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Proximity Effect In Hindi :- परिभाषा तथा प्रभावित करने वाले कारक - हिंदी इलेक्ट्रिकल डायरी

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 Proximity effect क्या होता है?

Proximity एक अंग्रेजी का शब्द है जिसका मतलब निकटता होता है। जब दो या दो से अधिक चालक में एक ही प्रत्यावर्ती विधुत धारा प्रवाहित किया जाता है तब दोनों चालक अपने चारो तरफ एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते है। इस चुम्बकीय क्षेत्र के कारण दोनों चालक से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा अपने आप को चुंबकीय क्षेत्र से दूर ,चालक में अपने आप को उस साइड शिफ्ट कर लेता है जहा से उसकी दुरी दुसरे चालक में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा से अधिकतम हो। चालक में विधुत धारा का इस प्रकार शिफ्ट होने की घटना Proximity effect कहलाता है। यदि चालक से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा की दिशा एक दुसरे के विपरीत होती है तब दोनों चालक में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा चालक के उस साइड शिफ्ट हो जाती है जिससे  दोनों चालक के बीच की दूरी न्यूनतम होती है। जैसे की निचे के चित्र में दिखाया गया है। 
proximity effect in hindi

प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट क्यों उत्पन्न होता है?

इस प्रभाव के उत्पन्न होने का मुख्य वजह चुंबकीय क्षेत्र है। Biot Savart के नियम से हम सभी जानते है की किसी चालक से प्रवाहित विधुत धारा की वजह से उसके चारो तरफ एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। चालक में प्रवाहित विधुत धारा की वजह से  उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र जब अपने बगल वाले चालक से लिंक करता है तब उसमे एक Emf induce कर देता है जिससे उस चालक में एक अतिरिक्त विधुत धारा प्रवाहित होने लगता है जिसे Eddy Current कहा जाता है। इस एड्डी करंट की वजह से चालक से प्रवाहित मुख्य धारा का वितरण असमान हो जाता है। अतिरिक्त विधुत धारा प्रवाह की वजह से चालक का आभासी प्रतिरोध बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया को समझाने के लिए दो चालक का सहारा लेते है। 
प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट
ऊपर के चित्र में दो चालक A तथा B दिखाए गए है। दोनों चालक से विधुत धारा I  एक ही दिशा में ऊपर की तरफ प्रवाहित हो रही है। चालक A में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय फ्लक्स B से तथा चालक B में प्रवाहित विधुत धारा की वजह से उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स A से लिंक करता है। चालक A से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा चालक B के अन्दर किसी बिंदु P पर इस सदिश के प्लेन में निचे के तरफ जाती हुई  होगी जैसा की चित्र में दिखाया गया है। चूँकि विधुत धारा का प्रवाह ऊपर की तरफ हो रहा है। 

इसलिए चालक B के अन्दर ऋणआवेशित इलेक्ट्रान निचे के तरफ भाग रहे होंगे। इन इलेक्ट्रॉन्स पर चालक A के चुंबकीय क्षेत्र की वजह से लगने वाला चुंबकीय बल की दिशा ,इलेक्ट्रान के वेग सदिश तथा चुंबकीय के कोर्स प्रोडक्ट से दिया जायेगा जो की  चालक A के तरफ होगा। जब चालक B के इलेक्ट्रॉन्स इस बल के कारण चालक A के तरफ भागेंगे तब वे चालक B के सतह पर चालक A के नजदीक इकठ्ठा हो जायेंगे। जिससे चालक B दुसरे सतह पर धन आवेश की वजह से विधुत धारा का प्रवाह होता रहेगा। जैसा की ऊपर के चित्र में दिखाया गया है।

 यही घटना चालक B के चुंबकीय क्षेत्र की वजह से ,चालक A साथ भी होती है। जिससे चालक A के सभी इलेक्ट्रान B के तरफ भागने लगते है। और चालक A के दुसरे सतह से धन आवेश की वजह से विधुत धारा प्रवाहित होती रहती है। जब चालक में प्रवाहित विधुत धारा की दिशा बदल दिया जाता है तब ऊपर वर्णित सभी प्रक्रिया बदल जाती है जिससे विधुत धारा एक दुसरे के नजदीक से प्रवाहित होने लगती है। 

प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट को प्रभावित करने वाले कारक क्या है?

इस इफ़ेक्ट को प्रभावित करने वाले कारक निम्न है :-
आवृति (frequency):- चालक से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा की आवृति बढ़ा देने से प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट बढ़ जाता है। 
व्यास (Diameter):- यदि चालक की मोटाई  अर्थात व्यास को बढ़ा दिया जाए तब प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट बढ़ जाता है। 
चालक के पदार्थ :- यदि चालक का निर्माण ऐसे पदार्थ से किया जाए जिसका लौहचुंबकत्व ज्यादा हो तब उसमे प्रोक्सिमिटी इफ़ेक्ट ज्यादा देखने को मिलेगा। 

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