Hysteresis Motor In Hindi : परिचय ,कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी -->

Search Bar

Hysteresis Motor In Hindi : परिचय ,कार्य सिद्धांत तथा उपयोग - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

Post a Comment

 Hysteresis Motor क्या होता है?

हिस्टैरिसीस मोटर बिना DC Excitation सिस्टम वाला सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर होता है जिसमे रोटर तथा स्टेटर के बीच एयर गैप एकसामान (Uniform) होता है। यह सिंगल फेज या थ्री फेज ,दोनों से संचालित हो सकता है। स्टेटर वाइंडिंग में उत्पन्न प्रत्यावर्ती चुंबकीय फ्लक्स की वजह से रोटर में जो एड्डी करंट तथा हिस्टैरिसीस करंट  उत्पन्न होता है उसी से रोटर में बलाघूर्ण (Torque) उत्पन्न होता है।सिंक्रोनस मोटर की तरह ही यह नियत गति(Constant Speed) पर कार्य करता है अर्थात यह नियत गति से घूमता है। 
इस मोटर के रोटर को क्रोमियम के मिश्रधातु से बनाया जाता है जो बेलनाकार होता है। इसमें किसी भी प्रकार की वाइंडिंग नही होती है। एक बार जब रोटर,स्टेटर में उत्पन चुंबकीय फ्लक्स से लिंक हो जाता है तब इसमें हिस्टैरिसीस की वजह से चुंबकीय ध्रुव उत्पन्न हो जाता है जो स्टेटर में उत्पन्न चुंबकीय ध्रुव से लॉक हो जाता है और सिंक्रोनस गति से घुमने लगता है। 

हिस्टैरिसीस मोटर की संरचना कैसी होती है?

अन्य सभी मोटर के समान हिस्टैरिसीस मोटर के भी दो महत्वपूर्ण भाग होते है। जिसमे  रोटर तथा स्टेटर होता है। यह डिजाईन में सिंगल फेज इंडक्शन मोटर के सामान ही होता है। लेकिन कार्य सिद्धांत के मामले में इंडक्शन मोटर से बिलकुल अलग होता है। हम यहाँ हिस्टैरिसीस मोटर के रोटर तथा स्टेटर दोनों के संरचना तथा बनावट के बारे में जानेंगे। 

स्टेटर की बनावट 

हिस्टैरिसीस मोटर के स्टेटर की संरचना बिलकुल इंडक्शन मोटर के स्टेटर के सामान ही होता है जो रोटेटिंग (घुमने वाली) चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न करता है। इसलिए इसे सिंगल फेज या थ्री फेज पॉवर सप्लाई से संचालित किया जा सकता है। जैसे की हम जानते है की सिंगल फेज के तुलना में थ्री फेज सप्लाई से उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स ज्यादा यूनिफार्म अर्थात सामान रूप से वितरित रहता है। सिंगल फेज हिस्टैरिसीस मोटर में स्टेटर वाइंडिंग परमानेंट स्पिल्ट कैपासिटर या शेडेड पोल जैसे होता है। सिंगल फेज मोटर में एकसमान चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न करने के लिए कैपासिटर का उपयोग किया जाता है। 

रोटर  की बनावट 

निचे दिए गए चित्र में हिस्टैरिसीस मोटर के बनावट को दिखाया गया है। शाफ़्ट के ऊपर का भाग कोर होता है जो  अल्लुमिनियम या दुसरे अचुम्बकीय (Nonmagnetic) पदार्थ जिस पर चुंबकीय पदार्थ की परत चढ़ी हुई होती है ,का बना हुआ होता है। कोर के सबसे बाहरी भाग को चुंबकीय पदार्थ जैसे हार्ड क्रोम या कोबाल्ट स्टील से बने पतले रिंग को आपस में लैमिनेट कर बनाया जाता है। रोटर में किसी भी प्रकार के वाइंडिंग का उपयोग नहीं किया जाता है। 
Hysteresis motor

हिस्टैरिसीस मोटर कैसे कार्य करता है?

यह एक इंडक्शन मोटर की तरह ही स्टार्ट होता है जिसे निम्न तरीके से समझा जा सकता है। जब मोटर के स्टेटर को सिंगल फेज या थ्री फेज पॉवर सप्लाई से जोड़ा जाता है तब इससे एक नियत परिमाण का चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न हो जाता है। इस चुंबकीय फ्लक्स की वजह से  रोटर में एड्डी करंट उत्पन्न होता है जो एक बलाघूर्ण उत्पन्न करता है और इस बलाघूर्ण की वजह से  मोटर स्टार्ट हो जाता है जब रोटर की गति सिंक्रोनस स्पीड के बराबर हो जाता है तब एड्डी करंट के कारण उत्पन्न हुआ बलाघूर्ण समाप्त हो जाता है और मोटर नियत गति से घुमने लगता है। 
जब मोटर नियत गति से घुमने लगता है तब स्टेटर में उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स की वजह से रोटर में चुंबकीय ध्रुव उत्पन्न हो जाते है। जिससे रोटर से भी चुंबकीय फ्लक्स उत्पन्न होने लगता है लेकिन हिस्टैरिसीस के कारण यह चुंबकीय फ्लक्स स्टेटर के चुंबकीय फ्लक्स से पिछड़ (lag) जाता है। रोटर फ्लक्स तथा स्टेटर फ्लक्स में उत्पन्न इस प्रकार के कालांतर  की वजह से रोटर ,घुमती हुई स्टेटर चुंबकीय फ्लक्स की तरफ एक बलाघूर्ण से आकर्षित हो जाता है जिसे हिस्टैरिसीस बलाघूर्ण (Hysteresis Torque) कहा जाता है और इस बलाघूर्ण की वजह से मोटर नियत गति से घुमने लगता है। 

यह भी पढ़े 

Post a Comment

Subscribe Our Newsletter