Poly Phase क्या होता है ?
एक फेज से ज्यादा Power Supply System को Polyphase सिस्टम कहते है। हमारे घरो में उपयोग होने वाले ज्यादातर विधुत उपकरण सिंगल फेज सिस्टम पर कार्य करते है इसलिए हमारे पास केवल सिंगल फेज सिस्टम की ही जानकारी होती है। इसके अलावा थ्री फेज सिस्टम पर भी कार्य करने वाले मोटर या अन्य विधुत उपकरण होते है लेकिन ये थ्री फेज वाला उपकरण ज्यादातर इंडस्ट्री में ही उपयोग होते है।
इसलिए थ्री फेज की जानकरी कुछ लोगो को ही होती है। लेकिन थ्री तथा सिंगल फेज के अलावा अन्य फेज जैसे Two Phase ,four Phase आदि भी संभव है। इनका उपयोग भी होता है। लेकिन अभी तक सिंगल तथा थ्री फेज के अलावा ऐसा को इलेक्ट्रिकल उपकरण नहीं बनाया गया जो हमारे दैनिक जीवन में उपयोग हो।
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले बहुत ऐसे विधुत उपकरण उपलब्ध है जो दिखने में सिंगल फेज विधुत Supply पर कार्य करते है परन्तु आंतरिक स्तर पर वे या तो दो फेज पर कर करते है या उससे ज्यादा फेज पर।
Two Wattmeter Method द्वारा Electrical Energy का मापन
हमने ऊपर अभी देखा की सिंगल फेज से ज्यादा वाले फेज को Poly Phase सिस्टम कहते है। हमने अक्सर देखा है की सिंगल फेज सप्लाई सिस्टम में इलेक्ट्रिकल ऊर्जा के मापन के लिए एक वाटमीटर का उपयोग करते है।
लेकिन जब हमें एक से ज्यादा फेज वाले सिस्टम में खपत विधुत ऊर्जा को मापना हो तो हमें एक से ज्यादा वाटमीटर का उपयोग करना होगा। एक से ज्यादा फेज से संबंधित विधुत ऊर्जा को मापने के लिए ब्लोंडेल थ्योरम का उपयोग किया जाता है। इस थ्योरम के अनुसार
आयल सर्किट ब्रेकर कैसे कार्य करता है ? यहाँ जाने। यदि कोई n फेज का पावर सिस्टम है तो इस पावर सिस्टम में खपत विधुत ऊर्जा को मापने के लिए कुल (n-1) वाटमीटर की आवश्यकता होगी। इन (n-1) वाटमीटर के Current Coil को दो फेज के साथ तथा Pressure Coil को तीसरे फेज के साथ। यदि n = 3 हो तो यह एक थ्री फेज पावर सिस्टम होगा जिसमे प्रवाहीत विधुत धारा को मापने के लिए (3-1) =2 वाटमीटर की जरुरत होगी।
जैसा की नीचे के तस्वीर में दिखाया गया है। इस तरह दो वाटमीटर से थ्री फेज पावर सप्लाई सिस्टम से पावर मापने की प्रक्रिया Two Wattmeter Method कहलाती है।
जैसे की ऊपर दिखाया गया है एक थ्री फेज Balance Load star Connection में एक थ्री फेज पावर Supply सिस्टम से जुड़ा है। इस लोड में प्रवाहित होने वाली विधुत धारा को मापने के लिए दो वाटमीटर को लोड से जोड़ा गया है।प्रत्येक वाटमीटर द्वारा मापी गई विधुत ऊर्जा का योग ही लोड द्वारा खपत की गई ऊर्जा की मात्रा होगी। माना की लोड द्वारा खपत की गई कुल विधुत ऊर्जा की मात्रा P है। तब
P=P1 + P2
P = I1(V1 – V3 ) + I2(V2
– V3)
P = V1I1
+ I2V2 – V3(I1 + I2)
चूँकि हमें मालूम है की एक Balance load के लिए
I1+I2+I3 = 0
I1 + I2 = -I3
P = V1I1 + I2V2 – V3(I1 + I2)P = V1I1 + I2V2 – V3(-I3)
P = V1I1 + I2V2 + V3I3
अर्थात तीनो फेज से प्रवाहीत विधुत ऊर्जा केवल दो वाटमीटर के उपयोग से मापा जा सकता है।
हमें मालूम है की Star Connected Balance लोड के लिए फेज वोल्टेज तथा लाइन वोल्टेज में एक सम्बन्ध होता है जो कुछ इस तरह होता है।
V13 = V12 = V23 =√3 V
जहाँ
V1 = V2 = V3 = V फेज वोल्टेज है।
इसके अलावा फेज करंट तथा लाइन करंट हमेशा सामान रहते है।
I1=
I2 = I3 = I
पहले वाटमीटर द्वारा मापी गई विधुत ऊर्जा
P1
= V13ICos(30
– Φ)
P1
= √3VICos(30 – Φ) -----(1)
जहाँ Φ लोड का पावर फैक्टर है।
दूसरे वाटमीटर द्वारा मापी गई विधुत ऊर्जा
P2
= V23ICos(30
+ Φ)
P2
= √3VICos(30 +Φ) -----(2)
ऊपर के दोनों समीकरण को जोड़कर Solve करने पर
P1 + P2 = 3VICosΦ -----(3)
समीकरण (1) से समीकरण (2) को घटाकर Solve करने पर
P1 - P2 = √3VISinΦ -----(4)
समीकरण (4) को समीकरण (3) से भाग देकर Solve करने पर
इस समीकरण को Solve करने पर
इस समीकरण को Φ के लिए Solve करने पर।
tan Φ = √3{(P1 –
P2)/ (P1 + P2)}
इस समीकरण के मदद से हम जुड़े हुए लोड का पावर फैक्टर ज्ञात कर सकते है।
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