आसमानी बिजली का गिरना एक प्राकृतिक घटना है। यह एक ऐसी घटना है जिसकी पूरी जानकारी अभी तक हम इंसानो के पास नहीं है। आकाशीय बिजली को अंग्रेजी में Lightning के नाम से जाना जाता है। हिंदी में इसे वज्रपात के नाम से जाना जाता है और आम बोल चाल में लोग बिजली गिरना कहते है। इस प्राकृतिक आपदा के वजह से पुरे विश्व में प्रत्येक वर्ष कई हज़ार लोग तथा अन्य जीव अपना जान गवा बैठते है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतीक वर्ष सिर्फ इंडिया में ही 1000 से 1500 लोग प्रत्येक वर्ष आकाशीय बिजली के चपेट में आने की वजह से मारे जाते है।
आज मैं आप लोगों के साथ आसमानी बिजली से संबंधी जानकरी को साझा करने जा रहा हूँ। यदि आपको पहले इसके बारे में जानकारी है तो अच्छी बात है और नहीं है तो इस लेख को अंत तक पढ़े और यदि हमे यह लेख आपको पसन्द आती है तो कृपया कर इसे अपने मित्रगण तथा परिवार के अन्य सदस्य के साथ शेयर करे।
lightning क्या होता है ?
Lighning एक प्रकार का Electrical Discharge होता है जिसमे बहुत ही ज्यादा मात्रा में विधुत ऊर्जा प्रवाह के साथ ऋणावेशित इलेक्ट्रान का Movement होता है जो हवा को Super heated प्लाज्मा में बदल देता है।
lightning कैसे और क्यों होता है ?
लाइटनिंग को समझने से पहले हमें बादल के बारे में जानना होगा की बादल बनते कैसे है क्योकि Lighning की घटना बादलों में ही होती है। जैसा की हमने ऊपर देखा की लाइटनिंग एक प्रकार का इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होता है जिसका मतलब यह हुआ की लाइटनिंग में बहुत ज्यादा मात्रा में विधुत आवेश का प्रवाह होता है और यह विधुत आवेश बदल से ही आते है। तब यह प्रश्न उठता है की बादलों में विधुत आवेश बनते कैसे है। इस प्रश्न का जवाब बादल के बनने की प्रक्रिया से ही समझ आएगा।
बादल बनते कैसे है?
जब पृथ्वी की सतह गर्म होती है तब इसके सतह के ऊपर मौजूद हवा तथा वाष्प के कण गर्म होने लगते है जिससे इनका घनत्व कम होने लगता है और ये ऊपर की ओर उठने लगते है। लगातार ऊपर उठने के कारण इन वाष्प कणो का तापमान कम होने लगता है जिससे ये वाष्प कण संघनित होकर बादल का रूप ले लेते है और यह प्रक्रिया लगातार होते रहती है जिससे बदल का आकार बड़ा हो जाता है।
कुछ और उच्चाई बढ़ने पर तापमान में इतनी कमी आ जाती है की पूरा बदल बर्फ (Ice) में बदल जाता है जिसे Thundercloud कहा जाता है। जब यह Thundercloud किसी दूसरे Thundercloud से टकराता है तब इनके बीच घर्षण के कारण इनके अंदर आवेश उत्पन्न हो जाता है और टकराने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है जिससे एक समय के बाद सम्पूर्ण बदल विधुत आवेश में परिवर्तित हो जाता है।
बादलों में हलके धन आवेश बादल के ऊपरी सतह तथा ऋण आवेश निचले सतह पर इकठ्ठा हो जाते है। बदलो में इस प्रकार आवेश उत्पन्न होने के कारण तीन प्रकार की Lightning होती है। जो इस प्रकार है ;-
एक ही बादल के बीच
जब एक ही बादल के बीच धन तथा ऋण आवेश की संख्या लगातार बढ़ने लगती है तब एक निश्चित परिमाण के इन दोनों प्रकार के बदलो के बीच एक Electric Spark होता है जो हमें चिंगारी के रूप में दिखाई देता है। जैसे की ऊपर चित्र में दिखाया गया है। चूँकि यह बादल के अंदर होता है इसलिए इससे पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों को हानि नहीं होती है। इस तरह के लाइटनिंग को Intracloud Lightning कहते है तथा यह बहुत ही कम घटित होता है।
दो बदलो के बीच Lightning
जब दो बादल एक दूसरे के नजदीक होते है तथा इनके विपरीत आवेश वाले हिस्से एक दूसरे के नजदीक पहुंचते है तब इनके बीच एक Electrical Spark होता है। इस प्रकार के लाइटनिंग को Cloud To Cloud Lightning कहा जाता है। इस प्रकार के लइनिंग की घटना बहुत ज्यादा होती है। इसमें बहुत ही ज्यादा मात्रा में प्रकाश उत्पन्न होता है। इस प्रकार के लाइटनिंग से भी पृथ्वी पर रहने वाले जिव जन्तुओ को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है। जैसे दिखाया गया है।
बादल तथा पृथ्वी के सतह के बीच
जब किसी बादल में बहुत ही ज्यादा मात्रा में विधुत आवेश उत्पन्न हो जाता है और यह बदल जब किसी उच्चे मकान ,पेड़ या टॉवर के ऊपर से गुजरता है तब बादल तथा इनके बीच Electrical Discharge हो जाता है।
चूंकी हमने देखा की बादल के निचले हिस्से में ऋण आवेश इकठ्ठा हुए होते है और जब वह बदल किसी पेड़ ,मकान या टावर के ऊपर से गुजरता है तब इनमे induction के कारण धन आवेश उत्पन्न कर देता है। इस प्रकार उत्पन्न हुए धन आवेश तथा बदल के बीच एक विधुत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।
