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Alternator तथा Generator दोनों ही alternating करंट (AC ) करंट उत्पन्न करते है। लेकिन इन दोनों में थोड़ा अंतर होता है। यदि आपको इस अंतर के बारे में नहीं पता है तो हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताएँगे।
Alternator
अल्टरनेटर में DC supply को Rotor के साथ जोड़ा जाता है ,तब रोटर में एक मजबूत मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न हो जाता है। जब रोटर को घुमाया जाता है तब यह मैग्नेटिक फील्ड तथा स्टेटर के कंडक्टर के बीच आपेक्षिक जाती होने के कारण ,स्टेटर के कंडक्टर(Coil) में अल्टेरनेटिंग EMF (Voltage) उत्पन्न हो जाता है। जब इस वोल्टेज को किसी लोड से जोड़ा जाता है तब इससे Alternating Current (AC) चलने लगता है।
Generator
जनरेटर में DC सप्लाई को स्टेटर के कंडक्टर (Coil) से जोड़ा जाता है,जिससे स्टेटर में एक स्ट्रांग मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न हो जाता है। जब रोटर को घुमाया जाता है तब मैग्नेटिक फील्ड तथा रोटर के कंडक्टर (Coil)के बीच आपेक्षिक गति होने के कारण रोटर के Coil में Alternating EMF (वोल्टेज) उत्पन्न हो जाता है। जब रोटर के Coil में उत्पन्न हुए वोल्टेज को स्लिप रिंग के मदद से किसी लोड से जोड़ा जाता है तब लोड में एक Alternating Current (AC) चलने लगता है।
कई बार कुछ लोग motor, generator and aulternator में अंतर नहीं समझ पाते और उन्हें इंटरव्यू में पूछा जाता है तो जवाब नहीं दे पाते| यदि आप इलेक्ट्रिक फील्ड में हो तो आपको इन तीनों के बारे में जरूर पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं इस
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