X-Rays की खोज?
X-Rays का उत्पादन कैसे किया जाता है?
जब यह फिलामेंट गर्म होता है तब तापायनिक प्रभाव (Heating Effect of Electric Current) के कारण इलेक्ट्रान उत्सर्जित होने लगते है। इन इलेक्ट्रान की संख्या फिलामेंट के तापमान पर निर्भर करती है। फिलामेंट F के चारो तरफ मोलिबडेनम का एक बेलन C होता है जिसे फिलामेंट के सापेक्ष में नेगेटिव वोल्टेज पर रखा जाता है।
फिलामेंट F के सामने कॉपर का एक ब्लॉक होता है जो इलेक्ट्रान पुंज के पथ से 45 डिग्री कोण पर झुका रहता है।इस ब्लॉक के तल पर मॉलीबॉडेनम या टंगस्टन जैसी उच्च द्रवणांक तथा अधिक परमाणु भार वाली धातु का का एक टुकड़ा लगा रहता है। इसे टारगेट कहते है।
कॉपर का ब्लॉक एक कॉपर के खोखली नली के सिरे पर स्थित होता है। इस नली में ठंडा जल प्रवाहीत किया जाता है। पूरी नलिका सीसे के एक खोल से घिरी होती है।
कूलिज Tube की कार्य विधि
जब एक Step Up ट्रांसफार्मर द्वारा फिलामेंट F तथा टारगेट T के बीच लगभग 20 हज़ार का Voltage Difference आरोपित करते है तब फिलामेंट से निकलने वाले इलेक्ट्रान तीव्र वेग से जाकर टारगेट T से टकराते है जिससे X-Rays निकलने लगती है।
इलेक्ट्रॉनों के Target लगातार टकराने से Target T बहुत गर्म हो जाता है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनों के कुल ऊर्जा का केवल लगभग 0.3% भाग ही X-Rays उत्पन्न करने में खर्च होता है शेष ऊर्जा उष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।
यदि उत्पन्न हुए इस उष्मीय ऊर्जा को हटाया नहीं गया तो कुछ समय बाद टारगेट पिघल जायेगा। इसी वजह से टारगेट के चारो तरफ ताम्बे के नाली में जल प्रवाहीत की जाती है। X-Rays को उत्पन्न होने के लिए यह आवश्यक है की फिलामेंट से निकलने वाले इलेक्ट्रान, टारगेट पर पहुंचने से पहले नलिका में मौजूद गैस परमाणुओं से टकराये न।
इस वजह से नलिका अंदर हाई वैक्यूम रखा जाता है। यदि ऐसी व्यवस्था नहीं की गयी तो इलेक्ट्रान गैस परमाणुओं टकरा कर अपनी ऊर्जा खो देंगे और गैस के परमाणु भी आयनित जायेंगे और इस प्रकार उत्पन्न हुए धन आयन (Positive Charge) फिलामेंट की ओर आकर्षित होकर फिलामेंट से टकरा जायेंगे।
X-Rays के गुण (Properties of X-Rays)
- ये दिखाई नहीं देती है।
- ये सीधी रेखा चलती है।
- ये प्रकाश (Light) के वेग से चलती है।
- इनमे परावर्तन,अपवर्तन ,व्यतिकरण ध्रुवण तथा विवर्तन होता है।
- इनकी तरंगदैर्घ्य प्रकाश अपेक्षा बहुत कम होता है।
- ये विधुत क्षेत्र (Electric Field) तथा चुम्बकीय क्षेत्र(Magnetic Field) में विक्षेपित नहीं होती है।
- ये किसी प्रतिदीप्त पदार्थ पर पड़ने से चमक उत्पन्न करती है।
- ये जिस भी गैस से गुजरती उसे आयनीकरण(Ionisation) कर देती है।
- इनकी वेधन क्षमता बहुत ज्यादा होती है।
- ये फोटोग्राफी प्लेट पर पड़कर उसे काला कर देती है।
- यदि ये किसी मनुष्य के शरीर पर ज्यादा समय तक डाली गयी तो ये घातक साबित हो सकती है।
X-Rays का उपयोग (Uses of X-Rays)
- सर्जरी में
- रेडियोथेरेपी में
- इंजीनियरिंग में
- जासूसी विभाग में
- प्रयोगशाला में
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