इस विधुत क्षेत्र की दिशा धन आवेश से ऋण आवेश की ओर होता है। इस प्रकार उत्पन्न हुए विधुत क्षेत्र का परिमाण 30k Volt प्रति सेंटीमीटर होता है जो किसी भी प्रकार के medium को Electrically Puncture करने के लिए काफी होता है। इसी विधुत क्षेत्र के कारण धन आवेश तथा बादल के बीच मौजूद हवा का ब्रेकडाउन हो जाता है और यह हवा एक चालक के भाति कार्य करने लगता है।
Image Credit :https://www.weatherwizkids.com/ |
हवा के ब्रेकडाउन हो जाने के बाद बादल से ऋण आवेश का प्रवाह धन आवेश के तरफ होने लगता है जो हमें Electrical Spark की तरह दिखाई देता है। इस प्रकार के लाइटनिंग को Cloud To Ground Lightning कहते है। इस प्रकार आवेश प्रवाह के कारण जो विधुत धारा प्रवाहीत होती है उसका परिमाण लगभग दस हज़ार ऐम्पियर के करीब होता है।
जब यह विधुत धारा हवा में प्रवेश करती है तब यह हवा में एक Hole उत्पन्न कर देती है जिसे Channel कहा जाता है। विधुत धारा प्रवाहीत होने के बाद इस Channel के चारो तरफ की हवा इसके तरफ भागती है जिसके कारण एक आवाज़ उत्पन्न होती है जो हमें बिजली गिरने के कुछ समय बाद सुनाई देती है।
इस प्रकार की Lightning बहुत ही कम होती है लेकिन चूँकि यह पृथ्वी पर होती है इसलिए इससे पृथ्वी पर रहने वाले जीवो को नुकसान पहुँचता है। इसलिए यह घातक होती है।
यदि आपको आसमान में घने काले बादल गड़गड़ाहट के साथ दिखाई देने लगे तब समझ जाईए की इस क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना ज्यादा है इसके अतिरिक्त यदि केवल बादल गरजने की आवाज़ सुनाई दे तब भी बिजली गिरने की संभावना रहती है।
इन सभी के अतिरिक्त यदि आपके बाल खड़े हो जाये या आपके त्वचा में झनझनाहट होने लगे या दोनों एक साथ होने लगे तो आप निश्चित हो जाइये की आपके बगल में ही बिजली गिरने वाली है।
कैसे मालूम करे की यहाँ बिजली गिरने वाली है?
बिजली कब और कहाँ गिरेगी इसकी सटिक जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है। अभी तक की Latest जानकारी के आधार पर किसी स्थान पर होने वाली परिवर्तन को देखकर बिजली गिरने की संभावना को ज्ञात कर सकते है।यदि आपको आसमान में घने काले बादल गड़गड़ाहट के साथ दिखाई देने लगे तब समझ जाईए की इस क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना ज्यादा है इसके अतिरिक्त यदि केवल बादल गरजने की आवाज़ सुनाई दे तब भी बिजली गिरने की संभावना रहती है।
इन सभी के अतिरिक्त यदि आपके बाल खड़े हो जाये या आपके त्वचा में झनझनाहट होने लगे या दोनों एक साथ होने लगे तो आप निश्चित हो जाइये की आपके बगल में ही बिजली गिरने वाली है।
इन सब के अलावा Google Play Store से IITM Pune द्वारा जारी किए गए Damini Alert मोबाइल एंड्राइड ऐप को डाउनलोड कर ले। यह एंड्राइड ऐप आपके क्षेत्र के 20 KM में गिरने वाली बिजली के स्थान के बारे में आपको 20 मिनट पहले alert कर देगा।
Google Play Store ऐप डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करे।
आसमानी बिजली से अपने को कैसे बचाएं ?
यदि आपको इस बात का एहसास होने लगे की हमारे अगल बगल कही बिजली गिराने वाली है या गिर सकती है तब आप इन बातो को ध्यान में रखकर अपने आप को सुरक्षित कर सकते है :-
- जब भी वर्षा हो रही हो उस वक्त अपने घर से बाहर न जाये।
- यदि आप घर से बाहर है और वर्षा हो रही है तो किसी भी वृक्ष के नीचे न जाये बल्कि अपने आप को अपने पास वाली सबसे उच्ची वृक्ष से 150 से 200 मीटर की दूरी पर खड़े रहे।
- यदि आपके पास कोई इलेक्ट्रॉनिक्स सामान जैसे मोबाइल फ़ोन हो तो उसे बंद कर ,उसकी बैटरी निकाल दे।
- जब आसमान में बदल गरज रहे हो उस समय अपने घर के सभी विधुत उपकरण जैसे टीवी फ्रीज आदि को Main Supply बोर्ड से अलग कर दे।
नोट :- आसमानी बिजली किसी भी क्षेत्र के सबसे उच्चाई वाली वस्तु (जैसे टावर ,पेड़ ,उच्ची मकान चिमनी आदि ) पर गिरती है इसलिए इन सभी वस्तुओ को बिजली से बचाने के लिए इनके ऊपरी हिस्से पर एक धातु के रॉड को लगाया जाता है तथा इस रॉड को एक मोटे से चालक (Copper या Aluminum wire) से जोड़कर नीचे धरती में जोड़ दिया जाता है।
जब भी आसमानी बिजली इस वस्तु पर गिरती है तो सबसे पहले वह धातु के टुकड़े पर परती है तथा चालक से होते हुए पृथ्वी में चली जाती है जिससे उस उच्ची वस्तु में किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है।
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