभी आग की लपटे उठने लगती है जिससे दुसरे विधुतीय उपकरण जल जाते है।
- विधुत संचार प्रणाली अस्थिर हो जाती है जिससे समूचे पॉवर सिस्टम को बंद करना पड़ जाता है।
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